यूपी : इन स्कूलों में अब नहीं होगी 9वीं की बोर्ड परीक्षा, विद्यालय अपने लेवल पर लेंगे परीक्षाएं
यूपी के संस्कृत विद्यालयों में नौंवी की बोर्ड परीक्षा अब नहीं होगी। सरकार ने छात्रों पर बोर्ड परीक्षाओं के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रयोग के तौर पर यह फैसला किया है। इसके तहत पूर्व मध्यमा अर्थात नौवीं की बोर्ड परीक्षा अबकि संस्कृत शिक्षा बोर्ड नहीं कराएगा बल्कि होम इक्साम होगा अर्थात विद्यालय द्वारा अपने स्तर से नौवीं की परीक्षा कराई जाएगी।
संस्कृत विद्यालयों में मौजूदा व्यवस्था के अनुसार छठवीं से उपर की सभी कक्षाओं मसलन छठवीं (प्रथमा-1) से लेकर 12 वीं (उत्तर मध्यमा-2) तक की मुख्य परीक्षाएं संस्कृत शिक्षा बोर्ड द्वारा कराई जाती हैं। अबकि पहली बार नौवीं के छात्रों को स्कूल द्वारा कराई जाने वाली तिमाही, छमाही एवं वार्षिक परीक्षा में शामिल होना होगा।
पिछले काफी समय से इस बात पर लगातार सवाल उठ रहे थे कि अन्य बोर्डों में जब मात्र दो 10 वीं और 12 वीं की ही बोर्ड परीक्षाएं होती हैं तो संस्कतृत के छात्रों को लगातार छह बार बोर्ड की परीक्षाएं लिया जाना कहां तक उचित है! इससे छात्रों पर अत्यधिक मानसिक दबाव पड़ता है। लिहाजा संस्कृत के विद्यार्थियों के मानसिक दबाव को कम किया जाना चाहिए।
इस पर संस्कृत शिक्षा बोर्ड भी अब सहमत हो चुका है। बोर्ड ने प्रयोग के तौर पर इस बार नौवीं की परीक्षा को एक़ वर्ष के लिए बोर्ड परीक्षा की परिधि से बाहर किया है। अगर परिणाम सकारात्मक आए तो अन्य कक्षाओं मसलन छठी से आठवीं तक एवं 11 वीं की परीक्षा को भी स्कूलों के माध्यम से कराने पर विचार किया जाएगा।
प्रदेश में संस्कृत स्कूल एवं छात्रों की स्थिति-
- यूपी में इस समय संस्कृत इंटर कालेजों की संख्या-1246 है
- इनमें से एडेड संस्कृत विद्यालय-973
- राजकीय संस्कृत विद्यालयों की संख्या- 02
- शेष प्राइवेट संस्कृत विद्यालय हैं जिनकी संख्या- 271
सभी संस्कृत विद्यालय वर्ष 2000 से पूर्व संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से सम्बद्ध थे। इस बाद प्रदेश में गठित उत्तर प्रदेश संस्कृत शिक्षा बोर्ड से सम्बनदध हो गए। तब से इन संस्कृत स्कूलों के भाग्य का फैसला संस्कृत शिक्षा बोर्ड ही करता है।
फैसला : संस्कृत स्कूलों में नौवीं की बोर्ड परीक्षा खत्म, विद्यालय अपने स्तर से कराएंगे परीक्षा
9वीं की बोर्ड परीक्षा से छात्रों पर रहता था मानसिक दबाव
यूपी में अभी 1246 संस्कृत इंटर कॉलेज
लखनऊ। यूपी के संस्कृत विद्यालयों में नौंवी की बोर्ड परीक्षा अब नहीं होगी। सरकार ने छात्रों पर बोर्ड परीक्षाओं के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रयोग के तौर पर यह फैसला किया है।
विद्यालय अपने स्तर पर कराएंगे परीक्षाः
पूर्व मध्यमा अर्थात नौवीं की बोर्ड परीक्षा अबकि संस्कृत शिक्षा बोर्ड नहीं कराएगा बल्कि होम इक्साम होगा अर्थात विद्यालय द्वारा अपने स्तर से नौवीं की परीक्षा कराई जाएगी। संस्कृत विद्यालयों में मौजूदा व्यवस्था के अनुसार छठवीं से उपर की सभी कक्षाओं मसलन छठवीं (प्रथमा - 1 ) से लेकर 12 वीं (उत्तर मध्यमा - 2 ) तक की मुख्य परीक्षाएं संस्कृत शिक्षा बोर्ड द्वारा कराई जाती हैं।
अबकि पहली बार नौवीं के छात्रों को स्कूल द्वारा कराई जाने वाली तिमाही. छमाही एवं वार्षिक परीक्षा में शामिल होना होगा।
लखनऊ । यूपी के संस्कृत विद्यालयों में नौंवी की बोर्ड परीक्षा अब नहीं होगी। पिछले काफी समय से इस बात पर लगातार सवाल उठ रहे थे कि अन्य बोर्डों में जब मात्र दो 10 वीं और 12 वीं की ही बोर्ड परीक्षाएं होती हैं तो संस्कतृत के छात्रों को लगातार छह बार बोर्ड की परीक्षाएं लिया जाना कहां तक उचित है!
इससे छात्रों पर अत्यधिक मानसिक दबाव पड़ता है। इस पर संस्कृत शिक्षा बोर्ड भी अब सहमत हो चुका है। बोर्ड ने प्रयोग के तौर पर इस बार नौवीं की परीक्षा को एक वर्ष के लिए बोर्ड परीक्षा की परिधि से बाहर किया है।
कक्षाओं का निर्धारण
छठवीं कक्षा- प्रथमा - 1
सातवी कक्षा - प्रथमा - 2
आठवीं कक्षा- प्रथमा-3
नौवीं कक्षा- पूर्व मध्यमा - 1
10 वीं कक्षा- पूर्व मध्यमा -2
11 वीं कक्षा उत्तर मध्यमा- 1
- 12 वीं कक्षा- उत्तर मध्यमा- 2
नई प्रस्तावित व्यवस्था का पूरा स्ट्रक्चर तैयार हो जाने के बाद विस्तार से छात्रों से लेकर अन्य सभी से सारी जानकारी साझा की जाएगी। –आर के तिवारी, सचिव, उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा बोर्ड
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