परिवार सर्वेक्षण : हर घर का ब्योरा जुटा रही सरकार, 5 लाख शिक्षक, अनुदेशक व शिक्षामित्र सर्वे में हैं लगे
लोकसभा चुनाव के मद्देजनर सरकार की बड़ी पहल, लोगों को दिया जाएगा आधा दर्जन से अधिक योजनाओं का लाभ
लखनऊ। देश में 2021 की जनगणना भले ही शुरू नहीं हो सकी है, लेकिन प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों से कराए जा रहे परिवार सर्वेक्षण के जरिये प्रत्येक परिवार का डाटा जुटाना शुरू कर दिया है। सर्वे के जरिये प्रदेश में सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/जनजाति की आबादी के साथ आर्थिक व शैक्षिक स्थिति का आकलन भी होगा।
इसके बाद अब तक विभिन्न योजनाओं से बच पात्र परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत लाभ दिलाया जाएगा। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसे सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है। बेसिक शिक्षकों से इन दिनों स्कूलों में नामांकन, ड्राप आउट और आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिह्नित करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए परिवार सर्वेक्षण का प्रारूप तैयार किया गया है।
इसमें परिवार के मुखिया की जानकारी के तहत उसका नाम, आयु, लिंग, वैवाहिक स्थिति, सामाजिक वर्ग (सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी), शैक्षिक योग्यता, व्यवसाय, अनुमानित आय, मोबाइल नंबर, घर aG का स्वामित्व, चीपीएल या एपीएल, पूर्ण पत्ता संकलित किया जा रहा है। परिवार के 14 वर्ष से अधिक आयु सदस्यों के नाम, आयु, लिंग, मोबाइल नं वैवाहिक स्थिति, शैक्षिक योग्यता, व्यवसाय मुखिया से संबंध की जानकारी भी जुटाई जा रही इसी तरह 0-14 वर्ष की आयु के बच्चों की पूरी जानकारी ली जा रही।
परिवार सर्वेक्षण से वंचितों को लाभ देने की तैयारी
लखनऊ। परिवार सर्वेक्षण के बाद प्रदेश की सरकार विभिन्न योजनाओं से वंचितों पात्र परिवारों को लाभान्वित करेगी। खासतौर पर बच्चों की परवरिश से जड़ी योजनओं पर फोकस होगा।
■ एकल मां के बच्चे के लिए पांच सौ रुपये महीने, विधवा पेंशन और खाद्य सुरक्षा के लिए पीडीएस के जरिये राशन मिलेगा।
■ माता या पिता अथवा दोनों के विकलांग होने पर 500 रुपये विकलांग पेंशन और खाद्य सुरक्षा के तहत राशन ।
■ विकलांग बच्चों को 500 रुपये महीने पेंशन दी जाएगी। 18 वर्ष से कम उम्र में काम करने वाले बच्चों, परिवार को सहयोग के लिए बच्चों की ओर से बाल मजदूरी करने पर बाल श्रमिक योजना के तहत बेटियों को 1200 और बेटों के 1000 रुपये प्रति महीने सहायता दी जाएगी।
■ मौसमी परिस्थितियों में पलायन करने पर माता-पिता को मनरेगा में जॉब कार्ड, मुद्रा योजना के तहत 50 हजार से दस लाख रुपये तक ऋण, कक्षा 5-7 में पढ़ने वाले बेटों के लिए 4000 हजार, लड़की के लिए 5000, कक्षा 8 में पढ़ने वाले बेटों के लिए 5000 और बेटी के लिए 6000 रुपये छात्रवृत्ति दी जाएगी। लेकिन उन्हें परीक्षा में न्यूनतम 55 फीसदी अंक प्राप्त करने होंगे।
दादा-दानी या नाना-नानी द्वारा बच्चों की देखभाल पर वृद्धावस्था पेंशन के तहत 500 रुपये प्रति माह ।
■ आउट ऑफ स्कूल बालिकाओं के कस्तूरबा विद्यालय में प्रवेश पर उन्हें 100 रुपये प्रति माह ।
■ जिन लड़कियों के माता-पिता कामकाजी हैं उन्हें कन्या सुमंगला योजना के तहत आर्थिक सहायता ।
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