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Thursday, August 31, 2023

बिहार में सरकारी स्कूलों में रक्षाबंधन, छठ और विश्वकर्मा पूजा तक की छुट्टियों में हुई कटौती, 23 से घटाकर 11 हुई छुट्टियां

बिहार में सरकारी स्कूलों में रक्षाबंधन, छठ और विश्वकर्मा पूजा तक की छुट्टियों में हुई कटौती, 23 से घटाकर 11 हुई छुट्टियां 


बिहार के सरकारी स्कूलों में छुट्टियां में कटौती की गई है। रक्षाबंधन के मौके पर सरकारी स्कूलों में अब अवकाश नहीं रहेगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश के बाद माध्यमिक शिक्षा कार्यालय की ओर से स्कूलों की छुट्टियों में बदलाव किया गया है। इस साल दिवाली से छठ तक विभिन्न पर्व एवं त्योहारों पर छुट्टियां घटाकर आधी कर दी गई हैं। इस मुद्दे पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। 



राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में 31 अगस्त को छुट्टी घोषित थी, जिसमें अब बदलाव कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने मंगलवार की शाम को अभी से लेकर दिसंबर तक स्कूलों की छुट्टी में कटौती का आदेश जारी किया है। अभी से दिसंबर तक दिवाली-छठ समेत विभिन्न पर्व-त्योहारों पर स्कूलों में 23 छुट्टियां थीं, जिन्हें घटाकर 11 कर दिया गया है। इस सूची में रक्षाबंधन पर छुट्टी को शामिल ही नहीं किया गया है।


विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर प्रारंभिक से उच्च माध्यमिक तक के स्कूलों में छुट्टियों की नई तिथि जारी की गई है। दुर्गापूजा में स्कूलों में पहले 6 दिनों की छुट्टी थी, जिसे अब रविवार जोड़कर तीन दिनों का किया गया है। पहले दिवाली से छठ में 13 नंवबर से 21 नवंबर तक छुट्टी थी। अब दिवाली पर 12 नवंबर, चित्रगुप्त पूजा पर 15 नवंबर और छठ पूजा पर 19 एवं 20 नवंबर को छुट्टी रहेगी। 


विभाग ने कहा है कि शिक्षा का अधिकार कानून 2009 में पहली से 5वीं तक कम-से-कम 200 दिन तथा छठी से आठवीं तक कम-से-कम 220 दिनों के कार्यदिवस का प्रावधान है। राज्य के सरकारी कर्मी रक्षाबंधन के अवसर पर 30 अगस्त की जगह अब 31 अगस्त को प्रतिबंधित अवकाश ले सकेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी।

रक्षाबंधन के दौरान राखी बंधवाकर व तिलक, मेहंदी लगाकर आने पर छात्र-छात्राओं को दंडित न करें, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने स्कूलों के लिए जारी की एडवाइजरी

रक्षाबंधन के दौरान राखी बंधवाकर व तिलक, मेहंदी लगाकर आने पर छात्र-छात्राओं को दंडित न करें, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने स्कूलों के लिए जारी की एडवाइजरी 


नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने स्कूलों से कहा है कि रक्षाबंधन के दौरान स्कूलों में राखी बंधवाकर व तिलक या मेहंदी लगाकर आने वाले छात्र-छात्राओं को दंडित न किया जाए।


एनसीपीसीआर ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिवों को जारी एक पत्र में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न खबरों के माध्यम से आयोग ने पाया है कि त्योहारों के उत्सव के कारण बच्चों को स्कूल के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों द्वारा उत्पीड़न और भेदभाव का शिकार होना पड़ता है।




एनसीपीसीआर ने कहा, ‘‘यह देखा गया है कि स्कूल रक्षाबंधन के त्योहार के दौरान बच्चों को राखी बांधकर या तिलक या मेहंदी लगाकर आने की अनुमति नहीं देते हैं और उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से परेशान करते हैं। यह ध्यान दिया जा सकता है कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 की 17 धारा के तहत स्कूलों में शारीरिक दंड निषिद्ध है।’’


शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने कहा कि इसलिए, संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि स्कूल ऐसी किसी भी प्रथा का पालन न करें जिससे बच्चों को शारीरिक दंड या भेदभाव का सामना करना पड़े।

परिषदीय विद्यालयों में सफाई कर्मियों की हो नियुक्ति, PSPSA ने सीएम को भेजा पत्र

परिषदीय विद्यालयों में सफाई कर्मियों की हो नियुक्ति, PSPSA ने सीएम को भेजा पत्र


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में एक से पंद्रह सितंबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाने और साफ-सफाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने सीएम को पत्र भेजकर विद्यालयों में सफाईकर्मी नियुक्त करने की मांग की है।


एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा है कि सफाई कर्मियों के अभाव में विद्यालयों में नियमित सफाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा है कि पंचायती राज निदेशालय ने गांव स्तर पर नियुक्त सफाई कर्मियों को विद्यालय परिसर सफाई करने को कहा था लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। 


स्वच्छता पखवाड़े के तहत शिक्षक व विद्यार्थी व्यक्तिगत स्वच्छता के लक्ष्यों को पाने का प्रयास करेंगे, किंतु सफाई कर्मियों के अभाव में विद्यालय परिसर व शौचालयों की सफाई कैसे होगी। इसके बिना स्वच्छता पखवाड़े के लक्ष्यों को कैसे पाया जा सकेगा। लिहाजा सभी परिषदीय विद्यालयों में सफाई कर्मियों की नियुक्ति की जाए ताकि बच्चे स्वच्छ परिवेश में पढ़ सकें। 





Wednesday, August 30, 2023

NCTE का इशारा : प्राइमरी में बीएड डिग्री धारकों को मौका नहीं! योग्यता के सवाल पर दिए जवाब में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का भी किया जिक्र

NCTE का इशारा : प्राइमरी में बीएड डिग्री धारकों को मौका नहीं!

योग्यता के सवाल पर दिए जवाब में एनसीटीई ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का भी किया जिक्र


लखनऊ : प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने की न्यूनतम योग्यता से बीएड को हटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नैशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) की ओर से अभ्यर्थियों के लिए राहत की उम्मीद खत्म होती जा रही है। भर्ती की न्यूनतम योग्यता के लिए मांगी गई जानकारी पर दिए जवाब में एनसीटीई ने योग्यता की शर्तों में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले की कॉपी भी भेजी है। इससे इशारा साफ है कि फैसले के खिलाफ अपील के बजाय उसके अमल की तैयारी है।


शिक्षक पाठ्यक्रमों का स्वरूप तय करने से लेकर भर्ती की योग्यता तय करने की जिम्मेदारी एनसीटीई के पास है। 2018 में एनसीटीई ने एक अधिसूचना जारी कर प्राइमरी स्कूल (कक्षा 1 से 5 तक) में शिक्षक बनने के लिए बीएड को भी न्यूनतम योग्यता में शामिल कर दिया। इसी महीने राजस्थान से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिसूचना को यह कहते हुए रद कर दिया था कि यह निर्णय एनसीटीई ने स्वविवेक से नहीं लिया था बल्कि, शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर योग्यता बढ़ाई गई थी। गुणवत्ता का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों के लिए रास्ते बंद कर दिए थे। अब सोमवार को दिए जवाब में एनसीटीई ने भी इसी राह चलने का इशारा कर दिया है।




तैयारी कर रहे लाखों अभ्यर्थियों को झटका !

बेसिक स्कूलों में नौकरी की उम्मीद लगाए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों अभ्यर्थियों को फैसले से झटका लगा है। अकेले यूपी में ही बीएड के लगभग 2400 कॉलेजों में 2.50 लाख
 से अधिक सीटे हैं। 2018 में बीएड को भी प्राइमरी शिक्षक की न्यूनतम योग्यता में शामिल किए जाने के बाद बीएड करने वालों की संख्या में इजाफा भी हुआ था। प्राथमिक स्कूलों की संख्या अधिक होने के चलते शिक्षक भर्ती में सर्वाधिक सीटें भी इसी सेक्शन में आती हैं इसलिए प्रतियोगियों का जोर भी प्राइमरी पर ज्यादा होता है, लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एनसीटीई के भी रुख से रास्ते और बंद होते नजर आ रहे हैं।


नया खेल : डीएलएड में 43586 आइडी पर ट्रिपल रजिस्ट्रेशन, 87172 निरस्त होंगे, कई डीएलएड संस्थान भी करा रहे एक आइडी पर कई रजिस्ट्रेशन

नया खेल : डीएलएड में 43586 आइडी पर ट्रिपल रजिस्ट्रेशन, 87172 निरस्त होंगे

• आनलाइन रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी पर प्रवेश से हो जाएंगे वंचित

• कई डीएलएड संस्थान भी करा रहे एक आइडी पर कई रजिस्ट्रेशन


डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) - 2023 में प्रवेश लेने के लिए आनलाइन आवेदन (रजिस्ट्रेशन) की प्रक्रिया में नया खेल सामने आया है। एक आइडी पर कई रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। अब तक चार लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिसमें से 43586 ऐसे हैं, जिनकी आइडी पर तीन-तीन (ट्रिपल) रजिस्ट्रेशन हुए हैं। एक आइडी पर एक ही मान्य होगा। इस कारण एक आइडी पर हुए दूसरे व तीसरे रजिस्ट्रेशन निरस्त हो जाएंगे। इस तरह 43586 आइडी पर हुए तिहरे रजिस्ट्रेशन में पहले वाले 43586 मान्य होंगे। शेष 87172 निरस्त कर दिए जाएंगे। ऐसे में एक आइडी पर दूसरा या उससे ज्यादा रजिस्ट्रेशन करने वाले अभ्यर्थियों के पास अभी भी नया रजिस्ट्रेशन कर प्रवेश प्रक्रिया में सम्मिलित होने का अवसर है। 


डीएलएड में प्रवेश के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। पिछले पांच वर्षों से सीटें भर नहीं पा रही हैं। ऐसे में निजी संस्थानों को अभ्यर्थी मिलना चुनौती बन गया है। इस बार रजिस्ट्रेशन अधिक हुए हैं। उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि प्रवेश छात्र- छात्राओं को लेना है, इसलिए उन्हें अपनी आइडी पर आवेदन करना चाहिए, लेकिन अपने संस्थान की सीटें भरने के प्रयास में कुछ निजी संस्थान अधिक आवेदन कराने में शामिल हैं। इसी तरह कुछ और सक्रिय लोग प्रवेश दिलाने का प्रलोभन देकर साइबर कैफे के माध्यम से आवेदन करा रहे हैं। आवेदन में सतर्कता को भूलकर एक ही मोबाइल नंबर या अन्य आइडी पर एक से अधिक रजिस्ट्रेशन कर दिए जा रहे हैं।


