बिना प्रशिक्षण शिक्षक कैसे चलाएंगे टैबलेट? तकनीकी प्रशिक्षण देने की उठ रही आवाज, सिम और इंटरनेट डेटा को लेकर उठे सवालों का नहीं मिल पा रहा जवाब
लखनऊ। प्रदेश के स्कूलों में ऑनलाइन पठन-पाठन को बढ़ावा देने व शिक्षकों छात्रों की रियल टाइम फेस अटेंडेंस लेने के लिए टैबलेट का वितरण किया जा रहा है। लेकिन काफी संख्या में शिक्षक ऐसे हैं, जिनको टैबलेट चलाना ठीक से नहीं आता है। शिक्षकों ने टैबलेट चलाने का तकनीकी प्रशिक्षण देने की मांग की है।
शिक्षकों का कहना है कि उनको यह नहीं बताया गया है कि वह अटेंडेंस लेकर इसे किस तरह से अपलोड करेंगे। शिक्षक सामान्य रूप से मोबाइल चलाना जानते हैं। विद्यालयों को भी वाईफाई नेटवर्क से जोड़ा नहीं गया हैं। विद्यालयों को अनिवार्य रूप से वाईफाई नेटवर्क से जोड़ने के बाद ही टैबलेट से काम लिया जाए। ऐसे में सरकार जबरदस्ती शिक्षकों से सारे विद्यालयी व विभागीय कार्य टैबलेट से करने के लिए दबाव डाल रही है।
मांग उठ रही है कि प्रदेश सरकार शिक्षकों व छात्रों की टैबलेट से फेस अटेंडेंस लेने से पहले शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाए व शिक्षकों की मांगों को पूरा करने के बाद ही नए शैक्षिक सत्र एक अप्रैल 2024 से इस व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए।
दुविधा : हाथों में आए टैबलेट अब ट्रेनिंग का इंतजार, शिक्षकों को प्रयोग, उपस्थिति, प्रशिक्षण एवं अन्य बिन्दुओं के साथ सिम और इंटरनेट डेटा को लेकर उठे सवालों का नहीं मिल पा रहे जवाब
बेसिक शिक्षा विभाग ने दो दिन पहले आए टैबलेट को डीजीएसई की गाइडलाइन के मुताबिक शिक्षकों को वितरित करना शुरू कर दिया है। टैबलेट मिलने के बाद शिक्षकों में इसके प्रयोग, प्रशिक्षण एवं अन्य बिन्दुओं को लेकर कई सवाल थे लेकिन इसका जवाब उन्हें फिलहाल नहीं मिल पाया।
टैबलेट वितरण के दौरान कुछ जगह शिक्षकों के पहचान पत्र भी मांगे गए। पहचान पत्र की संख्या को वितरण रजिस्टर में दर्ज किया गया। टैबलेट को लेकर शिक्षकों के बीच काफी कौतुहल दिखा। विभाग ने पहले ही बता दिया है कि टैबलेट के बारे में आनलाइन एवं आफलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिक्षकों ने पूछा कि टैबलेट में सिम व डाटा कहां से आएगा, इस प्रश्न का अब तक स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। सूत्र बताते हैं। कि इस बारे में बीईओ और बीएसए भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ दिनों में इस बारे में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
एक टैबलेट की एमआरपी 17 हजार से अधिकः बताया जा रहा है कि शिक्षकों को दिए जा रहे एक टैबलेट का अधिकतम खुदरा मूल्य सत्रह हजार से अधिक है। टैबलेट मिलने के बाद शिक्षकों ने इसकी रैम, रोम व अन्य फीचर्स पर नजरें दौड़ाई।
प्रशिक्षण से मिलेंगे सवालों के जवाब: टैबलेट को लेकर शिक्षकों के मन में कई सवाल हैं। जानकारों ने बताया कि टैबलेट का प्रयोग किस तरह से और किन कार्यों में किया जाएगा, इसकी जानकारी प्रशिक्षण के दौरान दी जाएगी। प्रशिक्षण मिलने के बाद शिक्षकों की सारी शंकाएं दूर होने की उम्मीद है।
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