कोटा में बढ़ती आत्महत्याओं को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश, टॉपर्स का बखान नहीं कर सकेंगे कोचिंग संस्थान, टेस्ट के नतीजे भी रखने होंगे गोपनीय
जयपुर। देश के कोचिंग हब कोटा में छात्रों के आत्महत्या करने की घटनाएं बढ़ने के बीच राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत ये संस्थान टॉपर्स छात्रों का बखान नहीं कर सकेंगे। यही नहीं, संस्थानों को नियमित टेस्ट के नतीजे गोपनीय रखने का निर्देश भी दिया गया है।
राज्य सरकार ने कोचिंग संस्थानों और अन्य हितधारकों के परामर्श के बाद शिक्षा सचिव भवानी सिंह | देथा की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति गठित की थी। इसके कुछ दिन बाद अब नौ पन्नों के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें इजी एग्जिट एवं हेल्पलाइन सेवाओं के अलावा 24 घंटे निगरानी व्यवस्था सुचारू रखने को भी कहा गया है। इसके अलावा संस्थानों की ओर से रिफंड पॉलिसी अपनाने पर भी जोर दिया गया।
काउंसलिंग एवं ट्रेनिंग संबंधित दिशा-निर्देश के तहत छात्रों पर मानसिक दबाव घटाने के कई उपाय सुझाए गए हैं। सरकार की ओर से जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को भी जिले के कोचिंग संस्थानों में दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि कोटा शहर में इस साल 23 छात्रों ने आत्महत्या की है, जो अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। पिछले साल यह आंकड़ा 15 था।
नौवीं कक्षा से पहले प्रवेश नहीं : दिशा-निर्देशों के मुताबिक, नौंवी कक्षा से पहले छात्रों को कोचिंग संस्थानों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। छात्रों में मानसिक दबाव दूर करने की जिम्मेदारी कोचिंग संस्थानों की होगी। इसके अलावा छात्रों को हर हफ्ते डेढ़ दिन का अवकाश देना और बच्चों और शिक्षकों का अनुपात संतुलित रखने पर भी जोर दिया गया है।
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