सचिव ने बताया कि कुछ निजी संस्थानों ने शिकायत की है कि वेबसाइट सही नहीं चलने से आवेदन नहीं हो पा रहे हैं। इस पर उन्होंने प्रश्न किया कि यह शिकायत तो अभ्यर्थी की ओर से आनी चाहिए, संस्थान क्यों कर रहे हैं? इस पर गोलमोल जवाब देकर फोन करने वालों ने किनारा कर लिया। उधर, साइबर कैफे वाले तो एक आइडी पर 10 से भी ज्यादा आवेदन किए हैं। उन्होंने कहा है कि एक आइडी पर एक से अधिक आवेदन करने वालों के पास अभी समय है कि वह गलती सुधारकर एक आइडी पर एक ही आवेदन करें, अन्यथा काउंसिलिंग के पहले स्टेट मेरिट तय करते समय उनके रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिए जाएंगे।


परिषदीय शिक्षकों के पहले किए तबादले, अब कर रहे निरस्त, परेशान शिक्षक आए दिन धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर

परिषदीय शिक्षकों के पहले किए तबादले, अब कर रहे निरस्त, परेशान शिक्षक आए दिन धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर

कहीं समय से पदोन्नति न होने, तो कहीं भारांक सही न होने को ताई जा रही वजह


लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में एक से दूसरे जिले में हुए तबादलों की खिचड़ी है कि पक ही नहीं पा रही है। विभाग अब अपने ही किए तबादलों को कहीं मौखिक तो कहीं लिखित रूप से निरस्त कर रहा है। इससे प्रभावित शिक्षक दो माह से तैनाती व कार्यमुक्ति के लिए भटक रहे हैं। इससे परेशान शिक्षक आए दिन धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।


विभाग ने कई साल की कवायद के बाद जून अंत में 16614 शिक्षकों के तबादले की सूची जारी की थी। इसके बाद कार्यमुक्ति व तैनाती की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन वह पूरी नहीं हो पा रही है। कई पत्राचार के बाद भी कई बीएसए सूचनाएं नहीं अपडेट कर पा रहे हैं। इसी बीच कई शिक्षकों के तबादले निरस्त किए जा रहे हैं। 


कहीं पर इसका कारण जिले में समय से न होने वाली पदोन्नति बताई जा रही है, तो कहीं पर भारांक को सही नहीं बताया जा रहा है। इससे परेशान शिक्षक आए दिन जहां बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, वहीं निदेशालय से लेकर एसईआईटी पर आए दिन धरना- प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब जांच के बाद उनका तबादला किया गया तो फिर अब किस आधार पर उन्हें रोका जा रहा है। इस धीमी गति से रही प्रक्रिया के बीच दो महीने बीत गए और अब तक शिक्षकों का स्कूल आवंटन भी नहीं हो पा रहा है। इन सबका असर पठन-पाठन पर भी पड़ रहा है।



गंभीर बीमारी से पीड़ित और पति पत्नी वेटेज वाले बेसिक शिक्षक कार्यमुक्त होने के लिए अभी भी भटक रहे


लखनऊ। प्रदेश में बेसिक के विद्यालयों में एक से दूसरे जिले में तबादला पाए काफी शिक्षक अभी भी कार्यमुक्त के लिए भटक रहे हैं। ऐसे गंभीर बीमारी से पीड़ित व सरकारी नौकरी के भारांक से प्रभावित शिक्षक भी कार्यमुक्त नहीं किए जा रहे हैं। 


ऐसे कई जिलों के शिक्षकों ने कार्यमुक्त के लिए राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान (एसईआईटी) में धरना दिया। शिक्षकों ने बताया कि विभाग की ओर से बाकायदा मेडिकल बोर्ड का गठन करके उनकी और कागजात की जांच कराई गई। इसके बाद उन्हें असाध्य / गंभीर बीमारी से पीड़ित होने का भारांक दिया गया और फिर उनका तबादला किया गया।


 किंतु अचानक अधिकारियों के मौखिक आदेश पर उनको कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। इससे बीमार शिक्षकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं धरने में वह शिक्षक-शिक्षिका भी शामिल थे, जिन्हें सरकारी सेवा में परिजन के होने का वेटेज, पति-पत्नी के सेवा में होने का वेटेज मिला। इसके आधार पर हुए तबादले के बाद भी कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। 



तबादले के बाद कार्यमुक्ति पर मौखिक रोक  के खिलाफ बेसिक शिक्षक सीएम से मिलने जा पहुंचे, पुलिस ने पकड़कर ईको गार्डेन भेज दिया

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लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में जून में हुए 16614 तबादले को लेकर शिक्षकों की समस्या समाप्त होती नहीं दिख रही है। तबादले मिलने के पुलिस ने पकड़कर बाद भी कार्यमुक्त ईको गार्डेन पहुंचाया करने से रोके गए शिक्षक शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी बात रखने के लिए उनके आवास के पास पहुंच गए। हालांकि, पुलिस ने उन्हें पकड़कर ईको गार्डेन भेज दिया।


इससे पहले शिक्षक सुबह पहले बेसिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे और वहां धरना दिया। उन्होंने कहा, पहले तो उन्हें तबादला दिया गया और बाद में मौखिक रूप से कार्यमुक्त करने से रोक दिया गया। विभाग का कहना है कि तबादले में शिक्षकों ने जो भारांक लिया, वह सही नहीं है। वहीं इसमें गंभीर रूप से बीमार का लाभ पाने वाले शिक्षक भी शामिल हैं। शिक्षकों ने कहा कि कई दिन से विभागीय अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। आज भी निदेशालय में शनिवार होने की वजह से कोई अधिकारी नहीं मिला। 



असाध्य रोग से बीमार शिक्षक भी कार्यभार के लिए भटक रहे, बेसिक शिक्षा निदेशालय पर दिया धरना 


लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में हाल में एक से दूसरे जिले में तबादला पाए शिक्षक कार्यभार पाने के लिए भटक रहे हैं। इसमें कई असाध्य रोग से प्रभावित शिक्षक भी शामिल हैं। बुधवार को इन्होंने कार्यभार देने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया।


 प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने बताया कि उनका ऑनलाइन तबादला किया गया। किंतु असाध्य रोग से प्रभावित, कैंसर पीड़ित, दस साल से अधिक से अलग-अलग जिलों में काम कर रहे पति-पत्नी को तबादला कर कार्यभार नहीं दिया जा रहा है।


 प्रमोशन न होने की बात कहकर उन्हें मूल जिले में वापस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रमोशन विभाग करता है, अगर उसने समय से प्रक्रिया नहीं पूरी की तो इसमें शिक्षकों की क्या गलती है। वह पदावनत होने के लिए भी तैयार हैं लेकिन उन्हें जिन जिलों में तबादला मिला है, वहां ज्वॉइन कराया जाए।

Tuesday, August 29, 2023

NCF : नई पीढ़ी भाषाई स्तर पर होगी और समृद्ध, बच्चों को स्कूली स्तर पर ही एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन भाषाओं का ज्ञान दिया जाएगा

NCF : नई पीढ़ी भाषाई स्तर पर होगी और समृद्ध, बच्चों को स्कूली स्तर पर ही एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन भाषाओं का ज्ञान दिया जाएगा



नई दिल्ली  :  देश की नई पीढ़ी अब ज्ञान और कौशल के साथ भाषाई समृद्धि के लिए भी पहचानी जाएगी। बच्चों को स्कूली स्तर पर ही एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन भाषाओं का ज्ञान दिया जाएगा। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) में इसके अमल का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। बच्चों को शुरुआती शिक्षा मातृभाषा में दी जाएगी। दो और भाषाएं उन्हें बतौर विषय के रूप में पढ़ाई जाएंगी। इसका चयन छात्र अपनी पसंद से कर सकेंगे। हालांकि इन तीन भाषाओं में से दो भाषाओं का भारतीय होना जरूरी होगा।


इन तीनों भाषाओं की पढ़ाई स्कूल की पढ़ाई के माध्यम के अतिरिक्त होगी। यानी यदि स्कूल हिंदी माध्यम का है, तो भी बच्चों को तीन भाषाएं बतौर विषय पढ़नी होगी। इस दौरान छात्र हिंदी भी बतौर भाषा एक विषय के रूप में पढ़ सकेंगे। 


एनसीएफ ने किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश पर कुछ नहीं थोपा है। सभी को अपनी पसंद के हिसाब से भाषाएं  पढ़ाने की स्वतंत्रता दी है। माना जा रहा है कि यह पहल भाषाओं को लेकर राजनीति करने वाले राज्यों के लिए भी एक झटका है।


भाषाओं को पढ़ाने का जो रोडमैप तैयार किया गया है, उनमें पहली भाषा मातृभाषा या फिर उसके समृद्ध न होने पर राज्य की भाषा होगी, जबकि दूसरी भाषा भी भारतीय होगी। यह हिंदी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, उड़िया, बंगाली आदि होगी। तीसरी भाषा अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, जापानी, कोरियन आदि होगी। सभी भाषाओं का चयन राज्य अपनी सुविधा के हिसाब से कर सकेंगे ।


आठवीं से दसवीं तक ही पढ़ने को मिलेगी तीन भाषाएं

आठवीं से दसवीं कक्षा तक तीन भाषाएं पढ़ाई जाएंगी। छात्रों को 11वीं में आते ही किन्हीं दो भाषाओं को चुनना होगा। ये भाषाएं उन्हें 11वीं और 12वीं में बतौर विषय पढ़ाई जाएंगी। इन भाषाओं के ज्ञान को परखने के लिए एक लर्निंग आउटकम भी निर्धारित किया गया है।

बेसिक शिक्षा मंत्री के उत्तर से बेसिक शिक्षक भर्ती पर प्रश्न, शिक्षामित्र और अनुदेशकों को जोड़कर बताया था छात्र शिक्षक अनुपात मानक के अनुसार

बेसिक शिक्षा मंत्री के उत्तर से बेसिक शिक्षक भर्ती पर प्रश्न, शिक्षामित्र और अनुदेशकों को जोड़कर बताया था छात्र शिक्षक अनुपात मानक के अनुसार


प्रयागराज :  बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षक भर्ती आने की प्रतीक्षा कर रहे प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को सदन में दिए गए बेसिक शिक्षा मंत्री के जवाब से झटका लग सकता है। अतारांकित प्रश्न पर मंत्री ने जवाब दिया है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक व छात्रों का अनुपात मानक के अनुसार पूर्ण है। उन्होंने जवाब में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत, कार्यरत और रिक्त पदों की जानकारी भी दी है।


बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में वर्ष 2018 के बाद से शिक्षक भर्ती नहीं आई। प्रशिक्षित अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती की लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक मांग पूरी नहीं हुई। इधर, बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के स्वीकृत और रिक्त पदों तथा रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने को लेकर पिछले दिनों सदन में प्रश्न लगाया गया। इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने जवाब दिया है कि प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद 4,17,886 के सापेक्ष प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक के 85,152 पद रिक्त हैं।


इसी तरह उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद 1,62,198 के सापेक्ष प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक के 41,338 पद रिक्त हैं। इस तरह प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत 3,32,734 शिक्षक तथा 1,47,766 शिक्षामित्र की संख्या सम्मिलित करते हुए छात्र शिक्षक अनुपात 30:1 मानक के अनुसार पूर्ण है। इसी तरह उच्च प्राथमिक विद्यालय 27,555 अनुदेशक की संख्या को में कार्यरत 1,20,860 शिक्षक एवं सम्मिलित करते हुए छात्र शिक्षक अनुपात 35:1 मानक के अनुसार पूर्ण है।


इस पर युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह ने खत्म किए गए शिक्षकों के पदों को बहाल करने की मांग की है। साथ ही यह भी कहा है। कि सुप्रीम कोर्ट के पारित आदेश के बाद शिक्षामित्र और अनुदेशक को बतौर सहायक अध्यापक नहीं माना जा सकता। इस कारण रिक्त पदों पर शिक्षक भर्ती की मांग की है।

छात्राओं को प्रतिदिन एक घंटे मिलेगा आत्मरक्षा का प्रशिक्षण, परिषदीय स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक की छात्राएं सीखेंगी, पहले चरण में 11 हजार व्यायाम शिक्षकों को दी जा रही ट्रेनिंग

छात्राओं को प्रतिदिन एक घंटे मिलेगा आत्मरक्षा का प्रशिक्षण

• परिषदीय स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक की छात्राएं सीखेंगी

• पहले चरण में 11 हजार व्यायाम शिक्षकों को दी जा रही ट्रेनिंग


लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में कक्षा छह से कक्षा आठ तक की छात्राओं को अब प्रतिदिन एक घंटे आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। छात्राओं को जूडो कराटे व ताइक्वांडो इत्यादि सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं की उपस्थिति मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज की जाएगी और हर महीने प्रशिक्षण कार्य का मूल्यांकन किया जाएगा। 


ट्रेनिंग हासिल करने वाली छात्राओं को आनलाइन प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। पहले चरण में 11 हजार व्यायाम शिक्षकों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने के लिए तैयार किया जा रहा है। अभी तक 5,859 व्यायाम शिक्षकों की ट्रेनिंग भी पूरी हो चुकी है।


महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की और से निर्देश दिए गए हैं कि वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा कार्यक्रम के तहत जिन- जिन जिलों के व्यायाम शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, वह अपने-अपने जिले में जल्द प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करें।


 दीन दयालय उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के साथ-साथ क्षेत्रीय व जिला ग्राम्य विकास संस्थानों में भी दक्ष प्रशिक्षकों की मदद से व्यायाम शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। अभी तक 29 जिलों में छह-छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अब स्कूलों में छात्राओं के लिए जल्द आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होंगे।


8449 मदरसों को मिलेगी मान्यता, मदरसा बोर्ड मान्यता देने की कर रहा तैयारी

8449 मदरसों को मिलेगी मान्यता, मदरसा बोर्ड मान्यता देने की कर रहा तैयारी

लखनऊ : शासन स्तर पर कराए गए सर्वे के दौरान मिले 8449 मदरसों को मान्यता देने की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं, मदरसा बोर्ड से मान्यता होने के बावजूद पोर्टल से छूटे करीब 2500 मदरसों के साथ मानक पूरे करने वाले अस्थायी मदरसों को भी स्थायी किया जाएगा। बोर्ड यह प्रक्रिया 2016 के बाद करने जा रहा है।


उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से मौजूदा समय में मान्यता प्राप्त प्रदेश में तहतानिया कक्षा 1 से 5, फौकानिया कक्षा 5 से 8 और आलिया व उच्च आलिया स्तर यानि हाई स्कूल या इससे ऊपर के करीब 16460 मदरसे हैं। इनमें सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त 560 हैं। बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मानक पूरा करने वाले मदरसों को मान्यता दी जाएगी। बोर्ड के ऑनलाइन होने से पहले सभी मदरसों की मान्यता कागजों पर होती थी। पोर्टल बनने के बाद करीब 2500 मदरसे ऐसे हैं जिनकी मान्यता है लेकिन वह पोर्टल पर नहीं हैं। इसके अलावा अस्थाई मान्यता प्राप्त सैकड़ों मदरसे हैं।

मान्यता पर 11 सितंबर को होगा फैसला

मदरसा शिक्षा परिषद की सोमवार को बोर्ड के सदस्यों के नहीं पहुंचने पर बुलाई गई बैठक स्थगित कर दी गई। उन्होंने बताया कि कई सदस्य बीमार हैं तो कुछ ने परिवार के सदस्यों के बीमार होने की वजह से आने में असमर्थता जताई। इसके बाद 11 सितंबर की तारीख तय की गई है।

बेसिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में शामिल होंगे महान गणितज्ञ और विज्ञानी, पुस्तक निर्माण के लिए राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में चल रही कार्यशाला

बेसिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में शामिल होंगे महान गणितज्ञ और विज्ञानी, पुस्तक निर्माण के लिए राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में चल रही कार्यशाला


प्रयागराज : चंद्रयान-3 की सफलता के बीच बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यार्थियों को देश के महान गणितज्ञों और विज्ञानियों को पढ़ाने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है। विज्ञान और गणित के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां अर्जित करने वाले विभूतियों पर केंद्रित पुस्तक निर्माण की कार्यशाला राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में चल रही है। इसमें विषय विशेषज्ञों को बुलाया गया है जो मनीषियों के जीवन परिचय के साथ उनकी उपलब्धियों को संकलित करने का कार्य कर रहे हैं।


परिषदीय विद्यालयों के छात्र- छात्राओं को अगले सत्र से महान गणितज्ञ और खगोल विज्ञानी आर्यभट्ट, गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त, खगोल विज्ञानी वराहमिहिर, भाष्कर के साथ ही श्रीनिवास रामानुजन, डा. एपीजे अब्दुल कलाम, सत्येंद्र नाथ बोस, सीवी रमन आदि को पढ़ाए जाने की तैयारी है। इन महान विभूतियों की उपलब्धियों और उनकी विशेषताओं को संकलित करते हुए गणित और विज्ञान विषय में पूरक पुस्तक तैयार की जाएगी।


इसके माध्यम से छात्र-छात्राएं न सिर्फ इनकी उपलब्धियों को जान सकेंगे, बल्कि देश की समृद्ध विरासत से भी परिचित होंगे। इसके साथ ही उनमें गणित और विज्ञान विषय की पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ेगा। राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि पुस्तक निर्माण के लिए कार्यशाला में विषयों के जानकार प्रवक्ता बुलाए गए हैं। पुस्तक तैयार होने के बाद इसे पढ़ाने के लिए शासन स्तर से निर्णय लिया जाएगा।




Monday, August 28, 2023

जानिए! क्यों वायरल हो रहा BSA हाथरस का परिषदीय विद्यालयों के हेड मास्टरों के नाम लिखा पत्र

जानिए!  क्यों वायरल हो रहा BSA हाथरस का परिषदीय विद्यालयों के हेड मास्टरों के नाम लिखा पत्र

पत्र के पांचवें बिंदु में लिखा हिस्सा हो रहा वायरल


जनपद के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत् कुछ शिक्षक सुबह घर से विलम्ब से निकलते हैं तथा विद्यालय पहुँचने की जल्दबाजी में जीवन जोखिम में डालते हुये रास्तें में - अधिक स्पीड से बाइक, स्कूटर अथवा गाड़ी चलाते हैं, जिससे दुर्घटना घटित होने की सम्भावना बनी रहती है। 

अतः सभी शिक्षक सुनिश्चित करें कि विद्यालय में समय से उपस्थित होने हेतु घर से जल्दी निकलने की आदत डालें तथा हेलमेट, सीट बेल्ट इत्यादि का प्रयोग करें तथा यातायात के नियमों का पूर्ण पालन करते हुये अपने विद्यालय पर पहुँचें। 


यदि किसी अपरिहार्य कारण से घर से निकलने में विलम्ब हो जाये तो रास्तें में किसी प्रकार की जल्दबाजी न करें तथा धैर्य बनाये रखें। विद्यालय में विलम्ब के कारण अनुपस्थिति दर्ज होने अथवा विभागीय कार्यवाही होने पर अपना पक्ष साक्ष्यों सहित प्रस्तुत करें, उचित कारण होने पर तत्काल समाधान किया जायेगा।



बेसिक शिक्षकों की रूकी पदोन्नति प्रक्रिया के सम्बंध में सौंपा ज्ञापन, डिप्टी सीएम से भी मिलकर अपनी व्यथा की व्यक्त

बेसिक शिक्षकों की रूकी पदोन्नति प्रक्रिया के सम्बंध में सौंपा ज्ञापन, डिप्टी सीएम से भी मिलकर अपनी व्यथा की व्यक्त 



परिषदीय शिक्षकों के प्रमोशन के संबंध में भारी संख्या में विभिन्न जनपदों से आए आए सैकड़ों शिक्षक साथियों ने धरना- प्रदर्शन करते हुए आज दिनांक 28 अगस्त 2023 को  निदेशालय  में  डीजी सर  को एक ज्ञापन सौंपा, और उन्हें  अवगत कराया गया कि आठ सालों से पदोन्नति न होने से अध्यापकों में भारी रोष और निराशा व्याप्त है। जनवरी 2023  में शुरू हुई प्रमोशन प्रक्रिया सात महीने में भी पूरी न हो पाने के कारण शिक्षक अवसाद ग्रस्त हो गए हैं।


इससे पहले आज  सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने  माननीय उप मुख्यमंत्री महोदय से  उनके आवास पर मुलाकात  की और उन्हें पदोन्नति विषयक ज्ञानपन सौंपा। माननीय उप मुख्यमंत्री जी ने  सचिव सर से इस संबंध बात कर प्रमोशन प्रक्रिया को पूर्ण करने का आश्वासन दिया।


शिक्षकों से मुलाक़ात में डीजी सर ने कहा ट्रांसफर हुए शिक्षकों  के विद्यालय आवंटन के बाद शीघ्र ही प्रमोशन पूर्ण करने की बता कही तथा वरिष्ठता सूची सभी जिलों द्वारा अपलोड न करने पर कहा कि इसको जल्द संज्ञान लिया जाएगा।


