परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को राज्य कर्मियों की तरह अवकाश देने पर कमेटी लेगी निर्णय
• उप्र शिक्षक महासंघ के साथ प्रमुख सचिव ने की बैठक
• कैशलेस उपचार की सुविधा छह नवंबर को फिर वार्ता
लखनऊ : उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के पदाधिकारियों और प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम के बीच वार्ता हुई। बैठक में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति अवकाश की सुविधा दिए जाने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया। कमेटी में अधिकारियों के साथ-साथ महासंघ के पदाधिकारी भी रहेंगे।
प्रमुख सचिव ने बताया कि यह कमेटी शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की तरह उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार का अवकाश, प्रतिकर अवकाश एवं अध्ययन अवकाश की सुविधा देने पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम को ध्यान में रखकर निर्णय लेगी। वहीं कैशलेस उपचार की सुविधा शिक्षकों को देने के लिए वित्त विभाग से संभावित व्ययभार का आंकलन कराया जाएगा और फिर कोई निर्णय लिया जाएगा।
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया हर हाल में आठ नवंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए। एमके एस सुंदरम ने बताया कि ऐसे शिक्षक जिनके पारस्परिक स्थानांतरण हुए हैं और दूसरे स्कूल में कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाए हैं, इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुमति मांगी जाएगी। वर्ष 2014 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों को सामूहिक बीमा का लाभ जल्द दिलाया जाएगा।
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की तरह 12 वर्ष की सेवा पूरा करने पर प्रोन्नत वेतनमान देने पर भी विचार किया जाएगा। सचिवालय में हुई बैठक में शिक्षकों की 21 सूत्रीय मांगों में से 12 मांगों पर वार्ता हुई। बाकी पुरानी पेंशन बहाली सहित नौ बिंदुओं पर वार्ता के लिए छह नवंबर को फिर बैठक बुलाई गई है।
प्रमुख सचिव ने शिक्षक संघों की 21 मांगों में 12 मांगों पर सहमति जतायी, शेष मांगों पर 6 नवंबर को पुनः वार्ता
लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमकेएस सुंदरम ने शिक्षकों की पदोन्नति, उपार्जित व प्रतिकर अवकाश, सामूहिक बीमा, कैशलेश इलाज समेत 12 बिन्दुओं पर सोमवार को वार्ता की। पदोन्नति की कार्रवाई आठ नवम्बर तक पूरी कर ली जाएगी।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में शिक्षकों की लंबित 21 सूत्री मांग पत्र में एक से 12 पर सहमित जतायी। अन्य मांगों पर छह नवंबर दोबारा वार्ता करेंगे। शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की तर्ज पर उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, प्रतिकर अवकाश एवं अध्ययन अवकाश की अनुमन्यता हेतु एक समिति गठित की जाएगी। समिति में विभागीय अधिकारी व संगठन के पदाधिकारी होंगे। समिति शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा देने के मामले में वित्त विभाग द्वारा व्यय भार का आगमन कराकर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। इस पर अफसरों के साथ मंथन किया जाएगा।
पदोन्नति 8 नवंबर, 2023 तक प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कर ली जाएगी। शिक्षक संगठनों ने लंबित मांगों को लेकर नौ अक्तूबर को निशातगंज स्थित शिक्षा निदेशालय में धरना दिया था। बैठक में स्कूल महानिदेशक विजय किरन आनंद, शिक्षा निदेशक महेंद्र देव, सचिव प्रताप सिंह के अलावा शिक्षक नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी, सुरेश कुमार त्रिपाठी, संजय सिंह, नरेंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे।
नौ अक्तूबर को शिक्षकों के महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय पर धरना देने के बाद शासन के साथ वार्ता तय हुई थी। सोमवार को महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम व विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई।
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ की शासन के साथ सोमवार को पहले चरण की वार्ता में 2014 व उसके बाद नियुक्त शिक्षकों को सामूहिक बीमा का लाभ देने की प्रक्रिया 30 नवंबर तक पूरी करने पर सहमति बनी। साथ ही विभागीय अधिकारियों ने कहा कि परस्पर तबादले (जिले के अंदर व एक से दूसरे जिले में) जाड़े की छुट्टियों से पहले करने के लिए शासनादेश में संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया है।
नौ अक्तूबर को शिक्षकों के महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय पर धरना देने के बाद शासन के साथ वार्ता तय हुई थी। सोमवार को महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम व विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई। तीन घंटे चली बैठक में 12 बिंदुओं पर चर्चा हुई व शेष पर छह नवंबर को फिर से वार्ता होगी।
डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति उपार्जित अवकाश, दूसरे शनिवार को अवकाश, प्रतिकर अवकाश व अध्ययन अवकाश देने पर निर्णय के लिए एक समिति गठित होगी। इसमें विभागीय अधिकारी व संगठन के पदाधिकारी शामिल होंगे। समिति शिक्षा का अधिकार अधिनियम को देखते हुए आवश्यक निर्णय लेगी। शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने पर वित्त विभाग व्यय भार का आगणन करेगा।
इसी तरह बेसिक शिक्षकों की पदोन्नति आठ नवंबर तक हर हाल में सुनिश्चित होगी। बेसिक शिक्षा में चयन वेतनमान में 12 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षकों की भांति प्रोन्नत वेतनमान देने का भी शासन संभावित व्यय भार का आगणन कराकर कार्रवाई करेगा। वहीं ऐसे शिक्षक जिनका चयन एक अप्रैल 2005 से पूर्व हुआ था को केंद्र की भांति पुरानी पेंशन से आच्छादित करने पर भी चर्चा हुई। इस पर पुनर्विचार करने पर बैठक में सहमति बनी।
बैठक में एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी, पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी, संजय सिंह महामंत्री उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, नरेंद्र वर्मा, शिव शंकर पांडेय, राधे रमण त्रिपाठी, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद, शिक्षा निदेशक बेसिक व माध्यमिक महेंद्र देव, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल व संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार उपस्थित थे।
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