माध्यमिक स्कूलों में लगेंगे पांच किलोवाट के सोलर प्लांट, केमेस्ट्री और बायो की लैब बनाई जा रहीं
लखनऊ। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को अब गर्मी में पसीना नहीं बहाना पड़ेगा। समग्र शिक्षा योजना के तहत विभाग स्कूलों में सोलर पैनल लगवा रहा है। हर विद्यालय में पांच केवीए का प्लांट भी लगाया जाएगा। वहीं, राजकीय माध्यमिक स्कूलों में केमेस्ट्री व बायोलॉजी की लैब भी बन रही है। ऐसे में नए शिक्षा सत्र में विद्यार्थियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
प्रदेश में नौवीं से 12वीं तक के 2359 राजकीय स्कूल हैं। विभाग हर विद्यालय में क्लास रूम, लैब, शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। पहले चरण में 1060 विद्यालयों में सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अब तक 638 विद्यालयों में पैनल लगाए जा चुके हैं। नेडा के माध्यम से इन विद्यालयों में पांच केवीए का प्लांट लगवाया जा रहा है।
नए सत्र तक इन विद्यालयों में यह प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य है। इससे स्कूल बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनेंगे। विद्यालय इनवर्टर लगाकर भी अपनी बिजली का प्रयोग कर सकेंगे। इस प्रक्रिया का एक और लक्ष्य हर विद्यालय को जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला बनाना भी है। दूसरे चरण में नए सत्र में अन्य विद्यालयों में भी सोलर पैनल लगवाए जाएंगे।
वहीं, बच्चों को प्रैक्टिकल की बेहतर सुविधा देने के लिए भी काम चल रहा है। अब तक 125 विद्यालयों में केमेस्ट्री और बायो की लैब बन गई है। कुल 217 में इनका निर्माण होना है। ताकि नए सत्र में इनका प्रयोग शुरू हो सके।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने कहा कि स्कूलों में नए कक्षों का निर्माण हो गया है। अब इनको स्मार्ट क्लास रूम के रूप में विकसित किया जाएगा। आधे से अधिक स्कूलों में लैब बन गई है और काफी में सोलर पैनल भी लग गए हैं।
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