एक अंक विवाद मामले में अवमानना की सुनवाई 11 अक्टूबर को
लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक अंक विवाद मामले में याची सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 11 अक्तूबर की तिथि नियत की है। साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि यदि मामले में रिट कोर्ट के आदेश का अक्षरश पालन नहीं होता है तो सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को कोर्ट के समक्ष पुन हाजिर होना होगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने सुरंगमा शुक्ला की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि भर्ती परीक्षा के शैक्षिक परिभाषा के एक प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट ऑफ गुणांक के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश पारित किया गया था। इस आदेश के विरुद्ध सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी लेकिन 9 नवंबर 2022 को अपील खारिज हो गई।
लखनऊ। प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को पहले दिए गए रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर इसका ब्योरा पेश करने को और समय दिया है।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव दीपक कुमार व अन्य पक्षकारों से, रिट कोर्ट के 20 दिसंबर 2021 के फैसले के तहत प्रस्तावित कारवाई का ब्योरा मांगा था। जो, सरकार की ओर से पेश नहीं किया गया। सरकारी वकील ने इसके लिए और समय देने का आग्रह किया। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।
साथ ही सख्त रुख अपनाकर तकीद किया था कि तत्परता से पहले के आदेश के पालन का हलफ़नामा दाखिल न होने पर पक्षकार दो अफसरों सचिव - बेसिक शिक्षा प्रताप सिंह भगेल और परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को कोर्ट में पेश होंगें। आदेश पालन हलफ़नामा सोमवार को दाखिल न होने पर यह दोंनो अफसर कोर्ट में पेश हुए।
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने यह आदेश अभ्यर्थी सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर दिया।
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