तबादले के बाद कार्यमुक्ति के लिए धरने पर बैठी शिक्षिकाओं का टूटा धैर्य, सीएम आवास की ओर किया कूच का प्रयास
तबादले के बाद कार्यमुक्ति के लिए कर रहीं हैं आंदोलन, पुलिस ने ईको गार्डेन पहुंचाया
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में हाल में एक से दूसरे जिले में हुए तबादले के बाद कार्य मुक्ति के लिए धरना दे रही शिक्षिकाओं का धैर्य मंगलवार को जवाब दे गया। शिक्षिकाएं एससीआरटी से सीएम आवास की तरफ कूच कर गईं। हालांकि पुलिस ने उन्हें लोहिया पथ पर रोक लिया और बस से ईको गार्डेन पहुंचा दिया।
बेसिक में हाल में हुए तबादले में लगभग शिक्षिकाएं ऐसी हैं, जो 69000 शिक्षक भर्ती की हैं। 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षण का मामला न्यायालय में होने से विभाग ने इस भर्ती के शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी है। इससे नाराज महिला शिक्षिकाएं सोमवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय पर देर शाम तक धरने पर बैठी थीं।
मंगलवार सुबह वह एससीआरटी पहुंच गईं और फिर धरना शुरू कर दिया। उन्हें यह उम्मीद थी कि बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल यहां मिलेंगे और उनकी इस मुद्दे पर वार्ता होगी।
लेकिन दोपहर तक सचिव यहां नहीं पहुंचे। छोटे-छोटे बच्चे लेकर धरने में शामिल महिला शिक्षिकाएं नाराज होकर सीएम आवास की ओर कूच करने निकल गईं। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगी।
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद कार्यमुक्त करने की मांग पर फिर महिला शिक्षकों ने निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना प्रदर्शन किया। इसबार कई महिला शिक्षक छोटे-छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठीं। शाम को महिला शिक्षक परिसर स्थित राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान के कार्यालय के बाहर देर शाम तक धरने पर बैठी रहीं।
महिला शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी एक जुलाई का आदेश रद्द करने और कार्यमुक्ति पर लगी रोक हटाने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि यह रोक केवल 69 हजार शिक्षक भर्ती वाली महिला शिक्षकों पर लगाई है।
शिक्षिकाओं ने बताया कि परिषद के दो जून के आदेश पर अंतर्जनपदीय स्थानांतरण हुआ। काउंसलिंग हो गई। विद्यालय और बीआरसी से रिलीविंग हो गई। फिर परिषद के एक जुलाई को न्यायालय में विचाराधीन एक मुकदमें के आधार पर 69 हजार शिक्षक भर्ती की महिला शिक्षकों को कार्यमुक्त न किए जाने का आदेश जारी हो गया।
अन्य ट्रांसफर हुई शिक्षिकाएं रिलीव हो गई उनको विद्यालय भी आवंटित हो गए। अब जब कभी स्थानांतरण होगा तो हम वहां जूनियर हो जाएंगे। महिला शिक्षकों का दावा है कि इस आदेश से प्रदेश भर की चार हजार अधिक शिक्षिकाएं प्रभावित हुई हैं।
मानक पूरा करने पर हुआ तबादला
महिला शिक्षकों का कहना था कि 69 हजार शिक्षक भर्ती की शिक्षिकाओं को दो वर्ष सेवा पूरी करने के बाद ही गृह जनपद में स्थानांतरण का पात्र माना गया। परिषद द्वारा पोर्टल से मानकों के आधार पर स्थानांतरण हुआ। महिला शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि कार्यमुक्त का आदेश नहीं दिया गया तो वह धरना जारी रखने को मजबूर होंगी।
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