बेटियों की फीस माफी पर अब फंस गया मानक का पेच, सीएम योगी की अपेक्षाओं पर दो साल से खरे नहीं उतर पा रहे जिम्मेदार
प्रयागराज : निजी स्कूल या कॉलेज में पढ़ रही दो में से एक बहन की फीस माफी के मानक में पेच फंस गया है। अफसर यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि कितनी फीस वापसी होगी। किसी की दो बेटियां निजी स्कूल या कॉलेज में पढ़ रही हैं तो वह बड़ी कक्षा के लिए फीस माफी चाहेगा। इसके अलावा प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक में निजी संस्थाओं की फीस अलग-अलग है। ऐसे में फीस वापसी का क्या मानक हो यह तय करने में अड़चन आ रही है।
आय सीमा को लेकर भी अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की आय सीमा एक लाख रुपये है जबकि सामान्य वर्ग के जिन छात्रों की फीस की भरपाई समाज कल्याण से होती है उनके लिए 2.5 लाख रुपये की सीमा तय है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो अक्तूबर 2021 (गांधी जयंती) को निजी स्कूलों से अपील की थी कि दो बहनें एक साथ पढ़ रही हों तो एक की फीस माफ हो। सीएम ने घोषणा की थी अगर निजी स्कूल ऐसा नहीं करते हैं तो संबंधित विभाग एक छात्रा की फीस का प्रबंध करे।
विधानसभा चुनाव 2022 में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री घोषणा प्रकोष्ठ के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने शिक्षा विभाग के अफसरों से प्रस्ताव मांगा था। इसके बावजूद अब तक अभिभावकों को इसका लाभ नहीं मिल सका है।
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