स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक की पढ़ाई क्रेडिट फार्मूले से
शिक्षा मंत्रालय ने सभी पाठ्यक्रमों को क्रेडिट फ्रेमवर्क में तैयार करने के दिए निर्देश
क्रेडिट फ्रेमवर्क में नए और पहले से प्रचलित पाठ्यक्रम होंगे शामिल
प्रत्येक स्तर पर छात्रों को एक्जिट और एंट्री का भी मिलेगा विकल्प
पूरी शिक्षा व्यवस्था को एक ढांचे में लाने की सिफारिश के तहत उठाए जा रहे हैं कदम
नई दिल्ली: बिखरी शिक्षा व्यवस्था में नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के जरिए एकरूपता लाने की बड़ी कोशिश की गई है। हालांकि शुरुआती स्तर पर इसे लेकर कई तरह के संशय हैं, बावजूद इसके शिक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि अब स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक सारी पढ़ाई क्रेडिट फार्मूले से होगी। इसमें सभी कोर्सों का प्रत्येक स्तर पर क्रेडिट स्कोर तय होगा। इनमें नए और पहले से प्रचलित कोर्स शामिल होंगे।
इस फार्मूले के तहत छात्रों को किसी भी स्तर पर कोर्स को छोड़ने या फिर उससे जुड़ने की भी सुविधा मिलेगी। इंजीनियरिंग और कौशल विकास से जुड़े कोर्सों में इस फार्मूले को अनिवार्य रूप से अपनाने के लिए कहा गया है। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क की यह पहल वैसे तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत की गई है। इसमें छात्रों को पढ़ाई के प्रत्येक स्तर पर एंट्री और एक्जिट का विकल्प मुहैया कराने की सिफारिश की गई है। हालांकि पहले इसे सिर्फ नए कोर्स में लागू करने की योजना बनाई गई है, लेकिन इस बीच मंत्रालय ने साफ किया है कि क्रेडिट का यह फार्मूला सभी पुराने कोर्सों में भी लागू होगा। इसके तहत पहले से प्रचलित सभी कोर्सों को भी नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत तैयार करने के लिए कहा गया है। यह फ्रेमवर्क डिग्री के साथ डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सों में भी लागू होगा। क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत किसी कोर्स की 30 घंटे की पढ़ाई पर एक क्रेडिट मिलेगा।
नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत स्कूली शिक्षा में प्रत्येक स्तर पर पास करने के लिए जहां 40 क्रेडिट की जरूरत होगी, वहीं स्नातक से जुड़े कोर्स के प्रत्येक स्तर को पास करने के लिए भी न्यूनतम 40 क्रेडिट की जरूरत होगी। ठीक ऐसी ही क्रेडिट व्यवस्था इंजीनियरिंग और कौशल विकास से जुड़े कोर्सों में भी लागू होगी। इतना ही नहीं, क्रेडिट फ्रेमवर्क के जरिए छात्र अतिरिक्त क्रेडिट हासिल कर सीधे दूसरे स्तर में दाखिला ले सकेंगे। आइटीआइ के बाद छात्र अतिरिक्त क्रेडिट के आधार पर सीधे स्नातक कोसों में दाखिला ले सकेंगे। माना जा रहा है कि इससे पूरी शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता आएगी। छात्रों को दूसरे विकल्प चुनने के और मौके मिलेंगे।
इस बीच शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल विकास से जुड़े कोर्सों को लेकर क्रेडिट फ्रेमवर्क को अंतिम रूप दिया है। शुरू में क्रेडिट फ्रेमवर्क को सिर्फ उच्च शिक्षा तक सीमित रखा गया था। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक स्कूली शिक्षा के चारों चरण को पूरा करने पर 160 क्रेडिट मिलेगा, जबकि तीन वर्षीय स्नातक कोर्स पूरा करने पर 120 क्रेडिट व पीएचडी डिग्री मिलने तक 320 क्रेडिट हासिल करना होगा।
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