16 अक्तूबर को शासन के उच्च अधिकारियों से होगी वार्ता
शिक्षकों ने मांग पत्र महानिदेशक को सौंपा, महानिदेशक ने शिक्षक नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल से मुलाकात कर दिया आश्वासन
लखनऊ । लखनऊ में शिक्षकों ने सोमवार को शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शन किया। दोपहर दो बजे स्कूल महानिदेशक ने शिक्षक नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल से मुलाकात की। वार्ता बैठक में आश्वासन दिया कि निदेशालय स्तर पर लंबित मांगें जल्द पूरी कर दी जाएंगी।
"नीतिगत निर्णयों के लिए 16 अक्तूबर को शिक्षक नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल की शासन के उच्च अधिकारियों से वार्ता कराएंगे। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित 18 सूत्री मांग पत्र उन्हें दिया । शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन के चलते शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चौपट हो गई। ट्रैफिक विभाग के पास पहले से कोई प्लान नहीं था और अंदाजा भी नहीं था कि इतने शिक्षक आ जाएंगे।
अधिकारी सिर्फ आश्वासन ही देते रहे
प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षकों को अधिकारियों ने बंधुआ मजदूर बना दिया है। जब चाहें स्कूल खोल कर शिक्षकों को बुला लेते हैं। शिक्षकों ने स्कूल महानिर्देशक के आदेशों पर नाराजगी जतायी। एक माह में शिक्षकों की मांगों का निराकरण नहीं किये जाने पर बड़ा आन्दोलन होगा।
अफसरों पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, उप्र शिक्षक संघ और उप्र माध्यमिक शिक्षक के नेतृत्व में सोमवार सुबह सात बजे से ही शिक्षकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। 10 बजे तक निदेशालय परिसर खचाखच भर गया। शिक्षक नेताओं ने स्कूल महानेदशक विजय किरण आनंद के दोपहर एक बजे तक निदेशालय न आने पर नाराजगी जताई। मंच से ऐलान कर दिया कि दो बजे तक महानिदेशक वार्ता के लिए नहीं आए तो शिक्षक विधान भवन का घेराव करेंगे। इसके कुछ देर बाद ही स्कूल महानिदेशक दफ्तर पहुंचे और वार्ता के लिए शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों को बुलाया।
ये हैं प्रमुख मांगें
■ पुरानी पेंशन की बहाली
■ राज्य कर्मियों की तरह उपार्जित, द्वितीय शनिवार, प्रतिकर व अध्ययन अवकाश, कैशलेस चिकित्सा
■ माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधी धारा 21, धारा 18 एवं धारा 12 की बहाली
■ प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति एवं तैनाती, सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान, 10 लाख रुपए का सामूहिक बीमा
■ वित्त विहीन स्कूलों के शिक्षकों को समान कार्य, समान वेतन दिया जाये
■ तदर्थ शिक्षकों विनियमित कर नियमित वेतन भुगतान किए जाये
शिक्षक बोले- सरकार से नहीं अफसरों से है हमारी नाराजगी
लखनऊ: प्रदेश के बेसिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों ने सोमवार को लखनऊ में अपनी ताकत दिखाई। उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले बड़ी संख्या में उन्होंने महानिदेशक स्कूली शिक्षा कार्यालय पर प्रदर्शन किया और वहीं धरने पर बैठ गए।
लखनऊ के अलावा अलीगढ़ आगरा, आजमगढ़, कानपुर, गोरखपुर, चित्रकूट, झांसी, देवीपाटन, विंध्याचल, वाराणसी, अयोध्या, बस्ती, बरेली, मुरादाबाद मेरठ, सहारनपुर मंडल से करीब 20 हजार शिक्षक और पदधिकारी इस प्रदर्शन में शामिल थे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद दोपहर एक बजे तक कार्यालय नहीं आए, जिससे नाराज शिक्षक नेताओं ने मंच से घोषणा की कि दो बजे तक वह वार्ता के लिए नहीं आते हैं तो शिक्षक विधानभवन की और कूच करेंगे। इसके बाद महानिदेशक ने महासंघ के प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता की तब धरना खत्म हो सका।
बातचीत में तय हुआ कि शिक्षकों की मांगों को लेकर 16 अक्टूबर को शासन स्तर पर उच्च अधिकारियों से वार्ता होगी। धरने पर बैठे शिक्षक नेताओं ने कहा कि वे सरकार के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उनका आक्रोश शिक्षा अधिकारियों के रवैये को लेकर है।
महासंघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि अधिकारी भ्रम फैला रहे हैं कि शिक्षक सरकार से नाराज हैं। इसी भ्रम में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी बेसिक शिक्षकों को अपमानित कर रहे हैं। आज शिक्षकों ने अपने प्रदर्शन से दिखाया है कि शिक्षक सरकार से नहीं हैं, बल्कि शिक्षा अधिकारी से नाराज हैं।
पदाधिकारियों ने कहा कि धरना एक माह के लिए स्थगित किया जाता है। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो फिर धरना देंगे धरने को महासंघ के संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी, विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने भी संबोधित किया।
उप्र शिक्षक महासंघ के संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधी धारा 21 सेवा चयन आयोग से हटाकर शिक्षकों को प्रबंधतंत्र का गुलाम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षक इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा किए जा रहे शिक्षक विरोधी कार्यों की जानकारी मुख्यमंत्री से मिलकर दी जाएगी। कहा कि शिक्षकों का अपमान करने वाले अधिकारियों का विरोध किया जाएगा।
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