लखनऊ, उत्तर प्रदेश के अनुदानित व मान्यता प्राप्त व गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में अब प्री-प्राइमरी कक्षाएं भी चलाई जाएंगी। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने इसकी अनुमति दे दी है। इस बाबत मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह की ओर से नौ मई को सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को एक पत्र भी जारी किया गया है। राज्य में कुल 16513 अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। इनमें से 558 मदरसे अनुदानित हैं।
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह की ओर से जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि मदरसों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित की जाएं। इन कक्षााओं के छात्र-छात्राओं की पर्याप्त सुरक्षा, देखभाल व शिक्षण की व्यवस्था मदरसों को अपने स्रोतों से करनी होगी।
इस पत्र के अनुसार प्रदेश में मान्यता प्राप्त, अनुदानित, गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित किए जाने की अनुमति इस प्रतिबंध के साथ दी जाती है कि मदरसों के प्रबंधक, प्रबंधतंत्र अपने स्तर से सभी खर्चे वहन करेंगे और शिक्षकों की व्यवस्था करेंगे। मदरसा बोर्ड कार्यालय या शासन स्तर से इन कक्षाओं के संचालन के लिए न तो कोई धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी और न ही अतिरिक्त पदों का सृजन किया जाएगा।
रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने बताया कि मदरसों में रमजान व ईद के अवकाश के बाद नया शैक्षिक सत्र शुरू हो गया है। जो भी मदरसा प्रबंधक चाहे वह अपने यहां अपने खर्च पर प्री-प्राइमरी कक्षाएं इसी सत्र से शुरू कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्री-प्राइमरी के लिए मदरसा बोर्ड की तरफ से कोई शैक्षिक पाठ्यक्रम तय नहीं किया गया है।
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