अध्यापक सेवा सुरक्षा के लिए बनाया संयुक्त मोर्चा, निर्णायक संघर्ष के लिए आठ शिक्षक संगठन एकजुट हुए
प्रयागराज । नौ अगस्त को विधानसभा से पारित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक में प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों तथा प्रधानाचार्यों की सेवा सुरक्षा का प्रावधान समाप्त करने के खिलाफ निर्णायक संघर्ष के लिए आठ शिक्षक संगठन एकजुट हुए हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के आह्वान पर रविवार को विज्ञान परिषद् में आयोजित बैठक में माध्यमिक शिक्षक संघ के ठकुराई, पांडेय, एकजुट, सेवारत गुट, आदर्श माध्यमिक शिक्षक संघ, शिक्षक महासभा, संयुक्त शिक्षक संघ और माध्यमिक शिक्षणेत्तर एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित हुए।
बैठक में शिक्षकों के व्यापक हित में सभी संगठन के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर संघर्ष करने पर विचार-विमर्श किया। साथ ही समन्वित संघर्ष के लिए ‘उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा)’ के गठन का निर्णय लिया गया।
नवगठित मोर्चे की कार्यसमिति में सभी संगठनों के अध्यक्ष एवं महामंत्री को सदस्य के रूप में सम्मिलित करते हुए लालमणि द्विवेदी को संयोजक, सभी महामंत्रियों को सहसंयोजक और प्रत्येक संगठन से दो अन्य सदस्यों को सदस्य नामित किया गया। संयुक्त मोर्चा का मीडिया प्रभारी एवं अधिकृत प्रवक्ता श्रवण कुमार कुशवाहा को बनाया गया ।
प्रमुख मांगों में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग 2023 को वापस लेकर चयन बोर्ड अधिनियम 1982 को पुनर्स्थापित करने, सभी माध्यमिक विद्यालयों का राजकीयकरण, पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षा विभाग के कार्यालयों में भ्रष्टाचार रोकने को सिटीजन चार्टर लागू करना आदि शामिल है।
मोर्चे ने 26 सितम्बर को प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में एक दिवसीय चाक डाउन का निर्णय लिया है। जगदीश पांडेय ठकुराई, सोहनलाल वर्मा (एकजुट), रमेश सिंह (सेवारत), डॉ. जितेन्द्र कुमार (पांडेय गुट ), अनिल कुमार (शिक्षक महासभा), मनोज श्रीवास्तव (शिक्षणेत्तर संघ), सुरेन्द्र श्रीवास्तव , राकेश तिवारी, डॉ. उमेश त्यागी आदि उपस्थित रहे
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