यूनिसेफ के सहयोग से यूपी में आंगनबाड़ी केंद्रों का होगा कायाकल्प
लखनऊ, 19 सितंबर । उत्तर प्रदेश सरकार ने यूनिसेफ के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ बनाने के उद्देश्य से आंगनवाड़ी कायाकल्प (एके) योजना शुरू की है।इस योजना का लक्ष्य राज्य के 1.86 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिए अधिक अनुकूल बनाना है। जन्म से लेकर 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों की देखभाल करने वाली, आंगनबाड़ियां हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए प्रारंभिक पोषण, स्वास्थ्य देखभाल और बाल देखभाल के मुख्य प्रदाताओं में से एक हैं।
हालांकि वे पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी ढंग से सक्षम कर रहे हैं, फिर भी वे ग्रेड 1 में औपचारिक स्कूली शिक्षा में प्रवेश करने से पहले बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने में अक्सर पीछे रह जाते हैं।
एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने कहा, ''परिवर्तन 18 संकेतकों के आसपास किया जाएगा। जिसमें बच्चों के अनुकूल शौचालय, मूत्रालय, समूह हाथ धोने की इकाइयां, रेलिंग के साथ रैंप, स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल का प्रावधान, बिजली, मौजूदा संरचनाओं की मरम्मत, नवीनीकरण और अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं।"
अभियान के दौरान मौजूदा संरचनाओं की मरम्मत और नवीनीकरण भी किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास और आईसीडीएस मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा, "आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प बच्चों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।"
शिक्षा विभाग और यूनिसेफ द्वारा वास्तविक समय डैशबोर्ड के साथ 18 प्रमुख कायाकल्प संकेतकों पर एक ऑनलाइन मूल्यांकन-सह-योजना उपकरण पहले ही स्थापित किया जा चुका है।
यूनिसेफ के कुमार बिक्रम ने कहा कि स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण हर बच्चे का अधिकार है। आकर्षक आंगनवाड़ी केंद्र और बच्चों के अनुकूल जल एवं स्वच्छता सेवाएं बच्चों को बीमारियों और कुपोषण से बचाने में मदद करेंगी और बच्चों को केंद्र की ओर आकर्षित करेंगी। ये सभी सुविधाएं बच्चे के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण सेवाएं सुनिश्चित करेंगी और उसके विकास में योगदान देंगी।
लखनऊ : प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों की तस्वीर जल्द बदलेगी। यूनिसेफ के सहयोग से स्वच्छ पेयजल, बाल सुलभ शौचालय, हाथ धोने की व्यवस्था जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया होंगी। इसके लिए बाल विकास, पुष्टाहार विभाग ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। सोमवार को एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया।
प्रशिक्षण में कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों का कायाकल्प बच्चों के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। इसे विभाग के सभी अफसरों को मिलकर करना होगा। अभी प्रदेश में 1,89,000 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं।
राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर दी जाने वाली सुविधाएं और सेवाएं बच्चों के अनुकूल बनाई जाएंगी। निदेशक सरनीत कौर ने कहा कि 18 बिंदुओं पर काम होगा।
कई अधिकारी सम्मानित
अच्छे कार्य के लिए अलीगढ़, वाराणसी, लखनऊ, अमेठी और कानपुर नगर के अधिकारियों को सम्मानित किया गया। संचालन अनुपम शांडिल्य ने किया।
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