बीएसए के वेतन रोकने के मनमाने आदेश को हाईकोर्ट ने किया निरस्त
कोर्ट ने कहा कि याची नियमित सहायक अध्यापक है अतः आदेशों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है लेकिन बिना किसी अनुशासनात्मक कार्यवाही और बिना किसी नियम के वेतन नही रोका जा सकता है।
दोस्तीनगर की शिक्षका का रोका दिया था वेतन
शिक्षिका ने हाईकोर्ट दायर की थी याचिका
उन्नाव | कार्यों में रुचि न लेने और मनमानी करने के आरोप पर एक शिक्षिका का वेतन रोकने का बीएसए का आदेश हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ ने रद्द कर वेतन बहाली का आदेश दिया है। बीएसए के आदेश को शिक्षिका ने कोर्ट में चुनौती देते याचिका दायर की थी।
सिकंदरपुर सरोसी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय दोस्तीनगर में तैनात शिक्षिका प्रभा सविता का बीएसए ने वेतन रोका गया था । वेतन रोकने के पीछे काम में रुचि न दिखाने व मनमानी करने की वजह बताई थी। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षो की दलीलों को सुनने के बाद वेतन बाधित आदेश रद्द कर दिया।
हाईकोर्ट ने जारी अपने आदेश में कहा गया कि बिना विभागीय जांच और जांच में दोषी पाए जाने से पहले नियमित कर्मचारी का वेतन रोकने का कोई अधिकार नहीं है। वेतन बहाल किया जाए।
शिक्षिका के वकील धर्मेन्द्र मिश्रा ने बताया कि हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ता एक नियमित सहायक अध्यापिका है तो जाहिर तौर पर उससे वरिष्ठ प्राधिकारी द्वारा पारित आदेशों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन अनुशासनात्मक कार्रवाई का सहारा लिए बिना या कानून के अनुसार आदेश पारित किए बिना याचिकाकर्ता का वेतन नहीं रोका जा सकता है।
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