सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की सेवा सुरक्षा के लिए गरजे शिक्षक
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26 अगस्त 2023
प्रयागराज : सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की सेवा सुरक्षा से संबंधित चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 21 को खत्म किए जाने के विरोध समेत अन्य मांगों को लेकर शिक्षकों ने शुक्रवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के सदस्यों ने विद्यालयों के प्रांतीयकरण करने, कार्यालयों में सिटीजन चार्टर, प्रबंधकीय तानाशाही पर रोक लगाने और वर्षों से लंबित पड़े शिक्षकों के एरियर के भुगतान सहित अन्य मुद्दों और उनके समाधान के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीआईओएस पीएन सिंह को सौंपा।
प्रदेश संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने कहा कि नौ अगस्त को विधानसभा से पारित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक में यह शिक्षक सेवा सुरक्षा अधिनियम- 21 का प्रावधान नहीं मिलेगा। एकीकृत शिक्षा आयोग में यह धारा पुन जोड़ी जाए, अन्यथा इसके लिए सड़क पर संघर्ष करेंगे।
जिलाध्यक्ष मोहम्मद जावेद अध्यक्षता में आयोजित धरने में प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र वर्मा, प्रदेशीय आय-व्यय निरीक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह, प्रदेशीय मंत्री तीर्थ राज पटेल, जिला मंत्री देवराज सिंह, मिथिलेश कुमार मौर्य, गार्गी श्रीवास्तव, सुमन शर्मा, रामचंद्र यादव, महेश यादव, अशोक कनौजिया, राजेश कुमार, सुरेश पासी, हरिशंकर, राजेश विकास, उमापति पटेल आदि ने संबोधित किया।
25 अगस्त 2023
नए शिक्षा चयन आयोग अधिनियम में मांगी शिक्षक सेवा सुरक्षा की धारा
विधेयक में अधिनियम 1982 की धारा 18 व 21 का वर्णन नहीं
धारा 18 में तदर्थ प्रधानाध्यापक की व्यवस्था है एवं 21 में प्रबंधक मनमानी नहीं कर सकेंगे
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का विधेयक सदन में पेश किए जाने पर अधिनियम 2023 की धारा 31 (1) से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 18 एवं 21 को हटाए जाने का शिक्षकों ने विरोध किया है। कहा है कि यह दोनों धाराएं नहीं होने से शिक्षकों की सेवा सुरक्षा खतरे में रहेगी।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उप्र ने प्राथमिक से लेकर उच्च एडेड शिक्षण संस्थानों तक में शिक्षक भर्ती के लिए गठित हो रहे आयोग में दोनों धाराएं जोड़ने की मांग की है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 18 में एडेड माध्यमिक विद्यालयों में चयनित प्रधानाचार्य के सेवानिवृत्त होने पर 60 दिन में नया चयनित प्रधानाचार्य नहीं आने पर विद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षक को तदर्थ प्रधानाचार्य नियुक्त किए जाने एवं उन्हें वेतन दिए जाने की व्यवस्था है।
इसी तरह धारा 21 में बिना चयन बोर्ड की अनुमति के शिक्षक को निलंबित करने का अधिकार प्रबंधतंत्र को नहीं है। शिक्षकों की एक बैठक में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के मंत्री डा. संतोष कुमार शुक्ल ने कहा है कि सदन में पेश किए गए विधेयक में दोनों धाराओं का उल्लेख नहीं है। ऐसे में धारा 21 के हटने से प्रबंध तंत्र उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के पूर्व अनुमोदन के बिना शिक्षकों को निलंबित कर सकेगा।
यह अन्यायपूर्ण है और इससे तानाशाही विचारधारा को बढ़ावा मिलेगा। ऐसी स्थिति में या तो मुकदमे बढ़ेंगे या शिक्षक प्रबंधतंत्र एवं अधिकारियों के कठपुतली बनने को विवश होंगे। डा. अभिषेक मिश्र, डा. योगेंद्र सिंह, डा. उमेश. पूनम आदि शामिल हुए। माध्यमिक शिक्षा मंत्री से यह धाराएं अधिनियम में जोड़ने की मांग की है।
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