शिक्षा की गुणवत्ता के लिए खेल का मैदान जरूरी : हाईकोर्ट
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि स्कूलों में खेल मैदान का होना शिक्षा की गुणवत्ता एवं स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। कोर्ट ने विद्यालय परिसर में खेल मैदान की अनिवार्यता न होने और परिसर से बाहर खेल मैदान होने पर भी मान्यता देने के प्रावधान को अनुचित व निराधार करार दिया है। साथ ही स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से हलफनामा मांगा है।
कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी भदोही को हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया है कि विद्यालय का भौतिक सत्यापन किया गया है या नहीं, यदि किया गया है तो रिपोर्ट पेश करें और संस्थान के परिसर में ही खेल मैदान है तो उसका परिमाप बताएं।
आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने सदानंद व दाता प्रसाद हेरिटेज जूनियर हाईस्कूल भदोही की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट के आदेश पर उपस्थित बेसिक शिक्षा अधिकारी भदोही भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि विद्यालय परिसर में खेल मैदान होना मान्यता देने के लिए आवश्यक नहीं है। वह स्कूल के पास में भी हो सकता है, जिसका बच्चे उपयोग कर सकते हो।
मान्यता के लिए स्कूलों में प्ले ग्राउंड अनिवार्य क्यों नहीं?
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि स्कूलों में प्ले ग्राउंड का होना शिक्षा की गुणवत्ता, स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। कोर्ट ने विद्यालय परिसर में प्ले ग्राउंड की अनिवार्यता न होने और परिसर के बाहर प्ले ग्राउंड होने पर भी मान्यता देने के उपबंध को वेग, निराधार करार दिया है।
कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश से हलफनामा मांगा है। साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी भदोही को हलफनामा दाखिल कर यह बताने का आदेश दिया है कि क्या विद्यालय का भौतिक सत्यापन किया गया है, अगर किया गया है तो रिपोर्ट दें और संस्था परिसर में ही प्ले ग्राउंड है तो उसका परिमाप बताएं। याचिका की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।
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