चयन बोर्ड से धारा 18, 21 हटाए जाने से प्रधानाचार्यों में आक्रोश, जमकर विरोध की तैयारी
प्रधानाचार्य परिषद कार्यसमिति की बैठक में निर्णय का जमकर विरोध
प्रयागराज | माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम में प्रावधानित धारा 21 और 18 को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में हटाए जाने से प्रदेश के प्रधानाचार्य आक्रोशित हैं। शनिवार को आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में प्रधानाचार्य परिषद कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें इस निर्णय का जमकर विरोध किया।
बैठक के प्रारंभ में विजय वैश्य ने कहा कि प्रबंधक, प्रबंध समिति और प्रधानाचार्य मिलकर ही संस्था को आगे बढ़ा सकते हैं। प्रदेश अध्यक्ष बृजेश कुमार शर्मा ने कहा कि पेंशन व्यवस्था समाप्त होने के बाद यह दूसरा ऐसा कदम है, जिससे प्रदेश के प्रधानाचार्य और शिक्षकों की सेवाएं प्रभावित होंगी और उन्हें किसी भी समय सेवा से निकाला जा सकेगा।
प्रदेश के मुख्य संरक्षक डॉ. यज्ञदत्त शर्मा ने कहा कि इस कल्याणकारी राज्य में इस तरह का गया है। कदम दुर्भाग्यपूर्ण है। ग्रीष्मावकाश में प्रधानाचार्य काम करते हैं, लेकिन इसके बदले उन्हें कोई अर्जित अवकाश नहीं दिया जाता। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ग्रीष्मावकाश के बदले उपार्जित अवकाश प्रदान किए जाने का निर्देश देना अपेक्षित है।
प्रदेश संरक्षक डॉ. जेपी मिश्रा ने कहा कि बायोमीट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था प्रधानाचार्य और प्रबंधकों पर अविश्वास है। इसके साथ ही प्रतिदिन सूचनाएं मांगी जा रही हैं, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिनियम और उच्च शिक्षा सेवा आयोग एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग को समाप्त करके चयन आयोग 2023 बनाया गया है।
प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में विभिन्न जनपदों से 130 सदस्य बैठक में शामिल हुए। इस अवसर पर आर्य कन्या डिग्री कॉलेज के प्रबंधक पंकज जायसवाल एवं विजय वैश्य ने समस्त प्रधानाचार्यों को शॉल एवं माला पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में डीएवी कॉलेज के प्राचार्य प्रमोद कुमार उपस्थित रहे।
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