आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को मिलेगा गर्म भोजन, हॉट कुक्ड फूड के लिए मिड डे मील के मेन्यू को मंजूरी देने की तैयारी
🆕
लखनऊ। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ रहे तीन से छह साल के बच्चों को भी गर्म भोजन मिलेगा। प्रदेश सरकार इसके सुचारू संचालन के लिए मिड डे मील की तर्ज पर एक समान मेन्यू रखने की तैयारी कर रही है। यहां भी सप्ताह में बच्चों को वही भोजन परोसा जाएगा, जो मिड डे मील में बेसिक विद्यालयों के बच्चों को परोसा जाता है।
हाल ही में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में हॉट कुक्ड मील (गर्म पका हुआ भोजन) संबंधी राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा गया है। टास्क फोर्स इस पर निर्णय लेगी, जिस पर सीएम का अनुमोदन लिया जाएगा। प्रदेश में लगभग 65 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में (को-लोकेटेड) स्थित हैं। ऐसे में इन्हीं विद्यालयों की रसोई में भोजन पकाया जाना है। इसलिए पीएम पोषण योजना (मिड डे मील) के समान ही मेन्यू रखने का प्रस्ताव है।
प्रस्ताव के अनुसार मेन्यू में सोमवार को रोटी, सोयाबीन की बड़ी युक्त मौसमी सब्जी व ताजा मौसमी फल होंगे। मंगलवार को चावल व सब्जी युक्त दाल, बुधवार को मौसमी सब्जी व सोयाबीन की बड़ी युक्त तहरी, बृहस्पतिवार को रोटी व सब्जी के साथ दाल, शुक्रवार को मौसमी सब्जी व सोयाबीन की बड़ी युक्त तहरी और शनिवार को चावल व सब्जी के साथ दाल दी जाएगी। इसमें श्री अन्न को प्राथमिकता दी जाएगी।
बैठक में निर्देश दिए गए कि आंगनबाड़ी केंद्रों को 200 मीटर की परिधि में स्थित प्राथमिक विद्यालय से संबद्ध किया जाए। आंगनबाड़ी केंद्र तक तैयार भोजन पहुंचाने और बच्चों में वितरित करने का दायित्व आंगनबाड़ी सहायिकाओं को दिया जाए। 200 मीटर की परिधि में दो विद्यालय होने पर पास के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्राथमिकता दी जाए। जानकारी के अनुसार इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए बजट भी आवंटित किया जाएगा।
अब 15 नवंबर के बाद आंगनबाडी केंद्रों में बच्चों को मिलेगा गर्म भोजन
• नवरात्र से गर्म भोजन देने के मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पूरा नहीं कर सका विभाग
• सात वर्ष वाद आंगनवाडी केंद्रों में शुरू होने जा रही हाट एंड कुक्ड मील योजना
लखनऊ : आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों को पका हुआ गर्म भोजन मिलने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। नवरात्र से बच्चों को गर्म भोजन परोसने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग पूरा नहीं कर सका है। अब 15 नवंबर के आस-पास ही यह योजना शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले तीन से छह वर्ष के बच्चों को बेसिक स्कूलों की तर्ज पर गर्म खाना परोसने का निर्णय लिया है। वर्ष 2016 से बंद चल रही इस योजना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिर से शुरू करवाया है। सरकार ने को- लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों तथा नान को - लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अलग-अलग व्यवस्था बनाई है। को- लोकेटेड आंगनबाड़ी, ऐसे केंद्र हैं, जो ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रांगण में या फिर उनसे 200 मीटर की दूरी पर हैं। प्रदेश में ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 1.21 लाख है।
नान लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं, जो प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संचालित नहीं हो रहे हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में इन आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या लगभग 67,148 है। को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए प्राथमिक विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग किया जाएगा। पीएम पोषण (एमडीएम) की तरह ही आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भी भोजन बनेगा। नान को लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन परोसने तथा बच्चों के खाना खाने के लिए बर्तनों की व्यवस्था संबंधित ग्राम सभा या नगरीय निकाय करेंगे।
बच्चों के पोषण से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना को मुख्यमंत्री नवरात्र से ही शुरू करना चाहते थे, यही कारण है कि 10 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग से इस योजना को पास कराने के बाद उसी दिन शाम को योजना की तैयारियों की बैठक की थी। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद विभाग इसे नवरात्र बीतने के बाद भी अभी तक शुरू नहीं कर सका है।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक सरनीत कौर ब्रोका कहती हैं कि इस योजना को शुरू करने के लिए कई दूसरे विभागों की भी मदद ली जा रही है, इसलिए इसमें समय लग रहा | नवंबर में यह योजना शुरू हो जाएगी, तारीख मुख्यमंत्री से समय मिलने के बाद तय होगी।
No comments:
Write comments