पदों के घालमेल से घट रहे राजकीय पुरुष शिक्षकों के पद
प्रयागराज : सभी विभागों के रिक्त पदों को भरने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के पुरुष संवर्ग के शिक्षक पदों पर घालमेल से असमंजस है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भर्ती व्यवस्था से लेकर पदोन्नति एवं निदेशालय में पटल निर्धारण पुरुष और महिला संवर्ग के लिए अलग-अलग है। इसके विपरीत पुरुष संवर्ग के विद्यालयों में महिलाओं की तैनाती किए जाने से स्वीकृत पद तो भरे दिखते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि वह पद पुरुष संवर्ग के हैं। ऐसे में पुरुष संवर्ग के विद्यालयों में पुरुष शिक्षकों की तैनाती की जाए, जिससे पद रिक्त दिखें और उन पर पुरुषों को नियुक्ति मिल सके। इसी तरह कुछ और समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर राजकीय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।
भेजे पत्र में राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय एवं महामंत्री सत्यशंकर मिश्र ने संयुक्त रूप से बताया है कि प्रदेश के लगभग सभी जनपद मुख्यालयों के पुरुष संवर्ग के राजकीय विद्यालयों में काफी संख्या में महिला संवर्ग की शिक्षकाएं कार्यरत हैं, जबकि बालिका विद्यालयों में पद रिक्त पड़े हैं। पुरुष विद्यालयों में महिलाओं की तैनाती से पुरुषों के सृजित पद घट रहे हैं। इसे स्पष्ट कर लिखा है कि जब विभाग रिक्ति की सूचना सौंपता है तो पुरुष संवर्ग के विद्यालयों में महिलाओं के होने के कारण पद भरे दिखाए जाते हैं, जबकि वह पद पुरुषों के हैं और उसे रिक्त दिखाया जाना चाहिए। आरोप लगाया है कि यह स्थिति अधिकारियों के अदूरदर्शी निर्णय से उत्पन्न हुई है। इसके अलावा 10 विषयों में एलटी से प्रवक्ता की पदोन्नति करीब 14 वर्ष से नहीं हुई है। इसके विपरीत 21 मई को हुई डीपीसी में पदोन्नत शिक्षकों की पदस्थापना टुकड़ों - टुकड़ों में की जा रही है। उसमें भी शिक्षक जो विकल्प भर कर देते हैं, उसके विपरीत दूर जिले में मनमाने तरीके से विद्यालय आवंटन कर दिया जाता है। वरिष्ठता का निर्धारण भी समय से नहीं किया जा रहा। वर्ष 2000 से अद्यतन एलटी ग्रेड (स्नातक वेतनक्रम) के शिक्षकों की अंतिम ज्येष्ठता सूची जारी नहीं की गई है।
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