छात्रों और अभिभावकों को श्री अन्न फसलों के बारे में जागरूक करेंगे गुरू जी
परिषदीय स्कूलों में अब नौनिहाल मिलट्स यानी श्री अन्न फसलों से भी रूबरू होंगे। इन्हें इन फसलों को परिचित कराने के लिए विद्यालयों में गुरूजन टीएलएम में श्रीअन्न को शामिल करेंगे, साथ ही श्रीअन्न से जागरूक करते हुए उन्हें पहचान व उपयोगिता भी बताएंगे। उप्र मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के तहत स्कूल कैरीकुलम के माध्यम से शिक्षकों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है।
ट्रेनिंग में मिलेट्स के बारे में बताते हुये कहा जा रहा है कि विद्यालयों में बनने वाले मिड-डे मील में मिलेट्स एवं सहजन का प्रयोग करें। जिससे बच्चों का बौद्धिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास भी हो सके।
बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के 100-100 शिक्षकों का होगा प्रशिक्षण
मोटा अनाज स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभप्रद है। इस अनाज की खूबियों व उपयोगिता कैसे बढ़ाई जाए, इसके लिए प्रत्येक जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग के 100-100 शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण कृषि विभाग की ओर से दिया जाएगा।
मोटे अनाज की जानकारी अब बच्चों को भी दी जाएगी। ज्वार बाजरा, कोदों, सावां, मडुवा, रागी, रामदाना मूल रूप से हमारी धरोहर हैं। गेंहू और चावल के अधिक चलन के कारण हम इसके महत्व को भूल गए हैं। जबकि आज पूरी दुनिया हमारे श्री अन्न की उपयोगिता को समझ रही है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हमें कई प्रकार की बीमारियों से बचाते है ।
श्री अन्न को बढ़ावा देने व नौनिहालों में इसकी जानकारी देने के लिए मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत शिक्षक प्रशिक्षित होंगे। कृषि विभाग 200 शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें निपुण बनाएगा। ये शिक्षक नौनिहालों को स्कूल में इसकी उपयोगिता बताएंगे। साथ ही अभिभावकों को इसके उत्पादन के प्रति जागरूक करेंगे।
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