तबादलों की प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत, चहेतों के तबादलों की तैयारी का मामला तूल पकड़ने लगा
प्रयागराज। सूबे के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों की अनदेखी करते हुए चहेतों के तबादलों की तैयारी का मामला तूल पकड़ने लगा है। शिक्षक संगठनों ने निदेशालय के अधिकारियों की मनमानी का विरोध शुरू कर दिया है।
17 चहेतों के तबादलों की तैयारी की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गई है। इसके साथ ही महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से भी शिक्षकों ने पत्र भेजकर शिकायत की है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी की तरफ से मुख्यमंत्री को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा गया कि कि प्रदेश के विभिन्न जिलों के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 17 शिक्षकों के स्थानांतरण का प्रस्ताव / पत्रावली मांगने का आदेश नियमों के विरुद्ध है।
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के संस्था प्रधान और अध्यापकों के तबादलों के लिए इंटर शिक्षा अधिनियम 1921 के विनियमों के अध्यय-तीन के विनियम 55 से 61 में ऑनलाइन स्थानांतरण की व्यवस्था बनाई गई है। कानून के मुताबिक सामान्य अध्यापकों के लिए ऑफलाइन व्यवस्था में भी प्रबंधकों से एनओसी लेकर आवेदन की प्रक्रिया कार्यरत विद्यालय से शुरू होती है। इसे जिला विद्यालय निरीक्षक और संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा निदेशालय को अग्रसारित किया जाता है, लेकिन इस मामले में इन 17 शिक्षकों के आवेदन की कोई फाइनल फाइल निदेशालय में उपलब्ध नहीं है।
पिछले सात साल से शिक्षक पारदर्शी और न्याय संगत व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। एडेड विद्यालयों में शिक्षकों के तबादलों की मौजूदा व्यवस्था भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
नियम दरकिनार, सत्रह तबादले को साहब तैयार, एडेड कॉलेज के शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले का है नियम
● संयुक्त शिक्षा निदेशक और डीआईओएस को जारी किया निर्देश
प्रयागराज : प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों के तबादले के कायदे-कानून दरकिनार कर एक बार फिर चहेते शिक्षकों के मनमाने ऑफलाइन ट्रांसफर की तैयारी शुरू हो गई है। तबादले की प्रक्रिया नियमत स्कूल स्तर से शुरू होती है लेकिन इसके उलट शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों से 17 शिक्षकों के एकल स्थानान्तरण का प्रस्ताव और संस्तुति भेजने के निर्देश दिए हैं।
शासन में बैठे अधिकारियों ने छह सितंबर को 11, 21 सितंबर को एक और चार अक्तूबर को चार ‘वीआईपी’ अध्यापकों के ट्रांसफर की फाइल मंगवाने के लिए खुद ही शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया है। जिसके अनुपालन में शिक्षा निदेशालय में उप शिक्षा निदेशक रामचेत ने 25 अक्तूबर को इन 16 शिक्षकों समेत कुल 17 ट्रांसफर की फाइल व प्रस्ताव मंगाने के लिए संबंधित जेडी और डीआईओएस को निर्देश जारी किया है। वैसे तो प्रधानाचार्यों-शिक्षकों के तबादले के लिए ऑनलाइन व्यवस्था है लेकिन विशेष परिस्थितियों में ऑफलाइन स्थानान्तरण का अधिकार शासन में निहित है। उसके लिए शिक्षक को लंबी-चौड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। पहले तो उन्हें दोनों संस्थाओं के प्रबंधकों से एनओसी लेनी पड़ती है। उसके बाद दोनों जिलों के डीआईओएस, दोनों मंडल के जेडी अपनी संस्तुति के साथ अग्रसारित करते हैं। अंत में अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक तबादले की मंजूरी देते हैं। उसके लिए भी समय निर्धारित है और मध्य सत्र में तबादले नहीं होते। लेकिन एक तो मध्य सत्र में तबादले हो रहे हैं उस पर शिक्षकों से आवेदन लेने के बजाय सीधे अफसरों से संस्तुति मांगी जा रही है।
एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के ट्रांसफर में अंधेरगर्दी चल रही है। कानून की उल्टी गंगा बह रही है। बड़ी सिफारिश के बिना ट्रांसफर संभव नहीं है। यह सरकार पिछले सात वर्ष में एक न्याय संगत और पारदर्शी ट्रांसफर की व्यवस्था बनाने में विफल रही है।
लालमणि द्विवेदी, प्रदेश महामंत्री, माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट)
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