सचिव महोदय आज अवकाश पर थे। इसलिए उनसे मुलाकात नही हो पाई। इस अवसर पर विभिन्न जिलों से आए शिक्षक निर्भय सिंह, प्रमोद पाण्डेय, भूपेंद्र राय, अमिताभ मिश्रा, सदानंद मिश्रा, पवन त्रिपाठी, रोहित शुक्ला,  गणेश दीक्षित, जितेंद्र पाल, ऋतेश मिश्रा, विवेक मिश्रा आदि विभिन्न जनपदों से आये सैकड़ों की संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।

शतप्रतिशत प्रोन्नत वेतनमान दिए जाने के सम्बंध में प्राथमिक शिक्षक संघ ने DGSE को लिखा पत्र


शतप्रतिशत प्रोन्नत वेतनमान दिए जाने के सम्बंध में प्राथमिक शिक्षक संघ ने DGSE को लिखा पत्र 


उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (1160) के प्रान्तीय नेतृत्व ने आज महानिदेशक, स्कूल शिक्षा को सम्बोधित एक ज्ञान भेजा है। जिसमें प्रदेश के परिषदीय शिक्षकों को चयन वेतनमान में 12 साल पूर्ण करने पर सभी अर्ह शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिए जाने की मांग की गई है। 



ज्ञातव्य है कि शासन द्वारा माध्यमिक के समस्त अर्ह शिक्षकों को शत प्रतिशत तथा बेसिक के समस्त अर्ह शिक्षकों को केवल 20% लाभ देने का आदेश पारित किया गया था, जिसे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनाँक 7 नवम्बर 2012 को क्वैशड किया जा चुका है। परंतु प्रदेश में बेसिक शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय के निर्णयादेश का लाभ प्राप्त नही हो रहा है।


ज्ञापन की कॉपी माननीय मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव शासन एवं अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा को भी भेजी गई है।



NCF : स्कूलों में अब माता-पिता की भी लगेगी क्लास, नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क में माता-पिता और समाज की भी तय की गई भूमिका

NCF : स्कूलों में अब माता-पिता की भी लगेगी क्लास, नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क में माता-पिता और समाज की भी तय की गई भूमिका

घर, परिवार और मोहल्ले के माहौल को पढ़ाई-लिखाई के अनुकूल बनाने पर दिया गया जोर


नई दिल्ली : बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने भर से माता-पिता और अभिभावकों की जिम्मेदारी अब पूरी नहीं होगी, बल्कि उन्हें उसके समग्र विकास के लिए स्कूलों के साथ जुड़कर काम करना होगा। स्कूलों के लिए तैयार किए गए नए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) ने बच्चों के पढ़ने- पढ़ाने को लेकर एक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें बच्चों के स्कूल में दाखिला देते समय माता-पिता और अभिभावकों की ओरिएंटेशन क्लास आयोजित की जाएगी। उन्हें घरों में बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल देने सहित स्कूलों के साथ जुड़कर बच्चों के विकास पर कैसे नजर रखना है, आदि से जुड़ी जानकारियां दी जाएगी।


एनसीएफ में पहली बार पाठ्यक्रम के साथ बच्चों से जुड़े उन पहलुओं पर भी ध्यान दिया गया है, जो बच्चों के समग्र विकास के लिए जरूरी होते हैं। इनमें स्कूल के साथ घर-परिवार और आस-पास के माहौल को भी पढ़ने-पढ़ाने लायक बनाने की जरूरत बताई गई है।


एनसीएफ के तहत यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि बच्चे स्कूल के बाद यदि कहीं सबसे ज्यादा समय रहते हैं, तो उनका घर, परिवार व मोहल्ला होता है। ऐसे में यदि वहां का माहौल ठीक नहीं तो स्कूल चाहकर भी उसके प्रदर्शन को बेहतर नहीं बना पाएगा। फिलहाल इसे लेकर जिन अहम कदमों की सिफारिश की गई है, उनमें ओरिएंटेशन क्लास, पैरेंट-टीचर मीटिंग, माता-पिता के संवाद स्कूल मैनेजमेंट कमेटी गठित करने, बाल मेला, प्रदर्शनी, स्वच्छता और स्वास्थ्य कैंप जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। स्कूलों में आयोजित होने वाले प्रत्येक कार्यक्रमों में अभिभावकों के साथ ही समाज के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।


एनसीएफ के मुताबिक अभी स्कूलों में माता-पिता या अभिभावक सिर्फ दाखिला दिलाने या बच्चों का रिजल्ट लेने के लिए ही आते हैं। बाकी दिनों में वह बच्चों की कोई सुध नहीं लेते हैं। ऐसे में स्कूलों से कहा गया है कि वह माता- पिता और अभिभावकों को इसके लिए प्रेरित करें। यह सुनिश्चित करें कि अभिभावक नियमित रूप से स्कूल आएं। बच्चों की पढ़ाई का आकलन करें और जरूरी सुझाव भी दें।


समाज के प्रबुद्ध लोगों की भी होगी भागीदारी

इसके साथ ही स्कूलों में आयोजित होने वाले प्रत्येक कार्यक्रमों में भी माता-पिता व समाज के प्रबुद्ध लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है। बताते चलें, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क जारी किया है। इसके तहत स्कूलों के लिए कक्षा तीन से बारहवीं तक की पाठ्यपुस्तकें तैयार की जाएंगी। माना जा रहा है। कि यह पाठ्यपुस्तकें अगले शैक्षणिक सत्र तक तैयार हो जाएगी। इसके साथ ही फ्रेमवर्क के तहत प्रस्तावित की गई सभी सिफारिशें भी स्कूलों में लागू की जाएंगी।

Sunday, August 27, 2023

अंकपत्र / प्रमाणपत्र संशोधन को जिलों में फिर जाएगा यूपी बोर्ड, पहले चरण में लगे कैंप में निपटे थे करीब 50 हजार मामले, शेष मामलों के निस्तारण को कैंप लगाने का सचिव ने दिए निर्देश

अंकपत्र / प्रमाणपत्र संशोधन को जिलों में फिर जाएगा यूपी बोर्ड, पहले चरण में लगे कैंप में निपटे थे करीब 50 हजार मामले, शेष मामलों के निस्तारण को कैंप लगाने का सचिव ने दिए निर्देश

प्रयागराज : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र / प्रमाणपत्र में छात्र-छात्राओं के नाम में त्रुटि, उनके माता-पिता के नाम में त्रुटि, स्पेलिंग में त्रुटि, जन्मतिथि में गड़बड़ी होने पर संशोधन के लिए यूपी बोर्ड अब जिलों में जा रहा है। बोर्ड के सभी पांच क्षेत्रीय कार्यालयों में लंबित ऐसे 61,219 प्रकरणों को निस्तारित कराने के लिए बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने 12 जून से 30 जून तक जिलों में निर्धारित तिथि में कैंप लगवाए। इसके बावजूद निस्तारित होने से रह गए करीब 10 हजार प्रकरणों के समाधान के लिए जिलों में पुनः कैंप आयोजित करने के निर्देश सभी क्षेत्रीय अपर सचिवों को दिए हैं।


लंबित प्रकरणों में कुछ ऐसे भी थे, जो कई वर्ष से पड़े थे। इसके लिए छात्र-छात्राएं क्षेत्रीय कार्यालयों के चक्कर लगाते थे। इस स्थिति में वह कई बार आर्थिक शोषण का शिकार भी होते थे। ऐसे मामलों को जानकारी मिलने पर बोर्ड सचिव ने जिलों में संबंधित विद्यालय व छात्र को पूर्व में सूचना देकर जाकर कैंप लगाकर अधूरे दस्तावेज पूरे कराने की प्रक्रिया क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से शुरू कराई। इसमें डीआइओएस एवं बीएसए को अनिवार्य रूप में उपस्थित होने को कहा गया, ताकि टोसो पर काउंटर साइन की प्रक्रिया भी कैंप में पूरी कराई जा सके। कैंप में क्षेत्रीय कार्यालयों से उप सचिव, सहायक सचिव व अन्य अधिकारी भी पहुंचे। यहां अभिलेख जुटाने के बाद बोर्ड छात्र-छात्राओं के संशोधित अंकपत्र/ प्रमाणपत्र विद्यालयों के माध्यम से भेजने का कार्य कर या है। बोर्ड सचिव ने बताया कि निस्तारित होने से शेष रह गए मामलों में जरूरी दस्तावेज जुटाने के लिए जिलों में पुनः कैंप आयोजित किया जा रहा है. ताकि पुराने प्रकरण लंबित न रहें। कुछ क्षेत्रीय कार्यालय ने कैंप का आयोजन शुरू कर दिया है। प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय को अपर सचिव विभा मिश्रा ने बताया कि पुराने कैंप में आए प्रकरणों के संशोधित अंकपत्र भेजने को प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसका बैकलाग खत्म होने को है। इसी के साथ जल्द कैंप आयोजित कराकर लंबित अन्य प्रकरणों का भी निस्तारण कराया जाएगा।

शिक्षक भर्ती में एक अंक से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों ने दी सीएम आवास घेरने की चेतावनी

शिक्षक भर्ती में एक अंक से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों ने दी सीएम आवास घेरने की चेतावनी

🆕 26 अगस्त 2023
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक से नियुक्ति पाने से वंचित अभ्यर्थियों ने सीएम आवास के घेराव की चेतावनी दी है। ईको गार्डन में 19 दिन से धरना दे रहे ये अभ्यर्थी सुनवाई न होने से नाराज हैं। धरना दे रहे दुर्गेश शुक्ला, रोहित शुक्ला, राम मिश्रा, प्रसून दीक्षित ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग उन्हें नियुक्ति नहीं दे रहा है। अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नियुक्ति देने की मांग की है। 



अपर मुख्य सचिव के मौखिक आश्वासन पर भी नहीं माने अभ्यर्थी, एक अंक से नियुक्ति  की मांग को लेकर धरना जारी रखने का निर्णय 

22 अगस्त 2023
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक मामले में अभ्यर्थियों का धरना सोमवार को भी जारी रहा। अभ्यर्थियों ने मेरिट सूची जारी करने के मामले में शासन से वार्ता के लिए संपर्क किया। 

दोपहर बाद उनकी अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार से सचिवालय में मुलाकात हुई। उन्होंने मामले में जल्द सकारात्मक निर्णय लिए जाने की बात कही, लेकिन अभ्यर्थी लिखित आदेश जारी करने पर अड़े रहे। मौखिक आश्वासन के बाद भी उन्होंने धरना जारी रखने का निर्णय लिया।







शिक्षक भर्ती में एक नंबर के लिए अभ्यर्थियों ने फिर घेरा निदेशालय, महानिदेशक स्कूल शिक्षा से मुलाकात के बाद भी जारी रहा प्रदर्शन


लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक से नियुक्ति पाने में वंचित अभ्यर्थियों का विरोध-प्रदर्शन बृहस्पतिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। अभ्यर्थी ईको गार्डेन से फिर बेसिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए। अभ्यर्थियों से दोपहर बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से वार्ता कर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। इसके बाद भी अभ्यर्थी बैठे रहे।


अभ्यार्थियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 10 महीने बाद भी विभाग ने नियुक्ति प्रक्रिया की कोई कार्यवाही नहीं की। ऐसे में जब तक इससे जुड़ा आदेश नहीं जारी किया जाता, तब तक धरना-प्रदर्शन चलता रहेगा। अभ्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से महानिदेशक ने कहा कि विभाग जल्द ही एक नंबर मामले को निस्तारित करेगा। 


इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी रहा और देर शाम पुलिस बल ने इन्हें फिर से ईको गार्डेन पहुंचा दिया। विभाग जल्द से जल्द एक नंबर जोड़कर परिणाम जारी करे। प्रदर्शन में दुर्गेश शुक्ला, रोहित शुक्ला, राम मिश्रा, प्रसून दीक्षित शामिल थे।



69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर के लिए अभ्यर्थियों ने शुरू किया धरना


लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद परीक्षा परिणाम में एक नंबर जोड़ने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने बुधवार से ईको गार्डेन में धरना शुरू कर दिया।


 मंगलवार को इन्होंने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया था। जहां से शाम को पुलिस ने उन्हें ईको गार्डेन पहुंचा दिया था। प्रदेश भर से एकजुट अभ्यर्थियों ने कहा कि यदि जल्द उनकी मांग पर बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से कार्यवाई नहीं की गई तो वह बेसिक शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए मजबूर होंगे।


 अभ्यर्थियों ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय न्यायालय के आदेशों की अवमानना कर रहा है। इसकी वजह से हजारों अभ्यार्थियों को नियुक्ति के लिए सालों इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की जल्द एक नंबर जोड़कर उनका परिणाम जारी किया जाए और जिला आवंटन फार्म भी भरवाया जाए।



 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में एक अंक का लाभ अब तक न दिए जाने से खफा अभ्यर्थियों ने घेरा निदेशालय


लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों ने मंगलवार को निदेशालय का घेराव कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने का आरोप लगाया।


 दरअसल, परीक्षा में शैक्षिक परिभाषा से जुड़े प्रश्न के चारों विकल्पों को गलत मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2249 अभ्यर्थियों को एक अंक का लाभ देने का आदेश दिया था, लेकिन अभ्यर्थियों को इसका लाभ नहीं मिला। 


परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने एक नंबर का लाभ देने के लिए अभ्यर्थियों की सूची सचिव बेसिक शिक्षा को भेजी गई है। देर शाम पुलिस ने उनकी सचिव बेसिक शिक्षा प्रताप सिंह बघेल से वार्ता कराई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। 

Saturday, August 26, 2023

आंगनबाड़ी : लाभार्थी के हिस्से का पोषाहार कोई दूसरा नहीं ले सकेगा, पुष्टाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण को पारदर्शी बना रही सरकार

आंगनबाड़ी : लाभार्थी के हिस्से का पोषाहार कोई दूसरा नहीं ले सकेगा, पुष्टाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण को पारदर्शी बना रही सरकार


26 अगस्त 2023
योगी सरकार ने प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं के तहत संचालित आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण को और सुदृढ़ तथा पारदर्शी बनाने के लिए बायोमैट्रिक्स प्रणाली लागू किए का फैसला किया है। इसके तहत ई-पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिए उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।


मुख्यमंत्री ने यह निर्देश शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में दिए। उन्होंने कहा है कि ई-पॉस मशीनों की स्थापना के लिए टेंडर के साथ ही ई-टेंडरिंग के माध्यम से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) तैयार करने की जिम्मेदारी यूपीडेस्को की होगी। हाल ही में योगी कैबिनेट ने ई-पॉस मशीनों के माध्यम से अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण की व्यवस्था को मंजूरी दी है। 


इसके माध्यम से लाभार्थी के हिस्से का पोषाहार कोई दूसरा नहीं ले सकेगा। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं के तहत संचालित आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों (अति कुपोषित सहित), गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा 14 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं (केवल आकांक्षात्मक जनपदों में) को पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसे उत्तर प्रदेश शासन के ई- प्रोक्योरमेन्ट पोर्टल https://etender.up.nic.in के माध्यम से किए जाने के प्रबंध किए गए हैं।



23 अगस्त 2023
पोषाहार वितरण में घालमेल पर लगाम, मैनुअल व्यवस्था के बजाए अब हर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ई- पॉस मशीन से होगा सत्यापन, कैबिनेट का फैसला


आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिए लाभार्थियों को दिए जाने वाले पोषाहार के वितरण में अब घालमेल नहीं चलेगा। सरकार ने पोषाहार वितरण की मैनुअल व्यवस्था को समाप्त करते हुए अब ई-पॉस मशीन के माध्यम से सत्यापन कराने का फैसला किया है।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिए लाभार्थियों को दिए जाने वाले पोषाहार के वितरण में अब घालमेल नहीं चलेगा। सरकार ने पोषाहार वितरण की मैनुअल व्यवस्था को समाप्त करते हुए अब ई-पॉस मशीन के माध्यम से सत्यापन कराने का फैसला किया है। इसके लिए सभी परियोजनाओं व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ई-पॉस मशीन स्थापित किए जाएंगे । उप्र डेवलपमेंट सिस्टम कॉरपोरेशन (यूपीडेस्को) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है।



बता दें कि अभी तक लाभार्थियों को वितरित किए गए पोषाहार के सत्यापन के लिए मैनुअल व्यवस्था लागू है। तमाम जिलों में लाभार्थियों की अधिक संख्या दिखाकर पोषाहार वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली किए जाने के कई मामले सामने भी आते रहते हैं। ऐसी ही शिकायतों के आधार पर पिछले दिनों कई जिलों के अधिकारियों व आंगनबाड़ी स्तर के कर्मियों पर कार्रवाई भी की गई है । इस तरह की बढ़ती शिकायतों के देखते हुए ही सरकार ने इस पोषाहार वितरण के सत्यापन के लिए तनकीन का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।


सरकार के इस फैसले से जहां वास्तविक लाभार्थियों को तय मात्रा के मुताबिक पोषाहार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी, वहीं किसी भी स्तर पर होने वाले धांधली को भी रोका जा सकेगा। प्रस्ताव के मुताबिक ई-पॉस मशीनों की स्थापना पर आने वाला खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। ई-पॉस मशीनों की स्थापना और संचालन की जिम्मेदारी यूपीडेस्को को दी गई है।

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की सेवा सुरक्षा के लिए गरजे शिक्षक

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की सेवा सुरक्षा के लिए गरजे शिक्षक

🆕 अपडेट
26 अगस्त 2023

प्रयागराज : सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की सेवा सुरक्षा से संबंधित चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 21 को खत्म किए जाने के विरोध समेत अन्य मांगों को लेकर शिक्षकों ने शुक्रवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया। 


माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के सदस्यों ने विद्यालयों के प्रांतीयकरण करने, कार्यालयों में सिटीजन चार्टर, प्रबंधकीय तानाशाही पर रोक लगाने और वर्षों से लंबित पड़े शिक्षकों के एरियर के भुगतान सहित अन्य मुद्दों और उनके समाधान के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीआईओएस पीएन सिंह को सौंपा।

प्रदेश संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने कहा कि नौ अगस्त को विधानसभा से पारित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक में यह शिक्षक सेवा सुरक्षा अधिनियम- 21 का प्रावधान नहीं मिलेगा। एकीकृत शिक्षा आयोग में यह धारा पुन जोड़ी जाए, अन्यथा इसके लिए सड़क पर संघर्ष करेंगे। 

जिलाध्यक्ष मोहम्मद जावेद अध्यक्षता में आयोजित धरने में प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र वर्मा, प्रदेशीय आय-व्यय निरीक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह, प्रदेशीय मंत्री तीर्थ राज पटेल, जिला मंत्री देवराज सिंह, मिथिलेश कुमार मौर्य, गार्गी श्रीवास्तव, सुमन शर्मा, रामचंद्र यादव, महेश यादव, अशोक कनौजिया, राजेश कुमार, सुरेश पासी, हरिशंकर, राजेश विकास, उमापति पटेल आदि ने संबोधित किया।




25 अगस्त 2023

नए शिक्षा चयन आयोग अधिनियम में मांगी शिक्षक सेवा सुरक्षा की धारा

विधेयक में अधिनियम 1982 की धारा 18 व 21 का वर्णन नहीं

धारा 18 में तदर्थ प्रधानाध्यापक की व्यवस्था है एवं 21 में प्रबंधक मनमानी नहीं कर सकेंगे


प्रयागराजः उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का विधेयक सदन में पेश किए जाने पर अधिनियम 2023 की धारा 31 (1) से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 18 एवं 21 को हटाए जाने का शिक्षकों ने विरोध किया है। कहा है कि यह दोनों धाराएं नहीं होने से शिक्षकों की सेवा सुरक्षा खतरे में रहेगी। 


राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उप्र ने प्राथमिक से लेकर उच्च एडेड शिक्षण संस्थानों तक में शिक्षक भर्ती के लिए गठित हो रहे आयोग में दोनों धाराएं जोड़ने की मांग की है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा  18 में एडेड माध्यमिक विद्यालयों में चयनित प्रधानाचार्य के सेवानिवृत्त होने पर 60 दिन में नया चयनित प्रधानाचार्य नहीं आने पर विद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षक को तदर्थ प्रधानाचार्य नियुक्त किए जाने एवं उन्हें वेतन दिए जाने की व्यवस्था है। 


इसी तरह धारा 21 में बिना चयन बोर्ड की अनुमति के शिक्षक को निलंबित करने का अधिकार प्रबंधतंत्र को नहीं है। शिक्षकों की एक बैठक में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के मंत्री डा. संतोष कुमार शुक्ल ने कहा है कि सदन में पेश किए गए विधेयक में दोनों धाराओं का उल्लेख नहीं है। ऐसे में धारा 21 के हटने से प्रबंध तंत्र उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के पूर्व अनुमोदन के बिना शिक्षकों को निलंबित कर सकेगा।


