चुनाव ड्यूटी के फेर में न उलझ जाएं बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक तबादले?
बेसिक शिक्षकों को सता रही चिंता, फरवरी से चल रही प्रक्रिया
अब चुनाव ड्यूटी के लिए नाम मांगे जा रहे, देर हुई तो आएंगी कई दिक्कतें
लखनऊ : बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक तबादलों की प्रक्रिया फरवरी से चल रही है। अब शिक्षकों को यह चिंता सता रही है कि जल्द रिलीविंग और नई जगह जॉइनिंग के आदेश न हुए तो फिर ये तबादले उलझ न जाएं। वजह है लोकसभा चुनाव ड्यूटी के लिए अभी से नाम मांगे जा रहे हैं। जल्द रिलीविंग के आदेश न हुए तो फिर उनको दूसरे जिले या ब्लॉक में चुनाव ड्यूटी के लिए जाना होगा।
बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों के साथ ही पारस्परिक अंतरजनपदीय और अंतःजनपदीय तबादलों की प्रक्रिया भी फरवरी में ही शुरू हो गई थी। तब से कई बार आवेदन और फिर जांच में प्रक्रिया उलझी रही। अब यह प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। अब सिर्फ रिलीविंग और जॉइनिंग के आदेश होने हैं। आदेश न होने के पीछे यह वजह बताई जा रही है कि शासनादेश के अनुसार गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में ही तबादले हो सकते हैं।
वहीं शिक्षकों का कहना है कि फरवरी से प्रक्रिया शुरू हुई थी। जैसे अंतरजनपदीय तबादले हुए वैसे ही पारस्परिक के आदेश भी गर्मियों की छुट्टियों में हो सकते थे। अब दिसंबर से सर्दियों की छुट्टियां होंगी। तब तक चुनाव ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में शिक्षकों के तबादले दूसरे जिले और ब्लॉक में हो जाएंगे तो उन्हें अपने पुराने वाले जिले या ब्लॉक में ड्यूटी करने जाना पड़ेगा।
स्कूली शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद का कहना है कि शासनादेश के अनुसार गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में ही तबादले हो सकते हैं। इस आदेश में शिथिलता के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही समय रहते रिलीविंग और जॉइनिंग के आदेश कर दिए जाएंगे।
चुनाव ड्यूटी लगने से पहले तबादले करने की मांग
शिक्षक महासंघ के साथ 25 अक्टूबर की वार्ता में उठेगा मुद्दा
लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के हजारों शिक्षकों का जिले के अंदर और बाहर परस्पर तबादले का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। इधर, लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू हो गई है। शिक्षकों को डर है कि इस चुनाव की वजह से उनका तबादला फंस सकता है। उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के निदेशालय पर धरने के बाद अब 25 अक्तूबर को प्रस्तावित वार्ता में इसका मुद्दा उठेगा।
विभाग में एक से दूसरे जिले में और जिले के अंदर परस्पर तबादले की प्रक्रिया कई महीने से चल रही है। विभाग ने पहले इसकी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कई बार तिथि बढ़ाई और जब प्रक्रिया पूरी हो गई तो यह कहा कि तबादले शासनादेश के अनुसार गर्मी व जाड़े की छुट्टियों में किए जाएंगे। इससे नाराज शिक्षकों ने कई बार बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना-प्रदर्शन भी किया।
अब शिक्षकों को यह डर सताने लगा है कि चुनाव ड्यूटी की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे में अगर दिसंबर में उनका तबादला होता है तो ड्यूटी के डाटा में भी बदलाव करना होगा। वहीं, अगर चुनाव आचार संहिता लग गई तो जाड़े की जगह गर्मी की छुट्टियों तक उनका मामला टल जाएगा। इसे लेकर वे काफी परेशान हैं। इसी तरह फरवरी से चल रही पदोन्नति की प्रक्रिया भी नहीं पूरी हो पाई है।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा कि विभाग को इन सारी समस्याओं को देखते हुए जिले के अंदर और बाहर के परस्पर तबादले जल्द से जल्द करने चाहिए। जिले के अंदर तबादला प्रक्रिया पूरी करने में सिर्फ एक दिन का समय लगना है। पर विभाग मौन साधे हुए है।
शासन में पहले 16 और अब 25 अक्तूबर को वार्ता प्रस्तावित है। इसमें परस्पर तबादले का मामला उठाएंगे। फरवरी से शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया चल रही है लेकिन अभी तक पूरी नहीं हुई। इस देरी के लिए एक भी बीएसए पर कार्रवाई नहीं हुई। अगर शिक्षक से कोई गलती होती है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है। -डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, अध्यक्ष, उप्र शिक्षक महासंघ
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