स्कूली बच्चों को उम्र के अनुसार यौन शिक्षा अनिवार्य करने की विधि आयोग ने की सिफारिश
नई दिल्ली। विधि आयोग ने बच्चों के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को अनिवार्य करने की सिफारिश की है। केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट में आयोग ने बच्चों को यौन उत्पीड़न और इसके विभिन्न रूपों के बारे में जानकारी देने और जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया है।
विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अगुवाई में तैयार रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चों को शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए जरूरी है कि उनको बाल यौन शोषण के बारे में जागरूक किया जाए।
शारीरिक-मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों के बारे में बताएं: आयोग ने कहा है है। कि पाठ्यक्रम में बच्चों को उनके द्वारा अनुभव किए जाने वाले विभिन्न शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों के बारे में जानकारी देने की जरूरत है । आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जैसे सरकारी योजनाओं के उपयोग देश के किशोर आबादी को बाल यौन उत्पीड़न और इस विभिन्न रूपों के बारे में जानकारी देने में किया जाना चाहिए।
पॉक्सो अधिनियम में कुछ राहत का प्रस्तावः यदि किशोरों के रोमांटिक संबंधों के मामलों में पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोपी को कुछ राहत देने की प्रास्ताव किया गया है, जैसा कि इस रिपोर्ट में सिफारिश की गई है। लिहाजा आईपीसी की धारा 376 के तहत दंडनीय धारा 375 में संशोधन के बिना यह अर्थहीन होगा ।
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