 यह अन्यायपूर्ण है और इससे तानाशाही विचारधारा को बढ़ावा मिलेगा। ऐसी स्थिति में या तो मुकदमे बढ़ेंगे या शिक्षक प्रबंधतंत्र एवं अधिकारियों के कठपुतली बनने को विवश होंगे। डा. अभिषेक मिश्र, डा. योगेंद्र सिंह, डा. उमेश. पूनम आदि शामिल हुए। माध्यमिक शिक्षा मंत्री से यह धाराएं अधिनियम में जोड़ने की मांग की है।

यूपी में लोकसभा चुनाव से पहले 15 लाख टैबलेट भी बांटने की तैयारी, कैबिनेट से टैबलेट खरीदने के प्रस्ताव को मिलेगी मंजूरी, स्मार्ट फोन की आपूर्ति जल्द

यूपी में लोकसभा चुनाव से पहले 15 लाख टैबलेट भी बांटने की तैयारी, कैबिनेट से टैबलेट खरीदने के प्रस्ताव को मिलेगी मंजूरी, स्मार्ट फोन की आपूर्ति जल्द


लखनऊ : लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार युवाओं को 15 लाख टैबलेट भी बांटेंगी। ये टैबलेट स्मार्ट फोन के अलावा दिए जाएंगे।

सरकार युवाओं को 25 लाख स्मार्ट फोन सितंबर के दूसरे सप्ताह से बांटना शुरू कर देगी। स्मार्ट फोन बांटने के बारे में बीते मंगलवार को कैबिनेट में फैसला किया गया था। अब आईटी विभाग 15 लाख टैबलेट खरीद के प्रस्ताव को जल्द कैबिनेट से मंजूर कराएगा।


हाल में कैबिनेट ने 25 लाख मोबाइल फोन खरीदने का निर्णय लिया है। इसके लिए सैमसंग व लावा जैसी कंपनियों को जिम्मा दिया गया। यह कंपनियां अगले महीने के दूसरे हफ्ते से स्मार्टफोन का वितरण करना शुरू कर देंगी।


सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए अगले साल जनवरी में आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में संहिता के बाद लैपटाप, स्मार्टफोन का छात्रों में निशुल्क वितरण संभव नहीं हो पाएगा। अब सरकार के पास चार महीने बचे हैं। इसी में लैपटॉप व स्मार्टफोन का वितरण होगा। इसे एक बड़े अभियान के तौर पर लिया जाएगा। अलग-अलग जिलों में विशेष आयोजन कर छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया जाएगा। उसमें स्थानीय विधायक, मंत्री व डीएम की देखरेख में इनका वितरण होगा। कुछ ऐसा ही अभियान विधानसभा चुनाव से पूर्व 2022 में 17 लाख स्मार्ट फोन व टैबलेट बांटने के लिए जिलों-जिलों में चलाया गया था।


टैबलेट और फोन की क्षमता होगी ज्यादा

योगी सरकार स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत 17 लाख स्मार्टफोन व टैबलेट निशुल्क बांट चुकी है। यह योजना पांच साल तक चलनी है। स्मार्टफोन की बैटरी की क्षमता इस बार 4000 एमएएच के बजाए 5000 एमएएच होगी जबकि टैबलेट की क्षमता 2 जीबी के बजाए तीन जीबी की रैम वाली होगी। योगी सरकार का लक्ष्य पांच साल में दो करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित करने का है।


औद्योगिक विकास विभाग व आईटी विभाग के प्रमुख सचिव अनिल सागर का कहना है कि संबंधित कंपनियों को आपूर्ति का आदेश दे दिया गया है। सितंबर के दूसरे हफ्ते से स्मार्टफोन की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

उच्च शिक्षा की सूचनाएं भी पोर्टल पर, सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को निर्देश, एक अक्तूबर से ब्योरा पोर्टल पर होगा उपलब्ध

उच्च शिक्षा की सूचनाएं भी पोर्टल पर, सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को निर्देश, एक अक्तूबर से ब्योरा पोर्टल पर होगा उपलब्ध 

प्रयागराज : बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन प्रदेश के राजकीय एवं सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के कार्मिकों का सेवा विवरण भी मानव संपदा पोर्टल पर उपलब्ध होगा। उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. ब्रह्मदेव ने सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को शुक्रवार को निर्देश दिया है कि कार्मिकों की नियुक्ति, कार्यभार ग्रहण, कार्यमुक्ति, अवकाश प्रबंधन आदि, मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम, वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट प्रबंधन, वेतन आहरण, सेवा पुस्तिका प्रबंधन आदि से संबंधित सभी काम एक अक्तूबर से मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से संपादित किया जाए।


इसके लिए प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में मानव संपदा पोर्टल से संबंधित सभी सेवा विवरण अपडेट किए जाएंगे। इस सप्ताह में पिछले माह तक की नियुक्ति, कार्यभार ग्रहण, कार्यमुक्ति, सेवा पुस्तिका में नई इंट्री, अवकाश आदि से संबंधित विवरण अपडेट होंगे। सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी 30 अगस्त तक अपने क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रीय कार्यालय, राजकीय महाविद्यालय, राजकीय पब्लिक लाईब्रेरी एवं सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों को अपने स्तर से निर्देशित करते हुए सभी कार्मिकों (जिनका वेतन कोषागार से आहरित होता है) का पंजीकरण एवं सेवा विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट कराना सुनिश्चित करेंगे।

सार्वजनिक अवकाश के दिनों में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों से कार्य लिए जाने पर "प्रतिकर अवकाश" दिया जाए, बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर महिला शिक्षक संघ ने की मांग

सार्वजनिक अवकाश के दिनों में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों से कार्य लिए जाने पर "प्रतिकर अवकाश" दिया जाए, बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर महिला शिक्षक संघ ने की मांग


Friday, August 25, 2023

डीएलएड के मूल्यांकन की समय सारिणी जारी

डीएलएड के मूल्यांकन की समय सारिणी जारी 



प्रयागराज। डीएलएड (बीटीसी) 2023 की प्रथम व तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा के आंतरिक मूल्यांकन का परिणाम 28 अगस्त तक निर्धारित वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश जारी किया गया है।



सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की तरफ से डीएलएड के आंतरिक मूल्यांकन के अंक ऑनलाइन अपलोड करने को समय सारिणी जारी कर दी गई। 


राजकीय, निजी डीएलएड प्रशिक्षण संस्थानों की तरफ से आंतरिक मूल्यांकन अंक 22 से 28 अगस्त तक अपलोड करने हैं।

बीएड की डिग्री अमान्य हुई तो बढ़ गए डीएलएड करने वाले, हफ्ते भर में तीन गुना बढ़ गए डीएलएड में आवेदन, जानिए! आवेदन बढ़ने की असल वजह?

प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड हटने पर डीएलएड में प्रवेश को होड़, पांच दिन में ही दो लाख से ज्यादा आवेदन


प्रयागराज : उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) में प्रवेश लेने के लिए आवेदन ले रहा है।

 2,33,350 सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया के शुरू के 25 दिन में करीब 60 हजार आवेदन ही हुए। कम आवेदन को देखते हुए 15 दिन तिथि बढ़ाई गई तो कुल आवेदनों की संख्या 1,21,246 पहुंच गई। फिर भी सीट के आधे आवेदन न होने से 15 दिन तिथि फिर बढ़ाई गई तो कुछ आवेदन बढ़े, लेकिन संतोषजनक स्थिति नहीं रही।

 इसी बीच एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बीएड बाहर हो गया। उसके बाद डीएलएड में प्रवेश के लिए आवेदन का ग्राफ तेजी से बढ़ा। स्थिति यह रही कि करीब पांच दिन में ही दो लाख से ज्यादा आवेदन हो गए।



बीएड की डिग्री अमान्य हुई तो बढ़ गए डीएलएड करने वाले, हफ्ते भर में तीन गुना बढ़ गए डीएलएड में आवेदन, जानिए! आवेदन बढ़ने की असल वजह?

आवेदन की तारीख बढ़ने के बाद अभी और आवेदन का अनुमान



लखनऊ : प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए वीएड की डिग्री को अमान्य किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में डीएलएड (वीटीसी) में आवेदन तीन गुना बढ़ गए। एक वार अंतिम तारीख बढ़ाने के बावजूद 11 अगस्त तक सिर्फ 1.2 लाख आवेदन आए थे। उसके वाद यह संख्या 3.40 लाख पहुंच गई है। यह हाल तब है जब पांच दिन से वेबसाइट बंद होने के कारण अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सके। ऐसे में दोबारा तारीख बढ़ी तो यह संख्या और भी ज्यादा हो सकती है।


डीएलएड में दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया जुलाई से चल रही है। पहले इसके लिए 30 जुलाई आखिरी तारीख तय की गई थी। उसमें एक लाख से भी कम आवेदन आए थे। इसे देखते हुए आवेदन करने की तारीख बढ़ाकर 21 अगस्त कर दी गई। उसके बावजूद 11 अगस्त तक सिर्फ 1.20 लाख ही आवेदन आए थे। इस वीच सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया कि वेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए सिर्फ वीटीसी ही अहंता होगी। वीएड वाले वेसिक शिक्षक नहीं वन सकते। उसके बाद से अचानक डीएलएड में आवेदन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती गई। पिछले पांच दिन से वेबसाइट बंद है। इस तरह 11 अगस्त के बाद से एक हफ्ते के अंदर 18 अगस्त तक ही 3.40 लाख आवेदन आ गए।


पिछले वर्षों के मुकाबले भी ज्यादा आवेदन

इस साल डीएलएड में कुल 2.33 लाख सीटें हैं। आवेदन 3.40 लाख आ गए हैं। पिछले वर्षों के मुकाबले आवेदनों की संख्या काफी ज्यादा है। वर्ष 2022 में 2.16 लाख सीटों के मुकाबले महज 1.60 लाख आवेदन आए थे। इसमें से भी सिर्फ 55,677 ने दाखिला लिया था। वहीं 2021 में 2.28 लाख सीटों के मुकाबले 1.64 लाख आवेदन आए थे और 96,134 ने दाखिला लिया था।


आवेदन बढ़ने की असल वजह क्या है?

