शिक्षा मित्रों को शिक्षकों के समान वेतन नहीं, फिलहाल, मानदेय बढ़ाने की भी कोई योजना नहीं
लखनऊ । शिक्षा मित्रों को शिक्षकों के समान वेतनमान नहीं दिया जा सकता। दोनों की नियुक्ति की प्रकृति एवं शर्ते भिन्न हैं। विधान परिषद में बुधवार को सपा के डा. मानसिंह यादव के एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने यह स्पष्ट किया।
उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने की भी कोई योजना नहीं है। इस पर सपा सदस्यों ने कहा कि कुछ मानदेय ही बढ़वा दीजिए। संदीप सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने ही 3500 से बढ़ाकर उनका मानदेय 10,000 रुपये किया था। फिलहाल, मानदेय बढ़ाने की भी कोई योजना नहीं है। पूर्व में 15240 शिक्षा मित्र जो सहायक अध्यापक की अर्हता पूरी करते थे, उन्हें नियुक्ति दी जा चुकी है।
शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के मुद्दे पर सपा का वॉकआउट
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा, मानदेय बढ़ाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं
लखनऊ। विधान परिषद में शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के मुद्दे पर सपा सदस्यों ने वॉकआउट किया। वे शिक्षामित्रों के लिए समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे थे। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि फिलहाल मानदेय बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
सपा के डॉ. मान सिंह यादव ने कहा कि कम मानदेय के कारण करीब 9 हजार शिक्षामित्र आत्महत्या कर चुके हैं। भाजपा के सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि यह आंकड़ा भरोसेमंद नहीं है। इस पर सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि डॉ. मान सिंह यादव जानकारी का स्रोत बताएं। अगर यह जानकारी ठीक न हो तो सदन में कही अपनी बात वापस लें ।
जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि नियुक्ति की प्रकृति एवं शर्तें भिन्न होने से कार्य भी अलग-अलग हैं। इसलिए शिक्षामित्रों की अन्य सहायक अध्यापकों से तुलना करना औचित्यपूर्ण नहीं है। भाजपा के अशोक कटारिया ने कहा कि दोनों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी अलग-अलग है। इस पर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस के बाद सपा सदस्यों ने सदन से बाहर चले गए।
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