DRDO और ISRO के विशेषज्ञ युवाओं का करेंगे मार्गदर्शन, स्कूल-कॉलेजों में बढ़ेगा स्पेस एजुकेशन का दायरा
■ इसरो का नोडल केंद्र इंडिया स्पेस वीक देगा संबद्धता
■ शांतिपुरम में खुला है इंडिया स्पेस वीक का कार्यालय
प्रयागराज । स्कूल से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालय तक अंतरिक्ष शिक्षा (स्पेस एजुकेशन) का दायरा बढ़ेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की इकाई भारतीय रिमोट सेंसिंग संस्थान के नोडल सेंटर भारत अंतरिक्ष सप्ताह ने इसकी पहल की है।
शांतिपुरम में खुला नोडल सेंटर अंतरिक्ष शिक्षा के प्रति समाज में, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, कॉलेज, स्कूल एवं सभी शिक्षण संस्थाओं में जागरूकता अभियान चलाने का काम कर रहा है। साथ ही शिक्षण संस्थाओं को अंतरिक्ष पाठ्यक्रम की संबद्धता भी प्रदान करता है।
प्रयागराज स्थित क्षेत्रीय कार्यालय (नोडल सेंटर) की ओर से संबद्ध संस्थानों में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) / इसरो जैसे प्रतिष्ठित संस्थाओं के विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और शैक्षणिक सत्र आयोजित किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान में छात्रों की रुचि विकसित कराने की दिशा में यह प्रयास है।
भारत अंतरिक्ष सप्ताह के अनुरोध पर राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी ने माध्यमिक और बेसिक शिक्षा निदेशकों को पत्र लिखकर अधिक से अधिक बच्चों को इस अभियान से जोड़ने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।
करियर में मददगार
भारत अंतरिक्ष सप्ताह का उद्देश्य छात्र - छात्राओं को रिमोट सेंसिंग और जियोइन्फार्मेशन साइंस के विषय में सीखने का अवसर उपलब्ध कराना है। ताकि वे अपना करियर संवार सकें। इन विषयों के पाठ्यक्रम के माध्यम से वे अपना ज्ञान और प्रायोगिक विशेषज्ञता को समृद्ध कर सकते हैं। संस्थान कई ऑनलाइन पाठ्यक्रम की सुविधा देता है।
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