पंद्रह फीसदी फीस लौटाने के फैसले पर छह सप्ताह की सुप्रीम कोर्ट की रोक, निजी स्कूलों से बैलेंस शीट तलब
पिछले पांच साल के खर्च बताएं स्कूल: सुप्रीम कोर्ट; स्कूलों की दलील फेलोशिप और छात्रवृत्ति में किया धन का उपयोग
नई दिल्ली। कोरोना के दौरान शैक्षणिक सत्र 2020-21 में वसूली फीस में से 15 फीसदी वापस करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील श्याम दीवान ने कहा, स्कूल ने अपने धन का उपयोग फेलोशिप और छात्रवृत्ति के लिए किया है।
पीठ ने कहा, हम पिछले पांच वर्षो की बैलेंस शीट देखना चाहते हैं। इसमें दिया। प्राप्त फीस, शिक्षकों और कर्मचारियों को भुगतान किए गए वेतन के साथ- साथ यह विवरण भी होना चाहिए कि क्या उक्त अवधि के दौरान उनके वेतन में कोई कटौती हुई थी। बैलेंस शीट में होना चाहिए कि एक अप्रैल 2020 और 31 मार्च 2022 के बीच परिचालन खर्च में कमी आई है या नहीं। पीठ ने इलाहाबाद के टैगोर पब्लिक स्कूल को भी एक अप्रैल, 2018 से पिछले पांच वित्तीय वर्षों का बैलेंस शीट पेश करने का निर्देश दिया।
स्कूलों के वकीलों ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार के एक आदेश से छात्र पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं। स्कूलों को फीस बढ़ाने से रोका गया। पीठ ने कहा, स्कूलों ने शैक्षणिक वर्ष 2019 और 2020 के दौरान भी कम खर्च किया। बिजली या बस और इसी तरह के खर्चों के लिए भुगतान नहीं करना पड़ा। दीवान ने कहा, स्कूलों के खिलाफ सख्त आदेश पारित किए जा रहे हैं। इस पर पीठ ने छह सप्ताह के लिए हाईकोर्ट के आदेश के संचालन पर रोक लगा दी।
पीठ ने स्पष्ट किया कि केवल रिफंड के आदेश को निलंबित किया जा रहा है लेकिन समायोजन का आदेश फिलहाल बना रहेगा। पिछले हफ्ते गौतमबुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट ने जिले के 100 से अधिक निजी स्कूलों पर हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
नई दिल्ली। कोरोना के दौरान शैक्षणिक सत्र 2020-21 में वसूली फीस में से 15 फीसदी वापस करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले निजी स्कूलों से सुप्रीम कोर्ट ने बैलेंस शीट तलब की है। साथ ही, राज्य प्रशासन को छह सप्ताह तक स्कूलों के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया।
जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा. यदि बैलेंस शीट जनवरी में हाईकोर्ट के जनवरी के आदेश को सही ठहराती है तो स्कूलों को फीस लौटानी होगी।
..तो नहीं करेंगे हस्तक्षेप :
पीठ ने नोएडा के एक स्कूल के वकील से कहा, कृपया, हमें यह न बताएं कि अगर माता-पिता के पास पैसे नहीं होते, तो वे भुगतान नहीं करते। वे अपने बच्चों की फीस के लिए भीख मांगेंगे, उधार लेंगे या चोरी करेंगे। हमें आप बैलेंस शीट दिखाएं। यदि पर्याप्त धन है, तो हम आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
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