यूपी बोर्ड नकल रोकने के लिए बढ़ाएगा दायरा, घटाएगा केंद्र
प्रयागराज : ज्यादा केंद्र बनने और उनकी निगरानी में कमी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की शुचितापूर्ण परीक्षा में समस्या बनते रहे हैं। वर्ष 2023 की परीक्षा में बने 8753 परीक्षा केंद्रों पर 133 साल्वर पहुंच गए थे। इस मामले में यूपी बोर्ड कार्रवाई करने के पहले इस बात की जांच करा रहा है कि ये साल्वर परीक्षा केंद्र की गड़बड़ी से पहुंचे या उस विद्यालय की मिलीभगत से, जहां से परीक्षार्थियों का परीक्षा फार्म भराया गया था।
इसके साथ ही यूपी बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने वर्ष 2024 की परीक्षा निर्विघ्न कराने के लिए इस बार केंद्र घटाने के लिए केंद्र निर्धारण नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
यूपी बोर्ड का मानना है कि अधिक परीक्षा केंद्र बनने के कारण उसी अनुरूप निगरानी व्यवस्था करनी होती है। ऐसे में शासन की मंशा के अनुरूप इस बार केंद्र कम बनाए जाने की योजना पहले ही तैयार की गई।
इसके लिए परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या अधिकतम 1200 से 1500 करने के साथ ही केंद्र निर्धारण की परिधि भी अधिकतम 10 किमी से 12 किमी तक की गई है। भौगोलिक दृष्टि से कुछ जिलों में विद्यालय की उपलब्धता कम होने पर केंद्र निर्धारण की परिधि अधिकतम 15 किमी तक की गई है।
इस बढ़ी सीमा के चलते अधिक छात्र धारण संख्या वाले और अच्छी छवि के एडेड विद्यालय केंद्र बन सकेंगे। इससे परीक्षा केंद्र घट जाएंगे, जिससे उनकी निगरानी ज्यादा सख्ती से की जा सकेगी। इस नीति से हजार से ज्यादा परीक्षा केंद्र घट सकते हैं।
यूपी बोर्ड : प्रश्नपत्र के लिए अलग कक्ष बनेगा स्ट्रांग रूम
हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा -2024 के लिए केंद्र निर्धारण नीति जारी
20 सितंबर तक अपलोड होंगी स्कूलों की सूचनाएं
प्रयागराज । बोर्ड परीक्षा के केंद्र निर्धारण के लिए स्कूलों की भौतिक संसाधनों की सूचना 20 सितंबर तक वेबसाइट पर अपलोड होगी। डीआईओएस की ओर से गठित समिति द्वारा स्कूलों के बीच दूरी संबंधी जियो लोकेशन की सूचना स्कूल परिसर से एपीआई युक्त नवीन मोबाइल एप के माध्यम से 25 सितंबर तक अपलोड की जाएगी। बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड सूचनाओं का सत्यापन डीएम की गठित समिति के माध्यम से दस अक्टूबर तक कराया जाएगा। केंद्र निर्धारण 28 नवंबर तक पूरा होगा।
🔴 खास बातें
• केंद्र पर परीक्षार्थियों की क्षमता 1200 से बढ़ाकर 1500 की गई।
• जिन वित्तविहीन विद्यालयों में पिछली बार 30 प्रतिशत से ज्यादा अनुपस्थिथि थी, वे केंद्र नहीं बनेंगे।
• प्रबंधकीय विवाद वाले विद्यालय केंद्र नहीं बनाए जाएंगे I
• पिछली तीन परीक्षा में जहां अनियमितता मिली, वे केंद्र नहीं बनेंगे।
• पूर्व में प्रश्नपत्र की गोपनीयता भंग करने वाले विद्यालय भी केंद्र नहीं बनेंगे।
• परीक्षा केंद्र निर्धारण समिति का गठन कर दिया गया है।
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की वर्ष 2024 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए शासन ने आनलाइन प्रक्रिया से केंद्र निर्धारण नीति तय कर दी है। इस नीति के अनुपालन करने के लिए यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी जिलाधिकारियों एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजा है। इस बार प्रश्नपत्रों को उत्तरपुस्तिकाओं से अलग रखा जाएगा। इसके लिए एक अलग कक्ष स्ट्रांग रूम बनाया जाएगा। अनिवार्य मानक पूर्ण करने वाले विद्यालयों के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बालिकाओं को स्वकेंद्र की सुविधा मिलेगी।
यूपी बोर्ड ने निष्पक्ष और निर्विघ्न परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण को लेकर सख्ती बरती है। बोर्ड सचिव का मानना है कि प्रश्नपत्रों की सुरक्षा और केंद्रों की निगरानी सबसे मुख्य होती है। इस कारण बोर्ड ने सभी परीक्षा केंद्रों में प्रश्नपत्रों की सुरक्षा एवं गोपनीयता की दृष्टि से प्रधानाचार्य कक्ष से अलग कक्ष को स्ट्रांग रूम बनाना अनिवार्य किया है। इसमें इस बार उत्तरपुस्तिकाएं नहीं रखी जाएंगी, ताकि किसी अन्य प्रकार की गतिविधि स्ट्रांग रूम न हो सके। यहां डबल लाक युक्त अलमारी की 24 घंटे आनलाइन निगरानी की जाएगी।
