डीएलएड की जहां अतिरिक्त कक्षाएं वहां चलाएं दूसरा बैच : DGSE, डायट के निरीक्षण में मिली थीं खामियां
अवस्थापना सुविधाओं की धनराशि का पूरा प्रयोग नहीं
महानिदेशक को निरीक्षण में मिलीं खामियां, सभी डायट प्राचार्यों को दी चेतावनी
डायट पर करें सुधार, नहीं तो कार्रवाई के लिए रहें तैयार
सभी डायट में सेंट्रालाइज्ड सीसीटीवी सिस्टम होगा स्थापित
जारी धनराशि से नहीं बढ़ा सके सुविधाएं
लखनऊ। प्रदेश में स्कूली शिक्षा में बेहतरी के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की जिम्मेदारी बढ़ाई जा रही है। किंतु खुद डायट की स्थिति कई जिलों में ठीक नहीं है। हालत यह है कि कक्षाएं पर्याप्त होने के बाद चल रहे हैं। भी सौ विद्यार्थियों का ही बैच चलाया जा रहा है, जबकि विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। वहीं अवस्थापना सुविधाओं के लिए जारी बजट का भी बेहतर प्रयोग नहीं हो पा रहा है।
हाल में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने श्रावस्ती डायट का निरीक्षण किया तो उसमें काफी खामियां मिली। इसे लेकर उन्होंने प्रदेश की सभी डायट में व्यवस्था सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि श्रावस्ती में कक्षाएं उपलब्ध हैं लेकिन 100 बच्चों के ही बैच निर्देश दिया।
बैच की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव एससीईआरटी को भेजकर मान्यता लेनी चाहिए। उन्होंने यहां चल रहे निर्माण कार्य की प्रगति भी ठीक नहीं पाई। ऑडिटोरियम, लैब आदि के काम जल्दी पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश की सभी डायट को निर्देश दिया है कि अवस्थापना सुविधाओं के लिये जो धनराशि जारी की गई थी, उसका शत-प्रतिशत उपभोग करें। पेयजल, शौचालय, कक्षाओं का संचालन, फर्नीचर, कंप्यूटर की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने डीएलएड प्रशिक्षुओं की उपस्थिति पर भी फोकस करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा है कि डायट मेंटर्स कक्षाओं के संचालन में नवाचार पद्धतियों पर चर्चा करें। दीक्षा पर उपलब्ध वीडियो के साथ ही स्मार्ट क्लास का बेहतर संचालन सुनिश्चित करें। गणित, विज्ञान, अंग्रेजी आदि विषयों पर ऑनलाइन डिजिटल कंटेंट उपलब्ध हैं। इसका उपयोग करते हुए शिक्षण पद्धतियों में सुधार किया जाए।
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