उच्च शिक्षा : महाविद्यालयों ने स्मार्ट क्लास पर खर्च धनराशि का नहीं दिया विवरण
● शासन ने डिग्री कालेजों से मांगा खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र
● 58 महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लास के लिए दिया था 10 करोड़
प्रयागराज : प्रदेश के 58 राजकीय महाविद्यालयों में 112 स्मार्ट क्लासेज की स्थापना के लिए एक वर्ष पहले 10 करोड़ रुपये दिए गए थे। इन कालेजों में क्लास स्मार्ट हुई या नहीं, इसका विवरण अब तक उच्च शिक्षा निदेशालय को नहीं भेजा गया। अब शासन ने उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगा तो अफसर सक्रिय हुए हैं।
उच्च शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाई का तरीका आधुनिक करने के लिए प्रदेश के 172 राजकीय महाविद्यालयों में से 83 में 154 स्मार्ट क्लास की स्थापना के लिए शासन से पिछले वर्ष स्वीकृति मिली थी। वित्तीय वर्ष 2022-23 में शासन ने 58 कालेजों में 112 स्मार्ट क्लास की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपये स्वीकृत किया था। 8.91 लाख रुपये प्रति स्मार्ट क्लास की दर से कालेजों को धनराशि दी गई। चार अगस्त 2022 को कालेजों के खाते में धनराशि भेज दी गई थी। धनराशि लिए एक वर्ष हो गए लेकिन प्राचार्यों ने इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र निदेशालय को नहीं भेजा। कुछ दिन पहले विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी ने उच्च शिक्षा निदेशक से स्मार्ट क्लास पर खर्च की गई धनराशि का विवरण मांगा। शासन के निर्देश पर सहायक निदेशक डा. जय सिंह ने प्राचार्यों से उपयोगिता प्रमाणपत्र ई - मेल पर मंगवाया। 25 और कालेजों में 42 स्मार्ट क्लास लगाना है। जल्द ही धनराशि अवमुक्त होगी।
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