69 हजार शिक्षक भर्ती : एक अंक विवाद मामले में अफसर पेश, अगली सुनवाई 25 सितंबर को
राज्य सरकार को अवमानना मामले में कार्रवाई का ब्योरा पेश करने का दिया मौका
लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को रिट कोर्ट के आदेश के अनुपालन का ब्योरा पेश करने के लिए 10 दिन का और समय दिया है। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने यह आदेश अभ्यर्थी सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर दिया।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव दीपक कुमार व अन्य पक्षकारों से रिट कोर्ट के 20 दिसंबर 2021 के फैसले के तहत प्रस्तावित कार्रवाई का ब्योरा मांगा था, जिसे सरकार की ओर से पेश नहीं किया गया। सरकारी वकील ने इसके लिए और समय देने का आग्रह किया, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।
हालांकि कोर्ट ने ताकीद किया था कि पहले के आदेश के पालन का हलफनामा 11 सितंबर तक दाखिल न होने पर पक्षकार दो अफसरों सचिव बेसिक शिक्षा प्रताप सिंह भगेल और परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी कोर्ट में पेश होंगे। आदेश पालन हलफनामा सोमवार को दाखिल न होने पर दोनों अफसर कोर्ट में हुए। कोर्ट ने इन्हें अगली सुनवाई पर 25 सितंबर को फिर पेश होने का आदेश दिया।
याची का कहना था कि 20 दिसंबर 2021 को शैक्षिक परिभाषा वाले प्रश्न पर रिट कोर्ट ने न्यायालय की शरण में आए अभ्यर्थियों को 1 अतिरिक्त अंक प्रदान करते हुए मेरिट के अनुसार नियुक्ति का आदेश दिया था। लेकिन अभी तक आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। जबकि इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका खारिज होने के बाद रिट कोर्ट का निर्णय पुष्ट हो गया है। इससे करीब 1000 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है। इसे रिट कोर्ट के आदेश की अवहेलना कहते हुए यह अवमानना याचिका दाखिल की गई। वकीलों की हड़ताल की वजह से याची स्वयं पेश हुई और कोर्ट में अपना पक्ष रखा।
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