Global Trustworthiness Index-2023 Doctors Most Trusted in the world: इप्सॉस ग्लोबल ट्रस्टवर्दीनेस इंडेक्स-2023 का डेटा जारी हुआ है। डेटा के मुताबिक, भारत में टीचर सबसे ज्यादा भरोसेमंद हैं, जबकि पूरी दुनिया में डॉक्टरों को सबसे अधिक ट्रस्टवर्दी बताया गया है। देश में शिक्षकों के बाद आर्म्ड फोर्स के जवान और तीसरे नंबर पर डॉक्टर्स हैं। इनसे अलग, भारत में लोगों को जजों और वैज्ञानिकों पर कम भरोसा है। भारत समेत 31 देशों में 22 हजार 816 लोगों के सैंपल के आधार पर ये डेटा तैयार किया गया है।
भारत के शिक्षकों पर 53%, सशस्त्र बलों पर 52% और डॉक्टरों पर 51% लोगों ने भरोसा जताया। इनके अलावा, वैज्ञानिकों पर 49%, जजों पर 46%, सामान्य पुरुष और महिलाओं पर 46% और बैंकर पर 45% लोगों ने भरोसा जताया। वहीं, ग्लोबल लेवल पर लोगों ने डॉक्टरों पर 58%, वैज्ञानिकों पर 57%, शिक्षकों पर 53% और सशस्त्र बलों के सदस्यों को सबसे ज्यादा भरोसेमंद का दर्जा दिया।
ग्लोबल मार्केट रिसर्चर, इप्सोस इंडिया के CEO अमित अदारकर ने कहा कि भारतीय लोग शिक्षकों, सशस्त्र बलों के सदस्यों और डॉक्टरों पर सबसे अधिक भरोसा करते हैं, जो आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ये सभी प्रोफेशन समर्पण और सेवा से जुड़ा है। ये पेशे हमारे समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं। शिक्षक समाज की नींव बनाते हैं, सशस्त्र बल हमेशा और हर समय हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखने में अदम्य भावना प्रदर्शित करते हैं और डॉक्टर समाज को स्वस्थ रखने के लिए उत्साह प्रदर्शित करते हैं।
अदारकर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब पूरा देश लॉकडाउन में था, इन तीन व्यवसायों ने संक्रमितों की ओर कदम बढ़ाया और देश की सेवा करना जारी रखा। शिक्षक निर्बाध रूप से ऑनलाइन कक्षाओं में चले गए, जिससे छात्रों का सेशन बिना किसी व्यवधान के बच गया। सशस्त्र बलों ने कभी भी सतर्कता में कमी नहीं आने दी और डॉक्टरों ने व्यक्तिगत सुरक्षा की कीमत पर भी सेवा जारी रखी।
जापान और दक्षिण कोरिया को छोड़कर पूरी दुनिया में शिक्षकों पर लोगों की विश्वसनीयता देखी गई। इनके अलावा, भारतीयों ने कैबिनेट मंत्री और सरकारी अधिकारियों पर 39%, राजनेताओं पर 38%, पादरी और पुजारी पर 34%, पुलिस पर 33%, सरकारी नियोक्ता और सिविल सेवकों पर 32%, वकीलों पर 32% और पत्रकारों पर 30% भरोसा जताया। इस मामले में ग्लोबल स्तर पर लोगों की बात की जाए तो 60% लोगों ने राजनेताओं को सबसे अविश्वसनीय माना। इसके बाद 53 फीसदी लोगों ने कैबिनेट मंत्री या फिर सरकारी अधिकारी पर भरोसा जताया। थे।
अदारकर ने इस संबंध में कहा कि भारतीय राजनीति और सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली में काफी पारदर्शिता होने के बावजूद नागरिकों का उन पर अविश्वास बना हुआ है। इस फील्ड से जुड़े लोगों की छवि शुरुआत से ही साफ नहीं रही है। समय-समय पर भ्रष्टाचार के कुछ मामले सामने आने से इनकी छवि खराब हो गई है।
भारत में किसी पेशे से जुड़े लोगों पर कितना भरोसा?
- शिक्षक- 53%
- सशस्त्र बल- 52%
- डॉक्टर- 51%
- वैज्ञानिक- 49%
- जज- 46%
- महिला- 46%
- बैंकर- 45%
- डॉक्टर- 58%
- वैज्ञानिक- 57%
- शिक्षक- 53%
- सशस्त्र बल- 53%
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