यह भी नई व्यवस्था की गई है कि स्ट्रांग रूम में एक अन्य अलमारी की व्यवस्था हो, जिसमें प्रथम बार प्रश्नपत्रों को निकालने के पश्चात वितरण के उपरांत अवशेष प्रश्नपत्रों को तथा बंडल स्लिप को सुरक्षित रखा जाए। इसके अलावा जिन वित्तविहीन विद्यालयों में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट में संयुक्त रूप से बालिका परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होगी, उन्हें सभी मानक पूर्ण करने की दशा में केंद्र बनाने में प्राथमिकता दी जाएगी। संस्थागत / व्यक्तिगत बालक परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र प्रत्येक विद्यालय / अग्रसारण केंद्र से यथासंभव 12 किमी की परिधि में आने वाले विद्यालयों में निर्धारित किया जाएगा।
राजकीय और एडेड विद्यालयों में 1200 परीक्षार्थियों के आवंटन की बाध्यता खत्म
राजकीय और एडेड स्कूलों में 1500 तक बच्चों का बन सकेगा केंद्र
40% स्थायी दिव्यांगता वाले छात्रों को स्वकेंद्र की सुविधा
प्रयागराज । यूपी बोर्ड परीक्षा 2024 में राजकीय और एडेड विद्यालयों में परीक्षार्थियों की अधिकतम संख्या 1200 की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। बोर्ड ने केंद्र निर्धारण नीति में कहा है कि राजकीय व अशासकीय विद्यालयों में क्षमता अधिक है तो वहां पर 1500 परीक्षार्थियों के लिए केंद्र बनाया जा सकता है। सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने सात सितंबर को सभी जिलों के डीआईओएस को केंद्र निर्धारण नीति भेज दी है।
यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए बनाए जाने वाले केंद्रों की दूरी को लेकर हर साल विवाद होता है। ऐसे में यूपी बोर्ड ने परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए स्कूलों के बीच परस्पर दूरी मापने के लिए नया मोबाइल ऐप तैयार कराया है।
इसको स्कूल के प्रधानाचार्यों या जिला समिति के सदस्यों को अपने एंड्रॉइड) फोन वर्जन 10 या उससे बेहतर मोबाइल में बोर्ड की वेबसाइट से डाउनलोड करना होगा।
भौतिक सत्यापन के बाद समिति को डीआईओएस के माध्यम से परिषद की वेबसाइट पर अपडेट करना होगा। साथ ही अपर सचिवों की तरफ से अपने परिक्षेत्र में आने वाले प्रत्येक जिले में रैंडम कम से कम 15 विद्यालयों की आधारभूत सूचनाओं का सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। इसमें सीसीटीवी कैमरा, वायस रिकार्डर, राउटर, डीवीआर, मॉनीटर, हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्श आदि की क्रियाशीलता को जानना होगा।
40% स्थायी दिव्यांगता वाले छात्रों को स्वकेंद्र की सुविधा
प्रयागराज । बोर्ड परीक्षा 2024 को लेकर जारी केंद्र निर्धारण नीति में 40 प्रतिशत स्थायी दिव्यांगता वाले छात्र-छात्राओं को यदि उनका विद्यालय परीक्षा केंद्र बनाया गया है तो डीआईओएस दिव्यांग परीक्षार्थियों को सीएमओ से जारी प्रमाण पत्र की जांच करने के बाद स्वकेंद्र की सुविधा दी जाएगी। अगर ऐसे परीक्षार्थियों के विद्यालय को केंद्र नहीं बनाया गया है तो सात किलोमीटर के अंदर बने केंद्र पर परीक्षार्थियों को समायोजित किया जाएगा।
यूपी बोर्ड में अब परीक्षा केंद्र की दूरियों के मानक में बढ़ोत्तरी, प्रश्नपत्र की निगरानी को लगेंगे नाइटविजन कैमरे
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों की दूरी का नियम बदल दिया गया है। 2024 की बोर्ड परीक्षा में बालक परीक्षार्थियों के लिए 12 किमी दूर तक के स्कूल केंद्र बनेंगे। पिछले साल पांच से 10 किमी दूर के स्कूलों को केंद्र बनाने का नियम था। वहीं बालिकाओं के केंद्र भी पांच की बजाय सात किमी दूर तक बनाए जाएंगे।
शासन के विशेष सचिव डॉ. रुपेश कुमार की ओर से छह सितंबर को जारी केंद्र निर्धारण नीति के अनुसार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं एवं दिव्यांग परीक्षार्थियों को, यदि उनका स्कूल परीक्षा बना है तो स्वकेंद्र की सुविधा दी जाएगी और ऐसा नहीं होने पर यथासंभव सात किमी दूर तक के स्कूल केंद्र आवंटित होगा।
पिछले साल पांच किमी दूर तक के स्कूलों को केंद्र बनाने का नियम था। इसके अलावा विषम भौगोलिक परिस्थिति और विद्यालय न होने पर 10वीं-12वीं के परीक्षार्थियों को करीब के स्कूल या अधिकतम 15 किमी परिधि के अंदर परीक्षा केंद्र आवंटित किया जा सकता है। परीक्षा केंद्रों का निर्धारण 28 नवंबर तक पूरा हो जाएगा।
प्रश्नपत्र की निगरानी को लगेंगे नाइटविजन कैमरे
परीक्षा केन्द्रों में प्रश्नपत्रों को रखने के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम की निगरानी रात में भी अच्छी तरह से करने के लिए स्ट्रांगरूम एवं प्रश्नपत्रों की डबल लॉक अलमारी की निगरानी करने के उद्देश्य से अच्छे क्वालिटी के नाइटविजन वाले सीसीटीवी कैमरे ही लगाए जाएंगे।
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