शासन की हरी झंडी के बाद संस्कृत विद्यालयों में डिप्लोमा कोर्स को मान्यता, नए संस्कृत विद्यालयों को मान्यता भी मिली
लखनऊ। प्रदेश के संस्कृत इंटर कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने के लिए शासन ने चार डिप्लोमा कोर्स शुरू करने को हरी झंडी दी थी। इसी क्रम में बुधवार को माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की मान्यता समिति ने आठ विद्यालयों में पुरोहित, व्यावहारिक ज्योतिष, व्यावहारिक वास्तुशास्त्र व योगा पर डिप्लोमा कोर्स चलाने की मान्यता दी है। इसमें प्रवेश नए सत्र में एक जुलाई से होंगे।
इनमें 30-30 सीटों पर प्रवेश होंगे। यह डिप्लोमा कोर्स दो सेमेस्टर और एक साल के होंगे। इसी क्रम में प्रदेश में सात नए विद्यालयों को भी नए सत्र से पठन-पाठन शुरू करने की मान्यता दी गई। परिषद के सचिव आरके तिवारी ने बताया कि कुछ आवेदन अपूर्ण थे, उन्हें पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि परिषद की ओर से प्रतिभा खोज परीक्षा का आयोजन कर प्रदेश भर के 90 छात्र-छात्राओं का चयन किया है। इनको एक हजार महीना छात्रवृत्ति दी जाएगी जो सीधे उनके बैंक खातों मे भेजी जाएगी।
बैठक में अध्यक्ष संस्कृत भारती न्यास जेपी सिंह, एमएलसी श्रीचन्द्र शर्मा, डॉ. ब्रजभूषण ओझा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, उप निरीक्षक संस्कृत पाठशाला, उप शिक्षा निदेशक संस्कृत आदि उपस्थित थे।
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