जो छात्र किन्हीं कारणोंवश शिक्षा की मुख्य धारा से दूर हो चुके हैं उन छात्रों के लिए अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद, प्रयागराज की ओर से राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त विद्यालयों में अपने अध्ययन केंद्र स्थापित किए जाने की योजना बनायी गयी है।
इसमें शिक्षा से दूर हो चुके छात्र मुक्त विद्यालय की तर्ज पर शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। परिषद के सचिव की ओर से डीआईओएस को इसको लेकर निर्देश भी जारी किए गए हैं। शहर के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी सैकड़ो की तादाद में बच्चे शिक्षा की मुख्य धारा से दूर हैं। परिषदीय शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए बेशक महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं मगर ऐसे बच्चों की कमंीं नही है जो कि अल्प समय में ही शिक्षा से दूर हो जाते हैं।
ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने को शिक्षा मंत्रालय की ओर से पहल की गयी है जिससे कि पढ़ाई से दूरी बनाने वाले छात्र छात्राओं को इसका लाभ मिल सके। राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की ओर से दूरस्थ शिक्षा में उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के सभी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को योजना बनायी गयी है। इसमें किसी भी स्तर से कोई भी छात्र, छात्रा शिक्षा से वंचित न रहे ।
इसी के अंतर्गत सभी विद्यालयों में उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद प्रयागराज का अध्ययन केंद्र स्थापित किया जाना है। शिक्षा से विमुख हो चुके छात्र छात्राओं को अध्ययन केंद्र के माध्यम से शिक्षित कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।
राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त विद्यालयों सहित अन्य केंद्रों में परिषद का अध्ययन केंद्र स्थापित किया जायेगा। बताया जा रहा है कि परिषद के सचिव राकेश कुमार का पत्र मिला है। पत्र के आधार पर अग्रिम कार्रवाई क ी जा रही है।
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