दरअसल, सामान्य तौर पर बीटीसी (अब डीएलएड) ही बेसिक शिक्षकों के लिए अनिवार्य अर्हता होती है। वहीं बीएड में छठवीं से हाईस्कूल तक पढ़ाने के लिए अर्हता होती है। यूपी समेत कई राज्यों में कुछ साल पहले तक बीटीसी पास वालों की संख्या कम थी और बीएड वालों की ज्यादा। ऐसे में राज्य सरकारों ने बीएड वालों को बेसिक शिक्षक बनने के लिए अनुमति दे दी। शर्त यह थी कि उन्हें छह महीने विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसीलिए इन भर्तियों को विशिष्ट बीटीसी नाम दिया गया। हाल ही में राजस्थान में अभ्यर्थी इसके खिलाफ कोर्ट गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर आदेश जारी कर दिया कि बीएड वाले कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए अर्ह नहीं है। यही वजह है कि प्रदेश में अभी तक युवा बीएड को प्राथमिकता दे रहे थे कि इससे प्राइमरी और हाईस्कूल तक दोनों जगह नौकरी का मौका था। अब बीएड वालों पर बेसिक में रोक लग गई तो वे फिर उन्होंने डीएलएड को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है। इसकी वजह ये कि प्राइमरी शिक्षक भर्ती के लिए ही ज्यादा भर्तियां निकलती हैं।

Thursday, August 24, 2023

इतने तामझाम के बाद भी परिषदीय स्कूलों की सफाई व्यवस्था पर अब भी सवाल

इतने तामझाम के बाद भी परिषदीय स्कूलों की सफाई व्यवस्था पर अब भी सवाल



चाहे शासन हो या विभाग, स्कूल से सम्बन्धित अनेक आदेशों में सफाई व्यवस्था पर खासा जोर दिया जाता है लेकिन धरातल पर क्या हो रहा है, इसकी सुध नहीं ली जाती है। शौचालयों, परिसर व कक्षा कक्षों की सफाई कौन और किस तरह कर रहा है, कभी इसकी जांच नहीं कराई गई। शिक्षकों का यह दर्द रह रहकर उभरता है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।


नाम न छापने की शर्त पर  तमाम बेसिक शिक्षक बताते हैं कि परिषदीय स्कूलों की सफाई व्यवस्था रामभरोसे है। अनेक स्कूलों में सफाईकर्मी स्कूल ही नहीं जाते हैं। ग्राम प्रधानों से संपर्क पर बताया कि जाता है कि तैनाती ही नहीं है। जहां तैनाती है, वहां सफाईकर्मी नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते हैं। 


छोटे परिसर व कक्षा कक्षों की सफाई किसी तरह रसोइयों से करा ली जाती है लेकिन बड़े परिसर व अधिक कक्षा कक्षों की सफाई से रसोईयां भी तौबा कर लेती हैं। इन हालातों में आखिर स्कूलों की सफाई कौन करेगा, इसका जवाब अब तक जिम्मेदारों ने नहीं दिया है। इन दिनों बारिश के मौसम में घासफूस तेजी से बढ़ी है लेकिन नियमित सफाई नहीं की जा रही है।


प्रॉक्सी सफाईकर्मियों की करते हैं तैनाती !: 
सूत्र बताते हैं कि ऐसे कई सफाईकर्मी हैं जो तैनाती स्थल पर जाने की बजाए अपनी जगह गांव के ही किसी गरीब को कुछ पैसों पर रख देते हैं। प्रॉक्सी सफाईकर्मी न तो स्कूल जाता है और न ही गांव की गलियों की सफाई करता है।


शौचालयों की सफाई | सबसे बड़ी परेशानी

सबसे बड़ी परेशानी शौचालयों की सफाई को लेकर है। यह ऐसी जगह है जहां नियमित सफाई की आवश्यकता है। छोटे बच्चे इसे एक दिन में ही गंदा कर देते हैं। सफाईकर्मी विहीन स्कूलों में इनकी सफाई हमेशा बड़ा मुद्दा रहती है। शिक्षक इसे लेकर आवाज उठाते हैं लेकिन सुनता कोई नहीं है। प्राइवेट कर्मी शौचालय सफाई के लिए अक्सर तैयार नहीं होते हैं।

पॉलीटेक्निक पांच चरण में होगी काउंसलिंग प्रक्रिया

पॉलीटेक्निक पांच चरण में होगी काउंसलिंग प्रक्रिया

लखनऊ : पॉलीटेक्निक काउंसलिंग का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। पांच चरण में काउंसलिंग ऑनलाइन होगी।

बुधवार से शुरू हुई तीन चरण की काउंसलिंग तीन सितम्बर तक, चौथे चरण की पांच सितंबर से तथा पांचवें चरण की काउंसलिंग 8 सितंबर से होगी। तीन सितंबर तक काउंसलिग में शामिल होने वाले छात्रों की कक्षाएं पांच सितम्बर से शुरू हो जाएंगी। उत्तीर्ण अभ्यर्थी संस्थान एवं पाठ्यक्रम के विकल्पों का चयन परिषद की वेबसाइट jeecup. admissions. nic. in पर अपने लागिन आईडी से कर सकेंगे। 



काउंसलिंग में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को चरण वार विकल्प भरना होगा। अगले चरण में अभ्यर्थी द्वारा भरी गई पूर्व चरण के सीट विकल्पों के आधार पर ही आंवटन होगा। भरी हुई सीटों में बदलाव नहीं होगा। शुरू के तीन चरण में शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन राजकीय एवं अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं में बने सहायता केन्द्रों पर होगा।


दूसरे राज्य के अभ्यर्थी चौथे चरण की काउंसलिंग में भाग ले सकेंगे। सीट आवंटन बाद फ्लोट व फ्रीज विकल्प का चयन करना आवश्यक होगा। फ्लोट विकल्प का चयन करने वाले अभ्यर्थी को 3250 रुपये सिक्योरिटी राशि एवं काउंसलिंग शुल्क जमा करना होगा। प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद संस्था का प्रवेश शुल्क आन लाइन जमा करना होगा। संयुक्त प्रवेश परिषद ने 17 अगस्त को प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी किया था। जिसमें 262171 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं।

कुल सीटें 2,08,150

इंजीनियरिंग ग्रुप -1,22,887 सीट

फॉर्मेसी ग्रुप - 56,452 सीट

अन्य ग्रुप - 28,811 सीट

कुल संस्थान - 1,270

राजकीय संस्थान - 166

निजी इंजीनियरिंग संस्थान - 247

निजी फॉर्मेसी संस्थान - 849

पीपीपी मॉडल संस्थान - 3

अन्य विभागों से संचालित संस्थान - 5

CTET से बीएड धारकों को बेदखल करने की मांग, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल, 6 सितंबर को होगी मामले की सुनवाई, 20 अगस्त को हुई थी परीक्षा

CTET से बीएड धारकों को बेदखल करने की मांग, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल, 6 सितंबर को होगी मामले की सुनवाई, 20 अगस्त को हुई थी परीक्षा


प्रयागराज | बीएड डिग्री धारकों की प्राथमिक स्कूल में नियुक्ति का विवाद थमने का नाम नही ले रहा। सुप्रीम के कोर्ट के निर्णय के बाद अब शिक्षक पात्रता परीक्षा से बीएड डिग्री धारकों को बेदखल करने की मांग वाली एक याचिका हाईकोर्ट में दाखिल हुई है।


याची शकील खान की ओर से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विकास बुधवार की अदालत सुनवाई कर रही है। याची की अधिवक्ता तान्या पांडे ने दलील दी है कि बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक कक्षाओं में अध्यापन पर रोक लगाए जाने के बाद, उन्हे राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित होने वाली पात्रता परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।


 जो बीएड डिग्री धारक 20 अगस्त को हुई पात्रता परीक्षा में शामिल हुए है, उनके परिणाम को रोक दिया जाएं। उन्होनें राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने की योग्यता में भी संशोधन की मांग भी की है।


राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद की ओर से पेश वकील एचएन पांडे ने याची की पोषणीयता पर सवाल खड़ा किया है। कहा की याची व्यथित पक्षकार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक बार चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद अगर यह पाया जाता है कि अभ्यर्थी के पास आपेक्षित योग्यता नहीं है तो उसका चयन नहीं किया जायेगा। लेकिन इस स्तर पर पात्रता परीक्षा और उसके परिणाम से वंचित किया जाना उचित नहीं है।


लंबित याचिका, राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा वर्ष 2021 में दिए गए निर्णय का का हवाला देते हुए याचिका को निस्तारित करने की मांग की। 

Wednesday, August 23, 2023

डीएलएड प्रवेश में आवेदन की वेबसाइट लड़खड़ाई, बढ़ेगी तिथि

डीएलएड प्रवेश में आवेदन की वेबसाइट लड़खड़ाई, बढ़ेगी तिथि



प्रयागराज : प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) - 2023 में प्रवेश के लिए तीन दिन से वेबसाइट में दिक्कत के कारण अभ्यर्थी आनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। जो आवेदन कर चुके हैं, उनमें से कई अभ्यर्थी आनलाइन शुल्क नहीं जमा कर पा रहे हैं। इसी तरह पूर्ण आवेदन के बाद प्रिंटआउट भी नहीं निकल रहा है।


आवेदन करने एवं आनलाइन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि बीत जाने के कारण आवेदक अटक गए हैं। इस स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी की ओर से तिथि बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।


डीएलएड की कुल 2,33,350 सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। सीट के सापेक्ष आवेदन कम आने के कारण दो बार तिथि बढ़ाई जा चुकी है। इस बीच प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बीएड को अमान्य कर दिए जाने के बाद स डीएलएड में आवेदकों की संख्या बढ़ने लगा। निधारित अंतिम तिथि 21 अगस्त तक आवेदन लिया जाना था, लेकिन अभ्यर्थियों ने शिकायत की कि करीब तीन दिन से वेबसाइट नहीं चल पा रही हैं। अभ्यर्थियों ने शुल्क जमा न कर पाने की शिकायत की। इसी तरह प्रिंटआउट न निकलने की शिकायत पीएनपी में की है।

फैसला : अनुकंपा नियुक्ति एकमुश्त वेतनमान पर नहीं –हाईकोर्ट

फैसला : अनुकंपा नियुक्ति एकमुश्त वेतनमान पर नहीं –हाईकोर्ट 



प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अनुकंपा कोटे में एकमुश्त वेतनमान पर कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की जा सकती है। उसे नियमित वेतनमान पर नियमित नियुक्ति ही दी जा सकती है। इसी के साथ कोर्ट ने एकमुश्त वेतनमान पर नियुक्त बेसिक शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को उसकी नियुक्ति की तिथि से नियमित वेतनमान देने का आदेश दिया है। साथ ही इस संदर्भ में बेसिक शिक्षा अधिकारी का आदेश रद्द कर दिया है।


यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल ने प्रवीण कुमार की याचिका पर अधिवक्ता विभु राय एवं धनंजय राय को सुनकर दिया है। एडवोकेट विभु राय व धनंजय राय का कहना था कि याची वर्ष 2004 में 2850 रुपये प्रतिमाह के एकमुश्त वेतनमान पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर नियुक्त किया गया । वर्ष 2010 में उसे नियमित वेतनमान पर नियुक्ति दी गई। तब से वह लगातार नियमित वेतन पा रहा है। 



