प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड हटने पर डीएलएड में प्रवेश को होड़, पांच दिन में ही दो लाख से ज्यादा आवेदन
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) में प्रवेश लेने के लिए आवेदन ले रहा है।
2,33,350 सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया के शुरू के 25 दिन में करीब 60 हजार आवेदन ही हुए। कम आवेदन को देखते हुए 15 दिन तिथि बढ़ाई गई तो कुल आवेदनों की संख्या 1,21,246 पहुंच गई। फिर भी सीट के आधे आवेदन न होने से 15 दिन तिथि फिर बढ़ाई गई तो कुछ आवेदन बढ़े, लेकिन संतोषजनक स्थिति नहीं रही।
इसी बीच एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बीएड बाहर हो गया। उसके बाद डीएलएड में प्रवेश के लिए आवेदन का ग्राफ तेजी से बढ़ा। स्थिति यह रही कि करीब पांच दिन में ही दो लाख से ज्यादा आवेदन हो गए।
बीएड की डिग्री अमान्य हुई तो बढ़ गए डीएलएड करने वाले, हफ्ते भर में तीन गुना बढ़ गए डीएलएड में आवेदन, जानिए! आवेदन बढ़ने की असल वजह?
आवेदन की तारीख बढ़ने के बाद अभी और आवेदन का अनुमान
लखनऊ : प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए वीएड की डिग्री को अमान्य किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में डीएलएड (वीटीसी) में आवेदन तीन गुना बढ़ गए। एक वार अंतिम तारीख बढ़ाने के बावजूद 11 अगस्त तक सिर्फ 1.2 लाख आवेदन आए थे। उसके वाद यह संख्या 3.40 लाख पहुंच गई है। यह हाल तब है जब पांच दिन से वेबसाइट बंद होने के कारण अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सके। ऐसे में दोबारा तारीख बढ़ी तो यह संख्या और भी ज्यादा हो सकती है।
डीएलएड में दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया जुलाई से चल रही है। पहले इसके लिए 30 जुलाई आखिरी तारीख तय की गई थी। उसमें एक लाख से भी कम आवेदन आए थे। इसे देखते हुए आवेदन करने की तारीख बढ़ाकर 21 अगस्त कर दी गई। उसके बावजूद 11 अगस्त तक सिर्फ 1.20 लाख ही आवेदन आए थे। इस वीच सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया कि वेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए सिर्फ वीटीसी ही अहंता होगी। वीएड वाले वेसिक शिक्षक नहीं वन सकते। उसके बाद से अचानक डीएलएड में आवेदन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती गई। पिछले पांच दिन से वेबसाइट बंद है। इस तरह 11 अगस्त के बाद से एक हफ्ते के अंदर 18 अगस्त तक ही 3.40 लाख आवेदन आ गए।
पिछले वर्षों के मुकाबले भी ज्यादा आवेदन
इस साल डीएलएड में कुल 2.33 लाख सीटें हैं। आवेदन 3.40 लाख आ गए हैं। पिछले वर्षों के मुकाबले आवेदनों की संख्या काफी ज्यादा है। वर्ष 2022 में 2.16 लाख सीटों के मुकाबले महज 1.60 लाख आवेदन आए थे। इसमें से भी सिर्फ 55,677 ने दाखिला लिया था। वहीं 2021 में 2.28 लाख सीटों के मुकाबले 1.64 लाख आवेदन आए थे और 96,134 ने दाखिला लिया था।
आवेदन बढ़ने की असल वजह क्या है?
दरअसल, सामान्य तौर पर बीटीसी (अब डीएलएड) ही बेसिक शिक्षकों के लिए अनिवार्य अर्हता होती है। वहीं बीएड में छठवीं से हाईस्कूल तक पढ़ाने के लिए अर्हता होती है। यूपी समेत कई राज्यों में कुछ साल पहले तक बीटीसी पास वालों की संख्या कम थी और बीएड वालों की ज्यादा। ऐसे में राज्य सरकारों ने बीएड वालों को बेसिक शिक्षक बनने के लिए अनुमति दे दी। शर्त यह थी कि उन्हें छह महीने विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसीलिए इन भर्तियों को विशिष्ट बीटीसी नाम दिया गया। हाल ही में राजस्थान में अभ्यर्थी इसके खिलाफ कोर्ट गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर आदेश जारी कर दिया कि बीएड वाले कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए अर्ह नहीं है। यही वजह है कि प्रदेश में अभी तक युवा बीएड को प्राथमिकता दे रहे थे कि इससे प्राइमरी और हाईस्कूल तक दोनों जगह नौकरी का मौका था। अब बीएड वालों पर बेसिक में रोक लग गई तो वे फिर उन्होंने डीएलएड को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है। इसकी वजह ये कि प्राइमरी शिक्षक भर्ती के लिए ही ज्यादा भर्तियां निकलती हैं।
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