कक्षा-1 में एक सीट, उस पर भी आरटीई से दाखिला, ये दरियादिली नहीं, निजी स्कूलों का घालमेल है...
गरीब बच्चों का ऐसे हक मार रहे स्कूल
लखनऊ। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को दाखिला न देना पड़े, इसके लिए निजी स्कूलों ने राजधानी लखनऊ में शासन की नाक के नीचे ही नया खेल शुरू कर दिया है। कई स्कूल ऐसे हैं जो आरटीई पोर्टल पर अपने यहां कक्षा एक की कुल सीटों की संख्या ही कम दर्शा रहे हैं। आरटीई पोर्टल से पता चलता है कि राजधानी में कई स्कूल ऐसे हैं जिनमें कक्षा एक की कुल सीटें 10 से कम हैं, जबकि 30 से कम सीट किसी भी विद्यालय को आवंटित नहीं होती।
निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सभी निजी स्कूलों को अपने यहां की 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को निशुल्क दाखिला देना है। इनकी फीस प्रतिपूर्ति सरकार करती है। पर, फीस प्रतिपूर्ति की रकम सरकारी मानकों के हिसाब से होती है। लिहाजा यह निजी स्कूलों के लिए घाटे का सौदा होता है।
आरटीई के तहत दाखिला के लिए आवेदन ऑनलाइन आते हैं। विद्यालयों को बच्चों का आवंटन लॉटरी से होता है। चूंकि, पोर्टल पर दर्ज विद्यालयों की 25 फीसदी सीट पर ही निशुल्क दाखिले के लिए सीट का आवंटन हो सकता है, ऐसे में स्कूल कक्षा एक की कुल सीटों की संख्या में ही हेरफेर कर रहे हैं। गरीब बच्चों का हक मारकर बची सीटों पर स्कूल सुविधा संपन्न घरों के बच्चों को दाखिला देते हैं।
गरीब बच्चों का ऐसे हक मार रहे स्कूल
उदाहरण: 1 बेसिक शिक्षा विभाग के पोर्टल पर चिनहट के स्टडी होम स्कूल में कक्षा एक में महज एक सीट होने की सूचना दर्ज है। यह सीट भी आरटीई के तहत निशुल्क दाखिले के लिए आवंटित है। इसी तरह ओमनगर के नेशनल पब्लिक इंटरनेशनल स्कूल में कुल तीन सीट होने की सूचना दर्ज है। इसमें से आरटीई के लिए एक सीट है और उस पर दाखिला भी हो चुका है।
उदाहरण: 2 आरटीई पोर्टल के अनुसार मलिहाबाद के डॉ. आंबेडकर ज्ञान पब्लिक स्कूल में सिर्फ तीन सीटें हैं। 25 फीसदी के हिसाब से इसमें से एक सीट आरटीई के तहत दाखिले के लिए है और उस पर आवंटन भी है।
उदाहरण: 3 मल्लाही टोला वार्ड के सिटी इंटरनेशनल स्कूल में महज दो सीटें होने की सूचना आरटीई के पोर्टल पर दर्ज है। इस लिहाज से आरटीई के लिए यहां एक सीट है। इस एक सीट पर दावेदार बच्चे के दाखिले की सूचना दर्ज है।
दूर कराएंगे खामी
पहली लॉटरी के समय पोर्टल पर स्कूलों की फीडिंग की गई थी। इसमें कुछ गड़बड़ी है। दूसरी लॉटरी से पहले बैठक करके सीटों की संख्या को दुरुस्त कराया जाएगा। -अरुण कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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