अब बायोमीट्रिक हाजिरी के बिना नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति, चरणबद्ध तरीके से कॉलेजों को इसे लागू करना होगा
लखनऊ । राज्य सरकार छात्रवृत्ति के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने जा रही है। अगले साल से सभी स्कूल और कॉलेजों में इसे अनिवार्य रूप से लागू करने की तैयारी है। समाज कल्याण विभाग इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जल्द जारी करने जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राज्य सरकार पात्र छात्रों को हर संभव सुविधा देना चाहती है इसीलिए छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था की जा रही है। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए दो साल का समय दिया गया है। इसे लागू करने के लिए समय सारिणी जारी कर दी गई है।
राज्य सरकार हर साल करीब 50 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करती है। दशमोत्तर कक्षा 11 से ऊपर) छात्रवृत्ति पाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने कक्षाओं में विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति अनिवार्य है। इससे कम उपस्थिति पर छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलता है। पहले चरण में सभी बड़े सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था लागू होगी।
कक्षा 9 - 10 के एससी-एसटी छात्रों को मिलेगी 3500 रुपये सालाना छात्रवृत्ति, सरकार ने 500 रुपये बढ़ाई छात्रवृत्ति, 31 मार्च तक करें आवेदन
स्वच्छता कार्यों से जुड़े परिवारों के बच्चों को भी मिलेगी सहायता
हाईस्कूल के एससी-एसटी छात्रों को अब 3500 रुपये सालाना छात्रवृत्ति
नई नियमावली को मंजूरी, कक्षा-9 व 10 में लाभ के लिए आयुसीमा भी लागू
अब तक था 3000 रुपये सालाना वजीफा, अस्वच्छ पेशे वालों के बच्चे भी दायरे में
लखनऊ : प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति के कक्षा 9 व 10 के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति अब 3000 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये सालाना कर दी गई है। इन छात्रों को लाभ देने के लिए आयुसीमा भी 12-20 वर्ष तक निर्धारित कर दी गई है। वहीं, दशमोत्तर कक्षाओं (दस से ऊपर) में योजना का लाभ लेने के लिए छात्र तभी पात्र माने जाएंगे, जब पिछली कक्षा में उनके न्यूनतम 50 फीसदी अंक हों।
राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की नई नियमावली को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार कक्षा 9 व 10 में एससी- एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति पहले ही बढ़ाकर 3500 रुपये सालाना कर चुकी है। उन्हीं दरों को यूपी ने भी स्वीकार कर लिया गया है। पहली बार एससी-एसटी छात्रों के साथ अस्वच्छ पेशे में शामिल रहे परिवारों के छात्रों को भी एक श्रेणी के तहत इस लाभ के दायरे में लाया गया है। योजना का लाभ हर वर्ष करीब 50 लाख से ज्यादा छात्र पाते हैं।
दशमोत्तर कक्षाओं में 40 साल से अधिक आयु के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, यह आयुसीमा शोध छात्रों पर लागू नहीं होगी। कोई भी अकादमिक पाठ्यक्रम (बीए, बीएससी, बीकॉम) बीच में छोड़कर उसी के समकक्ष दूसरे व्यावसायिक पाठ्यक्रम (बीटेक, एमबीबीएस आदि) में दाखिला लेने पर योजना का लाभ दिया जाएगा, बशर्ते दूसरे पाठ्यक्रम में वैधानिक प्रवेश परीक्षा के जरिये दाखिला लिया हो अब तक दूसरे पाठ्यक्रम में दाखिला लेने पर पहले वर्ष में लाभ नहीं मिलता था।
मैनेजमेंट कोटे वालों को नहीं मिलेगा लाभ
प्रवेश परीक्षा के बिना मैनेजमेंट कोटे में दाखिला लेने वालों को छात्रवृत्ति या शुल्क भरपाई नहीं होगी। बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। यह व्यवस्था वर्ष 2025 से अनिवार्य की जाएगी।
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