उदाहरण : हाईकोर्ट और शासन के आदेश के बावजूद फीस नहीं लौटाई, इस जनपद के सौ निजी स्कूलों पर एक-एक लाख जुर्माना
हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने पर गौतमबुद्धनगर के डीआइओएस ने स्कूलों पर की कार्रवाई
10 दिनों में राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त पांच लाख का अर्थदंड भी
ग्रेटर नोएडा: कोरोना काल के दौरान सत्र 2020-21 में अभिभावकों से ली गई फीस का 15 प्रतिशत वापस करने के हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन ने 100 से अधिक निजी स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि 10 दिनों के अंदर जमा नहीं करने वाले स्कूलों पर अतिरिक्त पांच लाख का अर्थदंड लगाया जाएगा।
जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक में डीएम मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में संचालित करीब 225 में से 100 से अधिक स्कूलों पर कार्रवाई हुई है। वहीं 81 से अधिक स्कूलों की ओर से डीआइओएस डा. धर्मवीर को फीस समायोजित या वापस करने की सूचना दी गई है।
डीआइओएस ने बताया कि हाईकोर्ट ने छह जनवरी को स्कूलों को वर्तमान शैक्षिक सत्र में 15 प्रतिशत फीस समायोजित या वापस करने के निर्देश दिये थे। सरकार की ओर से भी 16 फरवरी को फीस समायोजित करने का निर्देश दिया गया था। 25 फरवरी को जिले स्तर से भी सभी स्कूलों को नोटिस जारी किए गए। कुछ स्कूलों को छोड़कर अन्य स्कूलों की ओर से फीस समायोजित नहीं की गई। इसके साथ ही हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही थी।
लगातार नोटिस को नजरअंदाज करने पर आठ अप्रैल को 10 स्कूलों और 15 अप्रैल को सभी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया कि क्यों न उनपर कार्रवाई की जाए। इसके बाद कुछ निजी स्कूलों को छोड़कर अन्य स्कूलों ने संज्ञान नहीं लिया।
इस बीच डीएम ने शासन को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि जिन स्कूलों की और से कोरोना काल में पहले ही 20 से 30 प्रतिशत फीस माफ की जा चुकी है। ऐसे में उन स्कूलों को न्यायालय के आदेश में शामिल किया जाए कि नहीं। कुछ स्कूलों ने डीआइओएस को जवाब में बताया है कि कोरोना काल में उन्होंने अभिभावकों को स्वयं अपनी तरफ से 20 से 30 प्रतिशत की छूट दी थी।
बिना अनुमति फीस वृद्धि करने पर लगाया अर्थदंड : एपीजे स्कूल नोएडा ने वर्तमान शैक्षिक वर्ष में 35 प्रतिशत फीस वृद्धि किये जाने से पूर्व जिला शुल्क नियामक समिति से अनुमोदन प्राप्त नहीं किया। उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अधिनियम-2018 के प्रविधानों का उल्लंघन करने से जिला शुल्क नियामक समिति ने स्कूल पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है।
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