छठे वेतन आयोग के आदेश में पदोन्नति तिथि का लाभ पाने को दिया ज्ञापन
पदोन्नति की तिथि से छठे वेतन का लाभ लेने के विकल्प चयन करने की सुविधा शिक्षकों को सरकार ने नौ जून 2014 के आदेश में दी थी। लेकिन अधिकारियों द्वारा अधूरी व्याख्या कर यह सुविधा एक जनवरी 2006 से एक दिसंबर 2008 के मध्य पदोन्नति प्राप्त अध्यापकों को ही उपलब्ध कराई गई। जबकि, यह सुविधा एक जनवरी 2006 के पूर्व नियुक्त व एक दिसंबर 2008 के बाद पदोन्नत अध्यापकों के लिए भी उपलब्ध थी ।
ऐसे में एक दिसंबर 2008 के बाद पदोन्नति प्राप्त अध्यापकों को भी विकल्प की सुविधा दिलाने के लिए जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने शासन तक कमर कसी है।
परिषदीय शिक्षकों को छठे वेतनमान में किसी भी पद पर पदोन्नति के बाद ग्रेड पे पर पदोन्नति प्राप्त शिक्षकों का मूल वेतन के अनुसार तनख्वाह जा रही है। लेकिन 2012 में वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिषद एवं विभाग के अधिकारियों ने प्रस्तर 11 की त्रुटिपूर्ण व्याख्या कर न्यायालय में प्रकरण को उलझा कर पदोन्नति के पद पर ग्रेड पे 4600 के अनुसार निर्धारित न्यूनतम मूल वेतन रुपए 12540 यानी 17140 रुपये के अनुसार निर्धारित वेतन को हटा दिया गया।
जबकि, एक जनवरी 2006 के पूर्व शिक्षकों को न्यूनतम मूल्य वेतन ग्रेड पे के अनुसार दिया जा रहा है। कालांतर में बेसिक शिक्षा विभाग में विज्ञान गणित की सीधी भर्ती के बाद वित्त नियंत्रक के बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश 20 अप्रैल 2016 के द्वारा ग्रेड पे के अनुसार न्यूनतम मूल वेतन देने का पत्र निर्गत किया गया।
15 सितंबर 2015 तक प्रदेश के हजारों शिक्षकों को ग्रेड पे 4600 न्यूनतम वेतन 12540 अर्थात 17140 से वंचित कर दिया गया। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ, उप्र के प्रांतीय उपाध्यक्ष विनोद कुमार, प्रांतीय कोषाध्यक्ष संजय कुमार कनौजिया एवं जिलाध्यक्ष सुरेश जायसवाल ने 18 जून 2023 को प्रमुख सचिव वित्त विभाग उत्तर प्रदेश शासन दीपक कुमार से मिलकर 17140 के विकल्प के आदेश में संशोधन को ज्ञापन सौंपा है।
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