अल्पसंख्यक छात्रों को मेरिट के आधार पर मिलेगी छात्रवृत्ति
लखनऊ : राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए मेरिट आधारित व्यवस्था लागू की है। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार प्रमाणीकरण और डीबीटी के माध्यम से अब ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा। शिक्षण संस्थाओं के लिए शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडायस) और उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) कोड की अनिवार्य की गई है। अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मोनिका एस गर्ग ने बुधवार को संशोधित नियमावली जारी की।
अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में पूर्व दशम कक्षाओं के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए मौजूदा जरूरतों को देखते हुए संशोधन किया गया है। नई व्यवस्था में पाठ्यक्रम के आधार पर बजट का अनुपातिक रूप से निर्धारण किया गया है। पूर्व व्यवस्था से नए आवेदकों को प्राथमिकता व वरीयता देने से उच्च मेधा वाले नए आवेदकों का लाभ नहीं मिल पाता था। अल्पसंख्यक छात्रों की उच्च मेधा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मेरिट व्यवस्था लागू की गई है। छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदक का आधार प्रमाणीकरण कराते हुए ऑनलाइन सीधे खाते में भेजने की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा है कि इससे फर्जी, अस्तित्वहीन और गैर संचालित शिक्षण संस्था अब योजना का अनुचित लाभ नहीं ले पाएंगे। पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा उत्तरदायित्व निर्धारित करने के उद्देश्य से शिक्षण संस्थाओं के संस्थान के प्रमुख और नोडल अधिकारी को डिजिटल सिग्नेचर से अभ्यर्थियों का सत्यापन करना होगा।
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