सभी शिक्षा बोर्ड में एक समान परीक्षा और मूल्यांकन की तैयारी, मंथन जारी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार, केंद्र और विभिन्न राज्यों के अलग-अलग शिक्षा बोर्ड के मूल्यांकन की प्रक्रिया में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत समरूपता लाने के लिए सामान्य मूल्यांकन प्रणाली को स्थापित करना चाहता है। इस संबंध में सहमति बनने की स्थिति में देश के सभी स्कूली शिक्षा बोर्ड परीक्षा और आकलन का एक जैसा फॉर्मूला अपना सकते हैं। इस समय देश में 60 बोर्ड हैं। आठ राज्यों में सेकंडरी और सीनियर सेकेंडरी के लिए अलग-अलग बोर्ड हैं।
स्कूल शिक्षा सचिव ने मंगलवार को बताया देश के सभी स्कूली शिक्षा बोर्डों के बीच एकरूपता लाने के लिए गठित परख एजेंसी की अगुवाई में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर मंथन जारी है।
अब सभी 60 स्कूल बोर्ड के लिए एक समान सिस्टम बनेगा, परीक्षा पद्धति और बोर्ड में समानता लाने की तैयारी कर रही केंद्र सरकार
नई दिल्ली। देशभर के छात्रों और अभिभावकों के लिए बड़ी राहत की खबर है सभी 60 शिक्षा बोर्ड के लिए सरकार यूनिफार्म सिस्टम लाने की तैयारी कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत देश के सभी बोर्ड की परीक्षा प्रक्रिया, मूल्यांकन, पाठ्यक्रम और सभी बोर्ड को एक समानता देने की योजना है।
राज्यों की सहमति बन जाती है तो फिर देश के सभी बोर्ड के नाम बेशक अलग होंगे, पर उनका कामकाज एक समान होगा। छात्रों को सबसे अधिक लाभ होगा। शिक्षा मंत्रालय, परख (राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र और राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के साथ पिछले दिनों मूल्यांकन पर पहली राष्ट्रीय स्तर की बैठक स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई है।
परीक्षाएं व मूल्यांकन समान होने से छात्रों को मिलेगा लाभ
सभी स्कूल बोर्ड की एक समानता होनी जरूरी है। वर्तमान में देशभर में लगभग 60 स्कूल परीक्षा बोर्ड हैं, जो विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में काम कर रहे हैं। हालांकि अलग-अलग परीक्षा और मूल्यांकन पद्धति होने से छात्रों को परेशानी होती है। इसलिए एक एकीकृत ढांचा स्थापित करना जरूरी है। यह विभिन्न बोर्ड या क्षेत्रों के बीच छात्रों के लिए एक समान व्यवस्था बनाएगा। इसमें पाठ्यक्रम मानकों को संरेखित करना, ग्रेडिंग सिस्टम, और मूल्यांकन के तरीकों में बदलाव की जरूरत है, ताकि विश्वसनीयता, प्रमाणपत्रों की मान्यता और बोडों में प्राप्त ग्रेड को बढ़ाया जा सके। -संजय कुमार, सचिव, स्कूल शिक्षा सचिव, भारत सरकार
एक यूनिफार्म सिस्टम पर राज्यों से मांगी राय
परख को एनसीईआरटी के तहत संगठन के रूप में स्थापित किया गया है। यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल बोर्डों को एक साझा मंच पर लाने का काम करेगा। पहली बैठक में शिक्षा मंत्रालय और परख द्वारा देश भर में स्कूल मूल्यांकन, परीक्षा पद्धतियों और बोडों की समानता विषय पर बात हुई। इसमें सभी राज्यों से उनके 60 स्कूल बोर्ड को एक यूनिफार्म सिस्टम पर लाने पर उनकी राय मांगी गयी है।
अभी सभी बोर्ड की अलग- अलग परीक्षा और मूल्यांकन पद्धति होने से छात्रों को नुकसान होता है। कुछ का रिजल्ट बेहतरीन होता है तो कुछ बोर्ड के छात्रों के अंक अधिक आने के बाद भी उनको प्राथमिकता नहीं मिल पाती है। बैठक में शिक्षा मंत्रालय, सीबीएसई, एनसीईआरटी, एनआईओएस, एनसीवीईटी और एनसीटीई के अलावा राज्य शिक्षा सचिव, राज्य परियोजना निदेशक स्कूल, एससीईआरटी समेत देशभर के प्रदेश परीक्षा बोर्ड के अधिकारी शामिल हुए थे।
देशभर के सभी शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं एक साथ कराने पर मंथन
प्रयागराज। देशभर के शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं एकसाथ कराने पर मंथन हो रहा है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) नई दिल्ली में पिछले दिनों देश के विभिन्न बोर्ड के अधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। इसका सबसे अधिक फायदा 12वीं के बच्चों को होगा। इस फैसले से उन्हें उच्च शिक्षा में प्रवेश के समय होने वाली परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
दरअसल इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए जेईई-मेन्स और जेईई-एडवांस जबकि मेडिकल में दाखिले के लिए नीट भी एकसाथ होता है। पिछले साल से सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (सीयूईटी यूजी) कराने लगी है।
जबकि विभिन्न बोर्ड की परीक्षाएं अलग-अलग होने से किसी का परिणाम जल्द तो किसी का देरी में आता है। ऐसे में जिन बोर्ड का परिणाम देर में आता है उनके 12वीं के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश के समय कठिनाई होती है।
यह देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर सभी बोर्ड के लिए परीक्षा कराने और परिणाम घोषित करने के लिए समयसीमा तय करने पर विचार हो रहा है। ताकि निर्धारित समय में 12वीं तक के रिजल्ट जारी हो जाएं और बच्चों को आगे दाखिले में कठिनाई का सामना न करना पड़े। हालांकि एनसीईआरटी दिल्ली में हुई बैठक में कम बोर्ड के प्रतिनिधियों के पहुंचने के कारण अभी इस पर कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है। लेकिन आने वाले दिनों में फिर से इस पर बैठक बुलाने पर सहमति बनी है।
शीर्ष अधिकारियों ने की यूपी बोर्ड की तारीफ
एनसीईआरटी नई दिल्ली में बैठक के दौरान यूपी बोर्ड की तारीफ हुई। देश में परीक्षार्थियों की 10वीं-12वीं की परीक्षा समय से कराने और परिणाम देने पर शीर्ष अधिकारियों ने यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल समेत पूरी टीम की सराहना की।
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