यूपी बोर्ड : परीक्षा में खोया गौरव पाने को मेधावियों पर फोकस, राजकीय स्कूलों से निकलेंगे टॉपर, सचिव ने संभाली कमान, कई साल से टॉप टेन में नहीं आ रहे गवर्नमेंट कॉलेजों के विद्यार्थी
● राजकीय स्कूलों के प्रधानाचार्यों संग बोर्ड सचिव कर रहे बैठक
● कमजोर बच्चों के लिए रेमेडियल क्लास, सचिव करेंगे संवाद
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में राजकीय विद्यालयों का खोया गौरव वापस पाने को खास कवायद शुरू हुई है। पिछले कई सालों से बोर्ड की टॉप टेन मेरिट में प्रदेश के राजकीय स्कूलों के छात्र-छात्राएं जगह नहीं बना पा रहे। इसके बजाय कम संसाधनवाले वित्तविहीन स्कूलों के मेधावियों का नाम मेरिट में आगे है। 2024 की 10वीं-12वीं परीक्षा में इस परिदृश्य को बदलने के लिए बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने खुद कमान संभाली है।
सचिव ने पिछले दिनों जिले के राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक कर कक्षा 10 व 12 के पांच-दस ऐसे मेधावियों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे जिन्होंने पिछली कक्षा में और वर्तमान सत्र में आयोजित मासिक व यूनिट टेस्ट में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया हो। चयनित छात्र-छात्राओं के शिक्षण, मूल्यांकन, अनुश्रवण व प्रोत्साहन के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम शुरू हो गया है। राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सिविल लाइंस व कटरा, जीजीआईसी गोहरी में इन मेधावियों के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। कक्षावार व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर अतिरिक्त सामग्री भेज रहे है। वहीं कमजोर बच्चों के लिए रेमेडियल क्लास शुरू की गई है।
दिव्यांगों की समस्या समझेंगे विद्यार्थी
प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल सामाजिक विज्ञान के 30 अंकों के प्रोजेक्ट कार्य में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। कक्षा 9 व 10 के छात्र-छात्राएं स्थानीय स्तर पर दिव्यांगों एवं वृद्धों की सूची बनाने, उनकी व्यक्तिगत समस्याओं को समझने के साथ उसे लिपिबद्ध भी करेंगे। वर्तमान समस्या जैसे-यातायात सुरक्षा, महिला सुरक्षा, दिव्यांगजनों की सुरक्षा से सम्बन्धित कुछ घटनाओं को एकत्रित कर उसके बारे में लिखना तथा सरकारी हेल्पलाइनों की जानकारी प्राप्त करेंगे।
प्रोजेक्ट कार्य के तहत महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों एवं दिव्यांगों की सुरक्षा से संबंधित, भारत के स्वाधीनता संग्राम में महिलाओं के योगदान की सूची बनाना, भूगोल में स्थानीय पर्यावरणीय समस्याओं की सूची बनाना तथा निदान का उपाय ढूंढना, नगरों में वर्तमान पर्यावरणीय समस्यों की सूची बनाना तथा उससे बचने के कुछ उपाय लिखना आदि करेंगे।
अभी से मॉडल पेपर पर अभ्यास कराना शुरू
जीजीआईसी सिविल लाइंस की प्रिंसिपल नीलम मिश्रा ने बताया कि इसके लिए अभी से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करने के साथ ही पूर्व के तथा मॉडल प्रश्नपत्र हल करवाए जा रहे हैं। क्लास वर्क, होम वर्क, एक्सरसाइज की नियमित जांच व संशोधन, कठिन प्रश्नों को हल करने का अभ्यास, ओएमआर भरने का अभ्यास, मॉक टेस्ट, प्रश्नबैंक बनवाना, अभिभावकों संग बैठक की जा रही है। छात्र-छात्राओं को उपयोगी अतिरिक्त शिक्षण सामग्री, विषय विशेषज्ञों के विशेष सत्रों का आयोजन, विद्यार्थियों की काउंसिलिंग और उन्हें निरंतर अभिप्रेरित कर रहे हैं।
90 से अधिक परिणाम पर दिया जाएगा प्रशस्तिपत्र
राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों संगठ बैठक में बोर्ड सचिव ने 2023 की परीक्षा में 90 प्रतिशत या अधिक परिणाम देने वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित करने की बात कही है।
कई साल से टॉप टेन में नहीं आ रहे राजकीय स्कूलों के छात्र
कमजोर बच्चों के लिए रेमेडियल क्लास, सचिव करेंगे संवाद
प्रयागराज । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में राजकीय विद्यालयों का खोया गौरव वापस पाने को खास कवायद शुरू हुई है। पिछले कई सालों से बोर्ड की टॉप टेन मेरिट में प्रदेश के राजकीय स्कूलों के छात्र-छात्राएं जगह नहीं बना पा रहे।
इसके बजाय कम संसाधनवाले वित्तविहीन स्कूलों के मेधावियों का नाम मेरिट में आगे है। 2024 की 10वीं-12वीं परीक्षा में इस परिदृश्य को बदलने के लिए बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने खुद कमान संभाली है।
सचिव ने पिछले दिनों जिले के राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक कर कक्षा 10 व 12 के पांच-दस ऐसे मेधावियों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे जिन्होंने पिछली कक्षा में और वर्तमान सत्र में आयोजित मासिक व यूनिट टेस्ट में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया हो।
चयनित छात्र-छात्राओं के शिक्षण, मूल्यांकन, अनुश्रवण व प्रोत्साहन के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम शुरू हो गया है। राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सिविल लाइंस व कटरा, जीजीआईसी गोहरी में इन मेधावियों के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। कक्षावार अतिरिक्त सामग्री भेज रहे है। वहीं कमजोर बच्चों के लिए रेमेडियल क्लास शुरू की गई है।
अभी से मॉडल पेपर पर अभ्यास
जीजीआईसी सिविल लाइंस की प्रिंसिपल नीलम मिश्रा ने बताया कि इसके लिए अभी से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करने के साथ ही पूर्व के तथा मॉडल प्रश्नपत्र हल करवाए जा रहे हैं। क्लास वर्क, होम वर्क, एक्सरसाइज की नियमित जांच व संशोधन, कठिन प्रश्नों को हल करने का अभ्यास, ओएमआर भरने का अभ्यास, मॉक टेस्ट, प्रश्न बैंक बनवाना, अभिभावकों संग बैठक की जा रही है।
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