राजकीय स्कूल में लैंग्वेज लैब, पढ़ाएंगे विदेशी भाषा
● हिन्दी, संस्कृत, आधुनिक एवं प्राचीन भाषा पर भी जोर
● भाषाओं के अध्ययन के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल बनाएंगे
● 600 स्कूलों में बनाए जाएंगे आर्ट रूम
माध्यमिक विद्यालय के बच्चों की भाषा दक्षता बढ़ाने के लिए कोशिशें शुरू हो गई हैं। प्रत्येक मंडल मुख्यालय के जिले में एक राजकीय विद्यालय में विदेशी भाषा पढ़ाने की सुविधा और पार्ट टाइम शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। अगले दो सालों में स्कूलों में लैंग्वेज लैब भी स्थापित की जाएंगी। इसकी जिम्मेदारी यूपी बोर्ड और संस्कृत शिक्षा परिषद के सचिव को दी गई है।
पठन-पाठन में हिन्दी, संस्कृत, आधुनिक एवं प्राचीन भारतीय भाषाओं पर बल दिया जाएगा। प्रत्येक जिले में एक राजकीय विद्यालय में दूसरे प्रदेश की आधुनिक भारतीय भाषाएं भी पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। मंडल मुख्यालय के एक राजकीय विद्यालय की लाइब्रेरी में शास्त्रत्त्ीय भाषाओं के साहित्य की उपलब्धता और छात्रों के लिए विकल्प के रूप में इन भाषाओं के अध्ययन के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किए जाएंगे।
600 स्कूलों में बनाए जाएंगे आर्ट रूम
कला और शिल्प के माध्यम से विद्यार्थियों में संस्कृतियों एवं विरासत के संरक्षण तथा कलाकृतियों और छवियों को महत्व देने की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए 600 माध्यमिक विद्यालयों में आर्ट रूम का निर्माण भी प्रस्तावित है। अधिकारियों का मानना है कि रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न होने से बच्चों को सकारात्मक, मूर्त और सार्थक तरीके से खुद को व्यक्त करने और सक्षम बनने का अवसर मिलेगा।
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