लखनऊ : प्रदेश में पहली बार नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों की ग्रेडिंग की गई है। मिशन निरामया: के तहत गुणवत्ता सुधार के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। परीक्षाओं में सख्ती के कारण जो रिजल्ट 85 प्रतिशत पिछले वर्षों में रहता था, वह लुढ़क कर मात्र 25 प्रतिशत रह गया। अब ए, बी, सी, डी व ई ग्रेड में हुई इनकी ग्रेडिंग के बाद अब खराब प्रदर्शन वाले कॉलेजों पर शिकंजा कसा जाएगा। यहां विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति और गुणवत्तापरक शिक्षा दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।



कुल 677 नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों की ग्रेडिंग क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया के माध्यम से कराई गई। इसमें 383 नर्सिंग कॉलेजों व 294 पैरामेडिकल संस्थानों की ग्रेडिंग की गई। जिन 383 नर्सिंग कॉलेजों की ग्रेडिंग की गई, उसमें से 35 यानी सिर्फ नौ प्रतिशत को ही ए ग्रेड मिला। 200 यानी 52 प्रतिशत को सी ग्रेड मिला, 80 यानी 20 प्रतिशत को डी और 15 यानी चार प्रतिशत नर्सिंग कॉलेजों को सबसे खराब ई ग्रेड मिला। इसी तरह पैरामेडिकल संस्थानों में 26 यानी नौ प्रतिशत को ए, 39 यानी 13 प्रतिशत को बी, 143 यानी 49 प्रतिशत को सी, 74 यानी 25 प्रतिशत को डी और 12 यानी चार प्रतिशत पैरामेडिकल कॉलेजों को ई ग्रेड मिला है।


उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर अब बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। परीक्षा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में कराई जा रही हैं और अब ग्रेडिंग में सुधार के लिए अच्छे कॉलेजों से इनका मार्गदर्शन कराया जा रहा है, ताकि सुधार हो सके।