बेसिक लेखा विभाग के शिक्षकों के जीपीएफ खातों के डिजिटाइजेशन का काम करने के साथ लेखा पर्ची तैयार करने के आदेश को विभाग अभी तक दरकिनार किए हुए हैं। महानिदेशक के के पुन: पत्र जारी करने के बाद भी अफसर गंभीर नहीं दिख रहे हैं।
अफसरों की अनदेखी का नतीजा है कि शिक्षकों की अपूर्ण प्रविष्टियां सालों बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। वहीं शिक्षकों का कहना है कि अगर डिजिटाइटेशन का काम पूरा कर लिया जाए तो भ्रष्टचार खत्म होने के साथ शिक्षकों को अपनी जीपीएफ खातों की वास्तविक स्थिति की जानकारी पता रहेगी।
बेसिक लेखा विभाग के सभी टीचरों के जीपीएफ खातों के डिजिटलाइजेशन का काम पूरा करने के साथ ही लेखा पर्ची भी तैयार करने के आदेश महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा फरवरी 2023 में सभी वित्त लेखाधिकारी को दिये गये थे। किंतु लेखा विभाग की लापरवाही के कारण यह कार्य लंबित रहा।
जिस पर महानिदेशक स्कूल के द्वारा पुन: अप्रैल में समस्त अधिकारियों को पत्र जारी किया गया। लेकिन जिले के जिम्मेदारों पर इस पत्र का असर भी नहीं पड़ा है। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ जीपीएफ की लेखा पर्ची से संबंधित प्रकरण कई बार उच्च अधिकारियों के समक्ष रखा है। लेकिन लेखा के जिम्मेदार इस कार्य को संजीदगी से नहीं ले रहे हैं।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रत्येक जनपद में शिक्षकों के जीपीएफ खातों का डिजिटाइजेशन का कार्य शीघ्र पूरा नहीं हुआ तो इस प्रकरण के संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर शिक्षकों को उनकी लेखा पर्ची उपलब्ध करवाने का कार्य करेंगे।
इसी ढिलाई के चलते अध्यापकों को यह विवरण आनलाइन खोजे भी नहीं मिल रहा है। जबकि, जिला बेसिक शिक्षा विभाग के हजारों शिक्षक लंबे समय से अपने जीपीएफ खाते के ब्योरे का इंतजार कर रहे हैं।
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