बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में जांच के दायरे में अब तक 161 कालेज
• दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम नाग समेत अन्य के विरुद्ध दाखिल होगा दूसरा आरोपपत्र
• घोटाले में एक एनजीओ की भूमिका आई सामने, कुछ और छात्रों के दर्ज होंगे बयान
लखनऊ : बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में प्रदेश के 161 कालेज हैं। हाइजिया समूह की छानबीन में सामने आए तथ्यों के आधार पर इन कालेजों की जांच भी की जा रही है। ईडी मामले में दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम नाग समेत अन्य आरोपितों के विरुद्ध दूसरा आरोपपत्र दाखिल करने की भी तैयारी में है।
सूत्रों का कहना है कि विक्रम नाग पूछताछ में एक एनजीओ की भी भूमिका सामने आई है। एनजीओ का संचालक भी दिव्यांग है, जिसकी मदद से दिव्यांगों के दस्तावेज हाजिया समूह के संचालकों तक पहुंचाए गए थे। ईडी इसे लेकर भी गहनता से छानबीन कर रहा है। ईडी ने हाइजिया समूह के एक संचालक लकी जाफरी की अग्रिम जमानत निरस्त कराने के लिए कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की है।
ईडी ने पहले चरण में लखनऊ के हाइजिया एजुकेशनल ग्रुप के दो संचालकों समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था और दस कालेजों की जांच की थी, जिसके बाद जांच का दायरा बढ़ता चला गया। ईडी लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी, फर्रुखाबाद, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर व अन्य शहरों में स्थित 161 कालेजों की जांच कर रहा है। विभिन्न कालेजों में छात्रवृत्ति का लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों का डाटा खंगाला जा रहा है।
केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के तहत छात्रवृत्ति की रकम हड़पने के लिए फर्जी छात्र-छात्राओं को दर्शाकर उनके खातों में आई रकम को हड़पी गई थी। ईडी दिल्ली व लखनऊ की टीमों ने 16 फरवरी को अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्र- छात्राओं की छात्रवृत्ति के घोटाले को लेकर लखनऊ, हरदोई, फर्रुखाबाद व बाराबंकी समेत छह शहरों में स्थित कालेजों के 22 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी।
अलग-अलग कालेजों से बरामद दस्तावेजों की छानबीन में हाइजिया समूह के संचालकों के नेटवर्क से जुड़े अन्य कालेजों के नाम सामने आए थे। ईडी ने कई छात्रों के बयान दर्ज किए थे। जल्द और छात्रों के बयान दर्ज करने की तैयारी है।
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