याची ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कासगंज को प्रत्यावेदन देकर नियुक्ति तिथि से नियमित वेतनमान की मांग की, जिसे बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निरस्त कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका की गई। हाईकोर्ट ने बीएसए कासगंज को रवि करण सिंह केस के निर्णय के आलोक में याची के मामले पर विचार करने का आदेश दिया। 


इसके बाद भी बीएसए ने यह कहते हुए याची का प्रत्यावेदन खारिज कर दिया कि 17 जून 1996 को निदेशक बेसिक शिक्षा ने आदेश किया था कि एकमुश्त वेतनमान पर नियुक्त कर्मचारियों को नियमित वेतनमान, नियमित किए जाने की तिथि से ही देय होगा । उससे पूर्व की सेवा के लिए नियमित वेतनमान नहीं दिया जा सकता। बीएसए के इस आदेश को पुनः हाईकोर्ट में चुनौती दी गई । एडवोकेट विभु राय ने हाईकोर्ट के पूर्व का निर्देश दिया है।


आदेशों की नजीर पेश करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुकंपा के आधार पर एकमुश्त वेतनमान पर नियुक्ति नहीं की जा सकती। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार के बाद कहा कि अनुकंपा नियुक्ति एकमुश्त वेतनमान पर नहीं की जा सकती। यह नियुक्ति नियमित वेतनमान पर ही होनी चाहिए। इसलिए जिन्हें एकमुश्त वेतनमान पर नियुक्ति दी गई है, उन्हें नियुक्ति तिथि से नियमित वेतनमान देय होगा। कोर्ट ने बीएसए का आदेश रद्द करते हुए उन्हें हाईकोर्ट के इस आदेश के आलोक में याची के प्रकरण पर दो माह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया।

चंद्रयान लेंडिंग के सजीव प्रसारण को लेकर सभी शिक्षक संघों में उबाल, ज्ञापन देकर जताया विरोध, देखें सभी शिक्षक संगठनों द्वारा जारी पत्र

चंद्रयान लेंडिंग के सजीव प्रसारण को लेकर सभी शिक्षक संघों में उबाल, ज्ञापन देकर जताया विरोध, देखें सभी शिक्षक संगठनों द्वारा जारी पत्र


शिक्षक संघ शाम को स्कूल खोलने को लेकर नाराज, एक सुर से कहा, स्कूलों में सीधा प्रसारण दिखाना संभव नहीं


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा व संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर शाम में स्कूल खोलने के आदेश को वापस लेने की मांग की है। 

पत्र में कहा गया है कि विद्यालयों में टेलीविजन, डिश, प्रोजेक्टर और स्मार्टफोन की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण सीधा प्रसारण दिखाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि लगभग सभी विद्यार्थियों के घर पर सजीव प्रसारण देखने के लिए टेलीविजन की व्यवस्था है। सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक बच्चों को स्कूल में रोकना संभव नहीं है।

शिक्षक नेताओं ने यह भी कहा है कि महानिदेशक की ओर से 29 जुलाई को मोहर्रम के अवकाश और रविवार 13 अगस्त को भी विद्यालय खोले गए थे। छुट्टी में विद्यालयों को खोलना न्यायोचित नहीं है। इसके बदले प्रतिकर अवकाश नहीं दिया जाता है। इस प्रकार के आदेशों से विद्यालयों को खोले जाने से शिक्षकों में काफी नाराजगी है। 








बगैर किसी व्यवस्था और संसाधनों के स्कूलों में चंद्रयान लैंडिंग के सीधे प्रसारण के आदेश को VBTC वेलफेयर एसोसिएशन ने बताया अव्यावहारिक, महिला शिक्षिकाओँ की सुरक्षा के नाते सीएम योगी से की हस्तक्षेप की मांग


विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार तिवारी ने शाम को विद्यालय खोलने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि वे इसका बहिष्कार करेंगे। मुख्यमंत्री योगी को लिखे पत्र में उन्होंने सवाल उठाया है कि इतनी शाम को महिला शिक्षकाओं की सुरक्षा की व्यवस्था कैसे होगी?


युवाओं को 25 लाख स्मार्टफोन देने के लिए 3600 करोड़ मंजूर, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के युवाओं को दिए जाएंगे स्मार्टफोन

युवाओं को 25 लाख स्मार्टफोन देने के लिए 3600 करोड़ मंजूर, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के युवाओं को दिए जाएंगे स्मार्टफोन


लखनऊ। प्रदेश सरकार युवाओं को हाइटेक बनाने के लिए 25 लाख स्मार्टफोन मुफ्त में देगी। इन स्मार्टफोन की खरीद पर 3600 करोड़ रुपये खर्च होंगें, जिसका मंगलवार को कैबिनेट ने अनुमोदन कर दिया।


स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत योगी सरकार युवाओं को निशुल्क स्मार्टफोन दे रही है। ये स्मार्ट फोन स्नातक, स्नाकोत्तर, डिप्लोमा, कौशल विकास के अलावा विभिन्न शिक्षण व प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लाभार्थी युवाओं को दिए जाएंगे, ताकि वे अपने शैक्षिक पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें। 


पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद भी आगे के कॅरिअर में ये स्मार्टफोन मददगार साबित होंगे। इस योजना के जरिए प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जाएगा। इनकी खरीद के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में 3600 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव मंजूरी दे दी गई है। इससे केंद्र सरकार पर कोई व्यय भार नहीं पड़ेगा। 


इस संबंध में आईटी कंपनी इन्फोसिस प्रदेश के युवाओं को डिजिटल सशक्तिकरण व स्किल डेवलपमेंट के उद्देश्य से कॉरपोरेट सोशल एक्टिविटी के अंतर्गत स्प्रिंगबोर्ड प्लेटफार्म प्रदेश सरकार को निशुल्क दे रही है। इसमें छात्र छात्राओं के भविष्य को सुधारने वाले 3900 कोर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

69000 सहायक शिक्षक भर्ती : आरक्षण के मुद्दे पर अपीलों की सुनवाई अब 11 सितम्बर को

69000 सहायक शिक्षक भर्ती : आरक्षण के मुद्दे पर अपीलों की सुनवाई  अब 11 सितम्बर को

 19 हजार सीटों पर चयन में आरक्षण घोटाले का आरोप

हाईकोर्ट की एकल पीठ के 13 मार्च के फैसले को दी है चुनौती


लखनऊ। 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले से जुड़े 19 हजार सीटों पर हुए चयन में एकल पीठ के फैसले को आरक्षण के मुद्दे पर चुनौती देने वाली विशेष अपीलों पर मंगलवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने इन अपीलों को अगली सुनवाई के लिए 11 सितंबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। 


न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश खुद को आरक्षण पीड़ित बताने वाले 13 अभ्यर्थियों समेत अन्य अभ्यर्थियों की दाखिल अपीलों के समूह पर दिया। इस मामले में एकल पीठ के 13 मार्च के फैसले को दो न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष विशेष अपील दायर कर चुनौती दी गई है।


 इन कथित आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में 19 हजार सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। कहा कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की इस भर्ती में ठीक से ओवरलैपिंग नहीं कराई गई है, जो गलत है। 


प्रत्येक भर्ती की एक मूल चयन सूची बनाई जाती है लेकिन अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटेगरी, सब कैटिगरी आदि को छिपाकर जिला आवंटन सूची पर इस भर्ती प्रक्रिया को संपन्न कर दिया गया। यह पूरी तरह से गलत है। राज्य सरकार ने भर्ती की मूल सूची भी आज तक जारी नहीं की है।


अपीलकर्ताओं का कहना है कि 13 मार्च को एकल पीठ ने फैसले में राज्य सरकार को इस भर्ती की पूरी सूची को सही करने के लिए तीन माह का समय दिया था, जो पूरा हो चुका है।


Tuesday, August 22, 2023

मदरसा कार्मिकों के जीपीएफ भुगतान लिए जारी आदेश में संशोधन की मांग, सेवानिवृत्ति के बाद नियुक्ति की वैधता की जांच पर टीचर्स एसोसिएशन ने उठाया सवाल

मदरसा कार्मिकों के जीपीएफ भुगतान लिए जारी आदेश में संशोधन की मांग, सेवानिवृत्ति के बाद नियुक्ति की वैधता की जांच पर टीचर्स एसोसिएशन ने उठाया सवाल


लखनऊ। मदरसों के शिक्षक व कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद उनकी नियुक्ति की वैधता की जांच पर टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया ने सवाल उठाया है। एसोसिएशन के महामंत्री व मदरसा बोर्ड के पूर्व सदस्य दीवान साहेब जमां ने जांच को जीपीएफ नियमावली के विपरीत बताया। उन्होंने कहा कि प्रोविडेंट फंड एक्ट 1925 की धारा-3 के तहत सामान्य भविष्य निधि को संरक्षण प्राप्त है। 

सेवाकाल में अधिकारी व कर्मचारी द्वारा की गई अनियमितताओं के कारण उनकी सेवानिवृत्ति के सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा धनराशि से किसी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती है। लिहाजा शिक्षक व कर्मचारियों की नियुक्ति की वैधता की जांच का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक को पत्र लिखकर मदरसा शिक्षक व कर्मचारियों के जीपीएफ भुगतान के लिए जारी आदेश में आवश्यक संशोधन करने की मांग की है। 



मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों का 22 दिन में होगा जीपीएफ का भुगतान, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय ने प्रक्रिया की तय की समय सीमा

लखनऊ : मदरसों के शिक्षकों और कर्मचारियों के जीपीएफ का अंतिम भुगतान अब 22 दिनों में हो सकेगा। अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय ने जीपीएफ भुगतान समय सीमा तय कर दी है। निदेशायल ने इस संबंध में सभी जिलों में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं।


दरअसल, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय ने मदरसों से 31 मार्च तक सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति की वैधता की जांच के निर्देश दिये हैं। नए निर्देश की वजह से शिक्षक व कर्मचारियों के जीपीएफ का अंतिम भुगतान बीते पांच महीनों से नही हो पा रहा है। ऐसे में मदरसों में कार्यरत करीब 74 शिक्षकों व कर्मचारियों के जीपीएफ के मामले लंबित चल रहे हैं। इस मामले को अमर उजाला में प्रमुखता से उठाये जाने पर अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे रीभा ने जीपीएफ के भुगतान की प्रक्रिया को 22 दिन में पूरा करने का समय तय किया है। उन्होंने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र भेज कर निर्देश दिये है कि सामान्य भविष्य निधि के अंतिम भुगतान के लिये जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की संस्तुति सहित पत्रावली मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार के जरिये एक सप्ताह के भीतर निदेशालय को उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि निदेशालय में जीपीएफ के अंतिम भुगतान से संबंधी सभी कार्यवाही 15 दिन में पूरी की जाएगी।