प्राइमरी से बीएड बाहर होने से डीएलएड और बीटीसी को मिलेगी संजीवनी
प्रयागराज : प्राइमरी शिक्षक भर्ती में जून 2018 को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा गजट जारी कर बीएड को भी शामिल करने के निर्णय का राजस्थान बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने विरोध कर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने याचियों के पक्ष में निर्णय दिया था। इस निर्णय के विरोध में सुप्रीम कोर्ट गए बीएड अभ्यर्थियों की याचिका खारिज हो गई। इसी के साथ एनसीटीई का गजट रद हो गया।
इधर, एनसीटीई के आदेश पर उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड को शामिल कर लिया था। उत्तर प्रदेश में प्राइमरी में 69000 शिक्षक भर्ती में बीएड प्रशिक्षित चयनित भी हुए। अब मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने से डीएलएड/बीटीसी, बीएसटीसी अभ्यर्थियों में खुशी है।
इस निर्णय से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षितों को राहत मिली है। प्राइमरी भर्ती में बीएड को भी शामिल कर लिए जाने से डीएलएड प्रशिक्षितों के चयनित होने के अवसर घट गए थे, जिसके कारण डीएलएड का महत्व घटने लगा था। अब डीएलएड प्रशिक्षितों के समक्ष प्राइमरी भर्ती के सभी पदों पर चयनित होने का अवसर रहेगा।
प्रयागराज । कक्षा एक से पांच तक की शिक्षक भर्ती में डीएलएड के पक्ष में फैसला आने के बाद डीएलएड प्रशिक्षण 2023 में प्रवेश बढ़ना तय है। 28 जून 2018 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने अधिसूचना जारी कर बीएड को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मान्य कर दिया था। उसके बाद से साल दर साल डीएलएड का क्रेज घटता गया क्योंकि बीएड करने के बाद कक्षा एक से 12 तक की भर्ती के अर्हता मिलने लगी जबकि डीएलएड करने के बाद कक्षा एक से आठ तक की भर्ती में आवेदन कर सकते थे।
इस साल दो बार मौका देने के बावजूद प्रदेशभर के सरकारी और निजी कॉलेजों में डीएलएड की कुल 2,33,350 सीटों में से 133603 सीटें खाली हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने पंजीकरण के लिए 21 अगस्त तक मौका दिया है।
अभी गौरतलब है कि इससे पहले आवेदन की अंतिम तिथि 28 जुलाई तक 121246 अभ्यर्थियों ने डीएलएड में प्रवेश के लिए पंजीकरण कराया था। इस बार प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) व सीटीई की 10600 और 2974 निजी कॉलेजों की 222750 कुल 233350 सीटों पर प्रवेश होने हैं। यानी आधे से अधिक 1,33,603 सीटें खाली हैं।
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