यूपी के संस्कृत स्कूलों में मानदेय पर भर्ती होंगे 2100 शिक्षक
🔴 1246 संस्कृत विद्यालय
● संस्कृत विद्यालयों में 973 एडेड और 2 राजकीय विद्यालय हैं।
● सभी 2000 से पूर्व संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से सम्बद्ध थे।
● वर्ष 2000 में उप्र संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन हुआ।
● संस्कृत विद्यालयों को परिषद से सम्बद्ध कर दिया गया।
लखनऊ। प्रदेश के हर मण्डलों में खुलने जा रहे आवासीय संस्कृत विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की बहाली होने तक मानदेय पर 2100 अध्यापक रखे जाएंगे। पढ़ाई में किसी प्रकार का व्यवधान न हो इसके लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों की भी सेवा लेने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही अभी संविदा पर तैनात 1700 संस्कृत शिक्षकों का पुनचयन किया जाएगा।
संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के माध्यम से होगी। परिषद ही अब शिक्षकों के शिक्षण कार्य से जुड़े कार्यों से लेकर उनकी समस्याओं के निराकरण का भी कार्य करेगी।
अब तक की व्यवस्था के अनुसार संस्कृत विद्यालयों के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से शिक्षकों की भर्ती होती रही है। इसमें काफी समय लगने की आशंका है लिहाजा सरकार अब संस्कृत विद्यालयों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जिम्मेदारी संस्कृत शिक्षा परिषद को देना चाहती है।
इसमें भी एक पेंच फंसा है। परिषद को अधिकार देने के लिए कैबिनेट से निर्णय करा कर दोनों सदनों से पास करना होगा। इस प्रक्रिया में भी थोड़ा-बहुत वक्त तो लगेगा। ऐसे में नया रास्ता निकाला गया है कि नए विद्यालयों के प्रारभ्म होने से पहले मानदेय पर शिक्षकों को रखा जाए।
संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति के अलावा जो शिक्षक 31 मार्च तक संविदा पर थे, उनकी संविदा के नवीनीकरण के भी प्रस्ताव कैबिनेट में भेजे गए हैं। आचार संहिता समाप्त होने के बाद मानदेय व संविदा पर नियुक्ति शुरू होगी। -जितेन्द्र प्रताप सिंह, सदस्य-उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद
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