एमबीबीएस फाइनल की एक परीक्षा 'नेक्स्ट' इसी वर्ष से देशभर में होगी लागू
मेडिकल कालेजों को एनएमसी की एकेडमिक सेल ने लिखा पत्र
परीक्षा की तिथि तय किए जाने के लिए मांगी गई एमबीबीएस अंतिम वर्ष के बैच की स्थिति
चिकित्सा शिक्षा में एकरूपता लाने और उसे गुणवत्तापरक बनाने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने बड़ा निर्णय लिया है। अब देश भर में एमबीबीएस अंतिम वर्ष (फाइनल) की एक ही परीक्षा होगी। नई व्यवस्था इसी वर्ष दिसंबर से लागू होगी। एनएमसी की एकेडमिक सेल ने 26 मई को पत्र लिखकर देशभर के मेडिकल कालेजों, चिकित्सा विश्वविद्यालयों से एमबीबीएस अंतिम वर्ष की स्थिति की जानकारी मांगी है। जुलाई में होने वाली एनएमसी की बैठक में नेशनल एग्जिट एग्जामिनेशन (नेक्स्ट) यानी राष्ट्रीय निकास परीक्षा की तिथि को अंतिम रूप देकर अधिसूचना जारी की जाएगी।
एनएमसी ने सितंबर 2020 में मेडिकल स्नातकों के लिए एक सामान्य निकास परीक्षा का मसौदा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम 2019 तैयार किया था। संसद से इसे पारित कराने के बाद दिसंबर 2022 में आमजन से आपत्ति और सुझाव मांगे गए थे। सुझावों पर मंथन के बाद अब इसे लागू करने का निर्णय लिया गया है।
दिसंबर में नेक्स्ट कराया जाएगा, जो दो चरणों में होगा। नेक्स्ट-वन में थ्योरी और नेक्स्ट-टू में क्लीनिकल प्रैक्टिकल और मौखिक परीक्षा होगी। दोनों परीक्षाओं के अंकों के आधार पर ही मेरिट तैयार की जाएगी।
नेक्स्ट की मेरिट के आधार पर पीजी में प्रवेश नेक्स्ट उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं की मेरिट तैयार होगी। उसके आधार पर ही उन्हें देश भर के मेडिकल कालेजों, चिकित्सा विश्वविद्यालय और संस्थानों में पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) यानी एमडी / एमएस में प्रवेश दिया जाएगा। इसकी मेरिट लिस्ट के आधार पर पीजी के विभागों में उन्हें सीटों का आवंटन किया जाएगा।
नेक्स्ट उतीर्ण करने पर ही एनएमसी पंजीकरण, विदेश से एमबीबीएस वालों के लिए भी जरूरी: नेक्स्ट में विद्यार्थी निर्धारित अंकों के साथ उत्तीर्ण होंगे, तभी उनका एनएमसी में पंजीकरण हो पाएगा। वहीं, विदेश से एमबीबीएस या मेडिकल की पढ़ाई करने वाले अगर देश में निजी प्रैक्टिस के लिए पंजीकरण कराना चाहते हैं तो उन्हें भी नेक्स्ट देना जरूरी होगा।
नेक्स्ट के लिए एकेडमिक सेल से पत्र आया है, जिसमें एमबीबीएस अंतिम वर्ष के कोर्स की स्थिति की जानकारी मांगी गई है। एनएमसी की जुलाई में होने वाली बैठक में परीक्षा की तिथि तय होगी। डा. मनीष सिंह, नोडल अफसर, एनएमसी, जीएसवीएम मेडिकल कालेज
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